संशोधन का निर्णय लोगों पर छोड़े सरकार

चाईबासा : अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के उपाध्यक्ष सह आदिवासी संघर्ष मोर्चा के संयोजक मुकेश बिरुवा ने कहा कि झारखंड सरकार सीएनटी एक्ट संशोधन को इज्जत का विषय बना रही है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को आदिवासियों के विकास की चिंता है, तो उनके स्वशासन व्यवस्था को बहाल कर देना चाहिए. संशोधन आदिवासी हित में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2016 6:12 AM

चाईबासा : अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के उपाध्यक्ष सह आदिवासी संघर्ष मोर्चा के संयोजक मुकेश बिरुवा ने कहा कि झारखंड सरकार सीएनटी एक्ट संशोधन को इज्जत का विषय बना रही है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को आदिवासियों के विकास की चिंता है, तो उनके स्वशासन व्यवस्था को बहाल कर देना चाहिए.

संशोधन आदिवासी हित में नहीं, पूंजीपतियों के लिए: चाईबासा. बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष देवेन्द्र नाथ चांपिया और आदिवासी हो समाज सेवानिवृत्त संगठन के सचिव प्रताप सिंह कुंकल ने मंगलवार को सीएनटी में संशोधन का विरोध किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का दावा है कि जनहित में सड़क, सिंचाई योजना, शैक्षणिक संस्थान, विद्युतीकरण, अस्पताल, बैंक, पंचायत भवन व आंगनबाड़ी आदि का सुगमता से निर्माण के लिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन जरूरी है.
ऐसा होता तो अबतक राज्य में एक भी सड़क, सिंचाई योजना, शिक्षण संस्थान आदि का निर्माण नहीं होता. उद्योग के लिए पूंजीपतियों की घुसपैठ कराने की नीयत से सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन करने की साजिश है. सरकार को उक्त एक्ट में संशोधन करने का संवैधानिक अधिकार नहीं है. जनभावना के तहत फैसले को वापस ले सरकार. जनादेश से सत्तासीन सरकार का कर्तव्य है कि संशोधन के फैसले को जनभावना के सम्मान में सरकार को वापस लेना चाहिये.
प्रजातांत्रिक शासन व्यवस्था में जनभावना का कद्र करना ही राजधर्म है. झामुमो ने निकाला मशाल जुलूस: चाईबासा. सीएनटी-एसपीटी एक्ट के संशोधन विधेयक को वापस करने की मांग को लेकर झामुमो ने चाईबासा में मशाल जुलूस निकाला. मशाल जुलूस का शुभारंभ नीमडीह बिरसा चौक से किया गया, जो जैन मार्केट चौक पर जाकर संपन्न हुआ. मौके पर जिला सचिव सोनाराम देवगम, सुभाष बनर्जी, सुनील कुमार सिरका, सतीश सुंडी, रोबिन हांसदा, उदय बिरूली, मधुरनाथ सुंब्रुई, शेखर बारिक, हिमांशु राय, राजू पुरती, सूबेदार बिरूवा आिद उपस्थित थे.

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