पारा शिक्षकों की हड़ताल से चार दर्जन स्कूल बंद

चाईबासा/नोवामुंडी : पारा शिक्षकों की बेमियादी हड़ताल पर चले जाने से तकरीबन चार दर्जन उत्क्रमित प्राथमिक में ताले लटके है. पठन-पाठन पूरी तरह से ठप हो गया है. बच्चों का एमडीएम भी बंद है. दूसरी तरफ पारा शिक्षक संघ के नोवामुंडी प्रखंड अध्यक्ष पुरुषोतम कुमार ने हड़ताल को सफल बताया है. कहा कि प्रखंड में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2016 6:01 AM

चाईबासा/नोवामुंडी : पारा शिक्षकों की बेमियादी हड़ताल पर चले जाने से तकरीबन चार दर्जन उत्क्रमित प्राथमिक में ताले लटके है. पठन-पाठन पूरी तरह से ठप हो गया है. बच्चों का एमडीएम भी बंद है. दूसरी तरफ पारा शिक्षक संघ के नोवामुंडी प्रखंड अध्यक्ष पुरुषोतम कुमार ने हड़ताल को सफल बताया है.

कहा कि प्रखंड में 129 विद्यालय है. इसमे 54 उप्रावि पूरी तरह पारा शिक्षकों के भरोसे चल रहा है. जो हड़ताल से प्रभावित हुये है. इसमें डुकासाइ, पंड्रायबेड़ा, सिंदरीगौरी, चतोंबासाई, हुटूपसुड, तोड़ेतोपा समेत अन्य विद्यालयों के नाम शामिल है. प्रखंड के विद्यालयों के 127 शिक्षक समेत बीआरपी, सीआरपी, परियोजनाकर्मी, जेई, बीपीओ, लेखापाल, चपरासी हड़ताल पर चले गये हैं. इससे काम-काज प्रभावित हुआ.

हड़ताल से निपटने की हो रही है तैयारी : बीइइओ
इस संबंध मे पूछे जाने पर बीइइओ चित्ररेखा देवी ने कहा कि हड़तालियों से निपटने के लिए वैकल्पिक तैयारियां की जा रही है. बंद विद्यालयों में सरकारी शिक्षकों को प्रतिनियोजित किया जायेगा. इसके लिए सरकारी शिक्षकों की सूची मंगायी जा रही है. फिलहाल सरकारी शिक्षक बच्चों के बैंक में खाता खोलों अभियान में जुटे हैं.
कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में डीएसई ने बीइइओ के वेतन निकासी पर लगायी रोक
कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में चाईबासा के डीएसई ने नोवामुंडी के बीइइओ चित्ररेखा देवी की वेतन निकासी पर रोक लगा दी है. इसके कारण विगत दो माह से वेतन का भुगतान बंद है. प्रखंड स्तर पर हर वर्ष बेहतर शैक्षणिक कार्य के लिए पांच शिक्षकों को निर्धारित मानक के आधार पर पुरस्कार के लिए चयनित किया जाता है. चयनित शिक्षकों को पांच हजार रुपये नगद व प्रशस्ती-पत्र दिये जाते हैं. इसके लिए प्रखंड स्तर पर ही पांच सदस्यीय कमेटी गठित की जाती है.
इसमें बीडीओ अध्यक्ष व सीओ, बीइइओ व दो शिक्षक को सदस्य मनोनित किया जाता है. टीम हरेक साल निर्धारित मानकों के अनुसार पड़ताल कर पुरस्कार के लिए शिक्षकों को चयन किया जाता है. तीन साल से शिक्षकों को सम्मानित नहीं किया गया. तीन साल से पुरस्कार मद की 75 हजार रुपये बैंक में पड़े हैं. लेकिन बीइइओ रहस्यमयी चुप्पी साधे रही. हैरत अंगेज बात तो यह कि विगत चुनाव कराने गये शिक्षको को बैंक में जमा राशि को वितरित कर दी. इसके लिए वरीय अधिकारियों से मंतव्य लेने की जरुरत महसूस नही की गयी. जब चुनाव मद की राशि आयी. तब समायोजन किया गया. इस तरह वितीय अनियमतताओं का मामले उजागर हुए.

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