बैठक में नहीं आये आठ अधिकारी, हुआ शो कॉज
डीआरडीए की बैठक. 15 दिनों में जवाब देने का निर्देश प्रबंधन पर्षद की अगली बैठक सितंबर में करने का निर्णय चाईबासा : जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के प्रबंधन पर्षद की बैठक में अनुपस्थित रहे आठ अधिकारियों को अध्यक्ष लालमुनी पूर्ति ने शोकॉज किया है. इन अधिकारियों में कोल्हान प्रमंडल चाईबासा के प्रमंडलीय उप निदेशक पंचायती […]
डीआरडीए की बैठक. 15 दिनों में जवाब देने का निर्देश
प्रबंधन पर्षद की अगली बैठक सितंबर में करने का निर्णय
चाईबासा : जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के प्रबंधन पर्षद की बैठक में अनुपस्थित रहे आठ अधिकारियों को अध्यक्ष लालमुनी पूर्ति ने शोकॉज किया है. इन अधिकारियों में कोल्हान प्रमंडल चाईबासा के प्रमंडलीय उप निदेशक पंचायती राज, डीआरडीए पश्चिम सिंहभूम चाईबासा के निदेशक लेखा प्रशासन व स्वनियोजन, सिंहभूम जिला केंद्रीय सहकारिता बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, झारखंड ग्रामीण बैंक चाईबासा के क्षेत्रीय प्रबंधक,
नाबार्ड पश्चिम सिंहभूम चाईबासा के जिला विकास प्रबंधक, खादी ग्रामोद्योग चाईबासा के प्राचार्य, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया चाईबासा के प्रतिनिधि शामिल हैं. इन्हें 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा गया है. वहीं अधिकतर अधिकारियों के बैठक में उपस्थित नहीं रहने के कारण बैठक सितंबर के अंतिम सप्ताह में करने का निर्णय लिया गया. बैठक में चाईबासा विधायक दीपक बिरूवा, जगन्नाथपुर विधायक गीता कोड़ा, चक्रधरपुर विधायक शशिभूषण सामड, मनोहरपुर विधायतक जोबा माझी, खरसावां विधायक दशरथ गागराई उपस्थित थे.
डीआरडीए का रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश. बैठक में डीआरडीए के अध्यक्ष लालमुनी पूर्ति ने डीआरडीए का दायित्व बदलने के बावजूद नये तरह से रजिस्ट्रेशन नहीं कराये जाने पर नाराजगी जतायी. उन्होंने एक माह में डीआरडीए का नये तरीके से रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया. वहीं अनुकंपा में तपन कुमार दास की पत्नी को नौकरी दिये जाने के मामले को पास कर दिया गया. वहीं पिछली बैठक की कार्रवाई को अनुमोदित कर दिया गया.
बैठक में उपस्थित पदािधकारी.
जनप्रतिनिधि संतुष्ट नहीं हुए, तो फिर से होगी डोभा की जांच
डोभा निर्माण की रिपोर्ट का बैठक में अवलोकन किया. अध्यक्ष ने डोभा निर्माण में हुए घोटाले की जांच रिपोर्ट मांगी. उन्होंने कहा अगली बैठक में उन्हें व सभी जनप्रतिनिधियों को डोभा निर्माण व डोभा घोटाले की जांच रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाये. इसका आवलोकन जनप्रतिनिधि करेंगे. अगर जांच रिपोर्ट से जनप्रतिनिधि संतुष्ट नहीं हुए, तो फिर से डोभा की जांच करायी जायेगी.