नक्सली काशीनाथ ने लोगों को धमका कर काली कमाई जमा करने भेजा था

नोटबंदी. नक्सलियों की राशि जमा करते पकड़ाई महिलाओं को पुलिस ने छोड़ा नोवामुंडी : नक्सलियों की लेवी की राशि एसबीआइ की शाखा में जमा करने के दौरान पकड़े गये तीन ग्रामीणों को नोवामुंडी पुलिस ने मंगलवार को छोड़ दिया. वहीं लेवी की राशि ग्रामीणों के मार्फत वैध राशि कराने के लिए नक्सली काशीनाथ दिघी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2016 6:15 AM

नोटबंदी. नक्सलियों की राशि जमा करते पकड़ाई महिलाओं को पुलिस ने छोड़ा

नोवामुंडी : नक्सलियों की लेवी की राशि एसबीआइ की शाखा में जमा करने के दौरान पकड़े गये तीन ग्रामीणों को नोवामुंडी पुलिस ने मंगलवार को छोड़ दिया. वहीं लेवी की राशि ग्रामीणों के मार्फत वैध राशि कराने के लिए नक्सली काशीनाथ दिघी के खिलाफ नोवामुंडी थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है. ज्ञात हो कि सोमवार को एसबीआए की शाखा में बुरु राइका व कुमिरता गांव से तीन महिलाएं अपने खाते में 1.5 लाख रुपये जमा करने पहुंची थी. इसे पुलिस ने जब्त कर लिया था.
इसमें कोंशला देवी(46 हजार), लेबया सुंडी (29,500) व गुनिया पुरती (29,500) के पास से जब्त किये गये थे. इस संबंध में ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि कि काशीनाथ दिघी ने रुपये दिये थे. उसने कहा कि राशि अपने काते में जमा कर दो. मुजे दो साल के बाद देना. पुलिस का कहना है कि नक्सलियों के लिए लेवी का रुपया काशीनाथ दिघी उठाता था. नोटबंदी के बाद काली कमाई को सफेद करने के लिए ग्रामीणों को धमकी देकर विवश किया.
दूसरी ओर हिरासत में लिये गये ग्रामीणों के परिजन दिन भर नोवामुंडी थाने में जमे रहे. परिजन भोंज तांती, नरेंद्र सुंडी व राजेंद्र सुंडी ने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिये. ग्रामीण अपनी कमाई के रुपये जमा कराने बैंक आये थे. एक लाख रुपये का आठ खस्सी व मुर्गा बेचे गये थे. वहीं हाट में बांस से बने सूप समेत तैयार की गयी अन्य सामग्री बेचकर रुपये घर में रखे गये थं. नोटबंदी की खबर मिलने पर बैंक में रुपये जमा कराने आया था. गरीबों को पुलिस परेशान कर रही है. खस्सी नुइयां गांव, बहादुला टोली, आमसदा में बिक्री की गयी थी. पुलिस को सत्यापन करने की जरुरत है. वहीं लेबेया सुंडी पारा शिक्षक है. राजन चतोंबा फार्म भर रहा था. कुमिरता के गुनिया पुरती जमीन बेचकर रुपया रखा था. दूध का व्यापार भी करता है. नक्सलियों का पैसा जमा करने के आरोप मं तीन ग्रामीणों को हिरासत में लिए जाने की घटना के बाद मंगलवार को नोवामुंडी की एसबीआई, बीओबी, केनरा बैंक, झारखंड ग्रामीण बैंक शाखा में भीड़ कम रही.
काशीनाथ ने दो साल तक पैसे खाते में रखने को कहा था
पूछताछ के बाद रिहा किये गये ग्रामीण.
जनधन खाते में एक लाख जमा करने पहुंची नक्सल प्रभावित क्षेत्र की महिला
एसबीआइ की किरीबुरू शाखा में आयी महिला को बैंक प्रबंधन ने वापस भेजा

Next Article

Exit mobile version