बारिश में कानपुर डैम गेट खोलने पर बनेगी बाढ़ की स्थिति
ग्रामीणों के अनुसार डैम से राज्य के निचले स्तर के लोग प्रभावित होंगे जैंतगढ़ : ओड़िशा के कानपुर में वैतरणी नदी पर बन रहे डैम से पानी के लिए पश्चिमी सिंहभूम जिले की 10 पंचायत के लोग गोलबंद होने लगे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि डैम बन जाने से झारखंड के निचले क्षेत्र के […]
ग्रामीणों के अनुसार डैम से राज्य के निचले स्तर के लोग प्रभावित होंगे
जैंतगढ़ : ओड़िशा के कानपुर में वैतरणी नदी पर बन रहे डैम से पानी के लिए पश्चिमी सिंहभूम जिले की 10 पंचायत के लोग गोलबंद होने लगे हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि डैम बन जाने से झारखंड के निचले क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलेगा. बारिश के समय गेट खोलने पर बाढ़ की स्थिति बनेगी. जिस गांव (कानपुर) के नाम पर डैम बन रहा है. जोड़ा प्रखंड का वही गांव डैम के पानी से वंचित रहेगा. जोड़ा प्रखंड का रामचन्द्रपुर को छोड़कर सभी गांव कानपुर डैम के पानी से वंचित रहेंगे.
17 वर्षों से चल रहा है निर्माण:ग्रामीण नोवामुंडी प्रखंड की जामपानी और महुदी पंचायत और जगन्नाथपुर प्रखंड की भनगांव, सियालजोड़ा, जैंतगढ़, पट्टाजैंत, कासिरा, तोड़ांगहातू, मुंडुई व गुमुरिया पंचायत में कानपुर डैम से पानी की मांग कर रहे हैं. कानपुर डैम का निर्माण 17 वर्षों से चल रहा है.
डैम के विस्थापितों को लेकर लंबी लड़ाई लड़ी गयी. अब झारखंड सीमावर्ती क्षेत्र के लोग डैम से पानी चाहते हैं. ओडिशा का दूसरा सबसे बड़ा डैम का निर्माण कार्य 1999 में शुरू हुआ. तब इसका प्राक्कलन 428 करोड़ था. वर्ष 2013 में पूर्ण करना था. अबतक काम पूरा नहीं हुआ. प्राक्कलन रिवाइज होते हुए 1200 करोड़ के पार पहुंच चुका है. सिंचाई के उद्देश्य से डैम बनाया जा रहा है.