बेटों की तरह बेटियों को भी दें पूरी तालिम

इस्लाह-ए-निस्वां कांफ्रेंस में उमड़ी महिलाएं,वक्ताअों ने कहा चक्रधरपुर : दंदासाई नौजवान कमेटी की ओर से शनिवार को दंदासाई उर्दू स्कूल में इस्लाह-ए-निस्वां कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें जमशेदपुर से आयी आलामी व फाजिला जेबा कादिरी ने मुसलिम औरतों की इस्लाह करते हुए कहा कि परदा जहमत नहीं, बल्कि रहमत है. इससे औरतें बुराइयों से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2016 5:01 AM

इस्लाह-ए-निस्वां कांफ्रेंस में उमड़ी महिलाएं,वक्ताअों ने कहा

चक्रधरपुर : दंदासाई नौजवान कमेटी की ओर से शनिवार को दंदासाई उर्दू स्कूल में इस्लाह-ए-निस्वां कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें जमशेदपुर से आयी आलामी व फाजिला जेबा कादिरी ने मुसलिम औरतों की इस्लाह करते हुए कहा कि परदा जहमत नहीं, बल्कि रहमत है. इससे औरतें बुराइयों से बचती हैं. इसलिए हर महिला परदे को जीवन में अपनायें, आखिरत संवर जायेगी. उन्होंने कहा कि अल्लाह एक है और उसकी वहदानियत को कबूल करें, अल्लाह के साथ किसी को शरीक नहीं करें. रसूल अल्लाह की रिसालत पर इमान रखें. कुरआन व हदीस पर अमल करें, किसी भी फितने में पड़ने से बचें.
दुनिया की शिक्षा हासिल करें, लेकिन मजहबी शिक्षा के बाद. क्योंकि सभी शिक्षाएं केवल दुनिया तक ही सीमित रह जायेंगी, केवल मजहबी तालीम की साथ जायेगी. महिलाओं से कहा कि अपने शौहर की इज्जत करें. अल्लाह के बाद किसी को सजदे की इजाजत होती तो वह शौहर होता. अपने मां और बाप की भी इज्जत करें. हुकुकुल्लाह अल्लाह के लिए और हुकुल इबाद बंदों के लिए है. ओड़िशा रायरंगपुर से आयी आलीमा व फाजिला शाहीन अंजुम ने कहा कि महिलाओं में तालीम की कमी होने के कारण ही परेशानी हो रही है. महिलाएं कुरआन व हदीस पढ़ें और अपने घरों को मजहबी रंग में रंगें. जितनी तालीम बेटों को दे रहे हैं, उतनी ही तालीम अपने बेटियों को भी दिलायें. एक मर्द केवल अपने लिए शिक्षा हासिल करता है, लेकिन अगर औरत पढ़ती है तो पूरी घर तालीमयाफता हो जाता है. काम काज का बहाना बना कर कभी भी नमाज को कजा नहीं करें. जलसे में हलीमा फिरदौस फातिमा, सलमा खातून, तबस्सुम परवीन, शाहीन अंजुम, आलिया हुमा, खुश तैयबा, जबीना परवीन, गजाला परवीन, अलफिया निशात, नाजिया परवीन आदि ने संचालन, नात ख्वानी व खिदमत पेश की.
तकरीर करती जेबा कादिरी व शाहीन अंजुम.
जलसे में उपस्थित महिलाएं.
दो हजार से अधिक महिलाएं पहुंचीं
जलसा में एक बजे से साढ़े तीन बजे तक महिलाओं के आने का सिलसिला चलता रहा. सिमिदीरी, चोंगासाई, मंडलसाई, देवगांव, बंगलाटांड, दंदासाई, चांदमारी, वार्ड-6, मिल्लत कॉलोनी, पापड़हाता समेत अन्य स्थानों से महिलाएं पहुंची. सात सौ कुर्सियां कम पड़ जाने के बाद स्कूल के सभी बेंच निकाले गये. पांच सौ और कुर्सियां मंगायी गयीं. इसपर भी भीड़ बढ़ने लगी तो जमीन पर दरी बिछा कर बिठाया गया. एक अनुमान के अनुसार दो हजार से अधिक महिलाएं जलसे में पहुंची थीं.

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