27 गांवों को नप में शामिल करने का विरोध

चक्रधरपुर : प्रखंड क्षेत्र के 27 कृषि बहुल गांवों को चक्रधरपुर नगर पर्षद क्षेत्र में शामिल करने का विरोध किया जायेगा. उक्त निर्णय रविवार को आसनतलिया में आयोजित ग्रामीणों की बैठक में ली गयी. बैठक में तय हुआ कि अनुसूचित क्षेत्रों में सामान्य नगरपालिका नियमावली लागू नहीं हो सकता है. भारतीय संविधान में इस बात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2016 5:31 AM

चक्रधरपुर : प्रखंड क्षेत्र के 27 कृषि बहुल गांवों को चक्रधरपुर नगर पर्षद क्षेत्र में शामिल करने का विरोध किया जायेगा. उक्त निर्णय रविवार को आसनतलिया में आयोजित ग्रामीणों की बैठक में ली गयी. बैठक में तय हुआ कि अनुसूचित क्षेत्रों में सामान्य नगरपालिका नियमावली लागू नहीं हो सकता है. भारतीय संविधान में इस बात उल्लेख है कि गांवों में नगरपालिका का कोई नियम या आदेश लागू नहीं हो सकता है, जब तक कि कोई अलग से कानून नहीं बन जाता.

नगरपालिका में उन्हीं क्षेत्रों को शामिल करने का नियम है, जहां तीन चौथाई जनसंख्या कृषि कार्य को छोड़ कर अन्य दूसरे कार्यों में लगे हों. कहा गया कि चक्रधरपुर प्रखंड के जिन 27 गांवों को नगर पर्षद क्षेत्र में शामिल करने की योजना है, वे सभी गांवों कृषक बाहुल्य हैं. एक भी गांव ऐसा नहीं है, जहां तीन चौथाई लोग अन्य कार्य में लगे हों. ग्रामीणों ने कहा कि इन गांवों को नगर पर्षद में शामिल करने का एकमात्र उद्देश्य टैक्स के बोझ से लादना है.

कहा गया कि प्रत्येक राजस्व ग्राम की ग्राम सभा एक प्रशासनिक इकाई है, जिसमें जनता को स्वशासन का अधिकार प्राप्त है. इस व्यवस्था के तहत ही गांवों में खुशहाली है. नगर पर्षद में शामिल होने से गांवों की खुशहाली खत्म हो जायेगी. झामुमो के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष चंपाई बोयपाई ने कहा कि गांवों की खुशहाली और विकास के सिलसिला को खत्म नहीं होने दिया जायेगा. इसलिए नगरपालिका विस्तार का हर संभव विरोध किया जायेगा. इस दौरान आसनतलिया गांव में ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन भी किया.

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