नाम बदलने का मामला एआइसीटीइ में अटका

चाईबासा : चाईबासा स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज टेक्नो इंडिया का नाम बदलकर गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज करने का मामला अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) में अटका है. इसकी जानकारी टेक्नो इंडिया ग्रुप के निदेशक मोहित चट्टोपाध्याय ने बुधवार को उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरी से मुलाकात कर दी. उन्होंने कॉलेज का संचालन कर रहा टेक्नो इंडिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2016 5:47 AM

चाईबासा : चाईबासा स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज टेक्नो इंडिया का नाम बदलकर गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज करने का मामला अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) में अटका है. इसकी जानकारी टेक्नो इंडिया ग्रुप के निदेशक मोहित चट्टोपाध्याय ने बुधवार को उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरी से मुलाकात कर दी. उन्होंने कॉलेज का संचालन कर रहा टेक्नो इंडिया ग्रुप का पक्ष रखा.

उन्होंने कहा कि सरकार के साथ समझौता के बाद कैलेंड में इंजीनियरिंग कॉलेज खोला गया. उस दौरान सरकार से कॉलेज के नाम को लेकर किसी तरह का दिशा निर्देश नहीं मिला था. मौखिक राय पर कॉलेज का नाम टेक्नो इंडिया चाईबासा रखा गया.

एआइसीटीइ के चेयरमैन भी नहीं दे सके जवाब
मोहित चट्टोपाध्याय ने उपायुक्त को बताया कि कुछ दिन पहले कॉलेज प्रबंधन की ओर से एआइसीटीइ के चेयरमैन से मुलाकात की गयी. वे भी नाम बदलने में आ रही दिक्कत व देरी पर संतोष जनक जवाब नहीं दे सके. इस बीच इसे लेकर कॉलेज के छात्रों ने आंदोलनात्मक कार्रवाई शुरू की.
इसके कारण इस मुद्दे पर वे भी विद्यार्थियों को ठोस जवाब दे पाने में असमर्थ हैं. कॉलेज की स्थिति से अवगत कराते हुए प्रबंधन ने एआइसीटीइ को अनुस्मारक पत्र लिखा है. टेक्नो इंडिया ग्रुप का पक्ष जानने के बाद उपायुक्त ने मामले के निबटारे के लिये कई सुझाव दिये हैं. इसे जल्द अमल लाने को कहा है. मौके पर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एमके सामंत व प्रशासनिक अधिकारी देवब्रत रहा उपस्थित थे.
नाम बदलने का सरकार ने जारी किया था निर्देश
हालांकि बाद में झारखंड सरकार ने कॉलेज का नाम बदलकर गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रखने का निर्देश जारी किया. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से संबंद्ध होने के कारण कॉलेज प्रबंधन ने इसके लिए आवेदन दिया गया था. इसे गलत आवेदन बताकर उसे समय एआइसीटीइ ने खारिज कर दिया था. एआइसीटीइ ने आवेदन के साथ सरकार व स्थानीय विश्वविद्यालय की एनओसी व प्रकिया राशि मांगी थी. ऑनलाइन फॉरमेट में कॉलेज ने इसे भर दिया था, लेकिन इस बार भी एआइसीटीइ ने कॉलेज का नाम नहीं बदला. इसे लेकर मई में एक बार पिर दस पन्नों का पत्र एआइसीटीइ को लिखा गया.

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