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सरदार पटेल होते तो नहीं होता कश्मीर समस्या : रघुवर दास
।।संवाददाता।। चाईबासा : जिंदा रहते सरदार वल्लभ भाई पटेल को सम्मान नहीं मिला. उपेक्षित सरदरा पटेल को सम्मान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीड़ा उठाया है. इसी उद्देश्य से पूरे देश में सरदार पटेल की जयंती को एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. चाणक्य के बाद देश को एक सूत्र […]
चाईबासा : जिंदा रहते सरदार वल्लभ भाई पटेल को सम्मान नहीं मिला. उपेक्षित सरदरा पटेल को सम्मान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीड़ा उठाया है. इसी उद्देश्य से पूरे देश में सरदार पटेल की जयंती को एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. चाणक्य के बाद देश को एक सूत्र में बांधने वाला दूसरा व्यक्ति सरदार पटेल थे. सरदार पटेल ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा. इस कारण उनको कई लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी.
उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर जिला प्रशासन की ओर आयोजित रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सोमवार को चाईबासा के फुटबॉल मैदान में कही. कार्यक्रम में सिंहभूम सांसद लक्ष्मण गिलुवा, कोल्हान डीआइजी शंभु ठाकुर, टीएसी सदस्य जेबी तुबिद, डीसी डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि, एसपी डॉ माइकल राज एस, नप अध्यक्ष नीला नाग आदि शामिल थे.
पटेल ने दिया एक भारत, हमें बनाना है श्रेष्ठ भारत
सीएम ने कहा कि पटेल ने हमें एक भारत दिया. इस एक भारत को हमें श्रेष्ठ भारत बनाना है. बिखराव से हमें भारत और झारखंड को बचाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरदार पटेल की सोच एक जैसी मिलती है. पटेल का पूरा जीवन देशभक्ति से भरा हुआ था. पटेल के बताये रास्ते पर चलकर हमें देश को एक बनाकर रखना है. 1929 में वल्लभ भाई पटेल को महिलाओं ने सरदार की उपाधि दी. पटेल ने 560 रियासतों को भारत में मिलाया.
सरदार पटेल रहते तो नहीं रहता कश्मीर समस्या
सीएम ने कहा कि सरदार पटेल का निधन 1950 में हो गया. अगर सरदार पटेल 1950 के बाद जीवित रहते तो, कश्मीर समस्या नहीं रहती. कश्मीर हमारा है और हमारा ही रहेगी. मुख्यमंत्री ने कश्मीर समस्या का जिक्र करते हुए बॉर्डर पर तैनात सैनिकों और झारखंड के विभिन्न जंगलों में उग्रवाद से लड़ रहे जवानों को सलामी दी. कहा कि बॉर्डर और देश के अंदर हमें सुरक्षित रखने के लिए हमारे जवान लड़ाई लड़ रहे हैं.
देश व राज्य को बर्बाद करने में लगी है विदेशी ताकतें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विदेशी ताकतें देश और झारखंड को बर्बाद करना चाहती है. लेकिन, हमें एक होकर, इन विदेशी ताकतों का जवाब देना होगा. उग्रवाद हो या आतंकवाद, दोनों का जवाब एकता में ही है. अगर हम एक रहेंगे तो इन दोनों से लड़ाई लड़ने में आसानी होगी. बिना एकता के विकास संभव नहीं है.
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