तीर-धनुष जब्ती आदिवासी संस्कृति पर हमला

चाईबासा : तीर-धनुष आदिवासियों की संस्कृति का प्रतीक है. इसके बल पर सिदो कान्हू, बाबा तिलक मांझी, भगवान बिरसा मुंडा ने अलग राज्य की लड़ाई लड़ी. सरकार ने दुमका में तीर-धनुष जब्त कर आदिवासियों की संस्कृति पर हमला किया है. उक्त बातें सोमवार को परिसदन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जेडीपी के सुप्रीमो सालखन मुर्मू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2016 6:17 AM

चाईबासा : तीर-धनुष आदिवासियों की संस्कृति का प्रतीक है. इसके बल पर सिदो कान्हू, बाबा तिलक मांझी, भगवान बिरसा मुंडा ने अलग राज्य की लड़ाई लड़ी. सरकार ने दुमका में तीर-धनुष जब्त कर आदिवासियों की संस्कृति पर हमला किया है. उक्त बातें सोमवार को परिसदन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जेडीपी के सुप्रीमो सालखन मुर्मू ने कही.

उन्होंने कहा आदिवासी को भी संस्कृति की रक्षा के लिए प्रतीक चिह्न साथ में रखने की आजादी है. सरकार दामनकारी नीति पर उतारू है. जिससे राज्य की जनता में आक्रोश है. 28 जनवरी को दुमका से नये उलगुलान की शुरुआत की जायेगी. सभा में पांच राज्य से लोग आयेंगे. सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन के असली विभीषण 28 आदिवासी विधायक है. संशोधन का विरोध का नाटक छोड़ विधान सभा से इस्तीफा दें. जिस तरह जेएमएम विधायक जोबा मांझी और दीपक बिरुवा ने टीएसी से इस्तीफा दिया था. उसी प्रकार विधानसभा से भी इस्तीफा दें. मौके पर भगवान सिंकू, बिनोद गोप, सुबीधार बिरूवा, गुरा सिंकू व कुशनू कोड़ा आदि मौजूद थे.

प्रेसवाता में शामिल सालखन मुर्मू व अन्य लोग.

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