इस गुदड़ी में कैसे पैदा होंगे लाल
चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम का गुदड़ी प्रखंड अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. प्रखंड की दाड़िया कमरोड़ा पंचायत का प्राथमिक विद्यालय रोवावली का मकान जर्जर अवस्था में है. स्कूल में 98 बच्चों का नामांकन है. इनमें से लगभग 75 बच्चे प्रतिदिन स्कूल आते हैं. ये बच्चे जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करते हैं. खंडहरनुमा घर […]
चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम का गुदड़ी प्रखंड अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. प्रखंड की दाड़िया कमरोड़ा पंचायत का प्राथमिक विद्यालय रोवावली का मकान जर्जर अवस्था में है. स्कूल में 98 बच्चों का नामांकन है. इनमें से लगभग 75 बच्चे प्रतिदिन स्कूल आते हैं. ये बच्चे जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करते हैं.
खंडहरनुमा घर में बच्चों की कक्षा लगती है. स्कूल की छत के खपड़े टूट चुके हैं. इसके कारण बारिश होते ही, बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है.
नये भवन की छत से लगातार टपकता है पानी : खंडहरनुमा स्कूल भवन के ठीक बगल में नये भवन बनाये गये हैं. लेकिन, उनकी की छत से लगातार पानी टपकता है. इसके कारण बच्चे वहां भी पढ़ाई नहीं कर पाते. स्कूल भवन के निर्माण का ठेका निरंजन गोप को
इस गुदड़ी में कैसे पैदा…
मिला था. निरंजन गोप की मौत हो चुकी है. तब से स्कूल भवन का काम ठप है. स्कूल प्रांगण का चापाकल भी खराब है. बच्चों को पानी पीने स्कूल से बाहर जाना पड़ता है. स्कूल में दरवाजा व खिड़की तक नहीं है.
केबरा के बनजीरा स्कूल की भी स्थिति दयनीय : गुदड़ी प्रखंड की केबरा पंचायत अंतर्गत बनजीरा स्कूल स्थिति भी दयनीय है. इस स्कूल भवन में दरवाजा खिड़की नहीं लगा है. इस स्कूल के कार्य का ठेका सदानंद महतो को मिला था. सदानंद महतो का भी निधन हो गया है. तब से स्कूल भवन का काम ठप है. यहां भी बच्चों को काफी परेशानी हो रही है.
खंडहर जैसे मकान में चलती हैं कक्षाएं बूंद पड़ते ही हो जाती है स्कूल में छुट्टी
इसी खंडहर में चलता है प्राथमिक विद्यालय रोवावली.