उपभोक्ताओं ने घेरा बिजली कार्यालय

कारनामा. मुर्गी पालक के घर भेजा 92,000 का बिल वार्ड-18 एवं 19 के सभी उपभोक्ताओं को मिला अधिक बिल चक्रधरपुर : चक्रधरपुर का बिजली विभाग विभिन्न कारणों से अक्सर सुर्खियों में रहता है. इस बार अत्यधिक बिजली बिल को लेकर विभाग निशाने पर है. जुलाई तक नियमित भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं के नाम पर अगस्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 1, 2016 5:31 AM

कारनामा. मुर्गी पालक के घर भेजा 92,000 का बिल

वार्ड-18 एवं 19 के सभी उपभोक्ताओं को मिला अधिक बिल
चक्रधरपुर : चक्रधरपुर का बिजली विभाग विभिन्न कारणों से अक्सर सुर्खियों में रहता है. इस बार अत्यधिक बिजली बिल को लेकर विभाग निशाने पर है. जुलाई तक नियमित भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं के नाम पर अगस्त में 92 हजार रुपये तक का बिल भेज दिया गया है. वो भी सिर्फ एक को नहीं, बल्कि वार्ड-18 एवं 19 के सभी उपभोक्ताओं को भेजा गया है. जिन उपभोक्ताओं अधिकतम बिल पांच सौ रुपये तक आता था,
उनका 42 हजार रुपये तक का बिल आया है. इससे वार्ड संख्या 18 व 19 के उपभोक्ता काफी परेशान हैं. एक मुर्गी पालक के घर का बिल 92 हजार रुपये, एक मोटर मेकैनिक के घर का बिल 42 हजार रुपये, एक सामान्य परिवार के घर का बिल 40 हजार रुपये, एक दर्जी के घर का बिल 18 हजार रुपये तक आया है. एक सौ से अधिक उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनका बिल सौ गुना से अधिक आया है.
बुधवार को बिजली कार्यालय पहुंचे उपभोक्ता
विभाग के खिलाफ आक्रोशित उपभोक्ता बुधवार को विद्युत अवर प्रमंडल कार्यालय पहुंचे. उपभोक्ताओं ने विभागीय कर्मियों पर अपनी नाराजगी जाहिर की. सहायक अभियंता से मिल कर अपनी परेशानी रखी. पूरे मामले को जानने के बाद सहायक अभियंता ने उपभोक्ताओं से कहा कि जो बिल आया है. उसका भुगतान करना ही होगा. केवल सुविधा के लिए किस्तों में जमा करने का आदेश दिया जा सकता है. मीटर रीडिंग के बाद ही ये बिल भेजे गये हैं. मीटर की जांच के दौरान जितना यूनिट था, बिल उसी आधार पर भेजा गया है. सहायक अभियंता ने बिल की राशि को दस किस्तों में जमा कराने का आदेश भी निर्गत किया.
क्यों आयी ऐसी नौबत
चक्रधरपुर में कभी भी मीटर रीडिंग नहीं होती है. घर बैठे खर्च किये गये यूनिट को दर्शा दिया जाता था. किसी के यहां अधिक तो किसी के यहां कम बिल भेज दिया जाता था. निजी एजेंसी द्वारा मीटर रीडिंग किये जाने के बाद विभाग द्वारा दर्शाया गये यूनिट और मीटर में दर्ज यूनिट में काफी फर्क था. इस कारण इस तरह का बिल बन कर आया है. केवल वार्ड संख्या 18 या 19 नहीं, बल्कि पूरे चक्रधरपुर में मीटर रीडिंग नहीं होती है. इसलिए आज जो स्थिति वार्ड नंबर 18 व 19 की हुई है, वही स्थिति पूरे शहर की भी हो सकती है.
उपभोक्ता कोर्ट जायेंगे
उपभोक्ताओं का मानना है कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. जुलाई तक का नियमित बिल भुगतान किया जा चुका है. इसलिए कहीं से भी उपभोक्ता इसके जिम्मेदारी नहीं हैं. मीटर रीडिंग कराना विभाग की जिम्मेदारी है. मीटर रीडिंग नहीं की गयी, तो यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है. इसलिए तय किया गया है कि सभी उपभोक्ताओं की ओर से उपभोक्ता कोर्ट में बिजली विभाग के खिलाफ याचिका दायर की जायेगी.
वार्ड-18 व 19 का मामला
बंगलाटांड के युुवा आये आगे
बिजली विभाग के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व बंगलाटांड के युवाक कर रहे हैं. इनमें शादाब ऑवर, सरफराज अहमद, शम्स जुनैद, अनवर खान सोना, मो इकबाल अंसारी, मो अफसर, मो आसिफ, मो कैस, नसीम एकबाल, शाहनवाज आलम, मो वासिफ व सफदर अली आदि ने सहायक अभियंता से मिलने गये थे.

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