शहर में नहीं दिखा बंद का असर

चाईबासा : मुआवजा की मांग को लेकर एनएच जाम करने के मामले में इंटक जिलाध्यक्ष रंजन बोयपाई को जेल भेजे जाने के विरोध में गुरुवार को आहूत बंद का असर शहर में देखने को नहीं मिला. शहर में सभी दुकानें खुली रहीं तथा यातायात सामान्य रहा. बह इंटक समर्थकों ने कांग्रेस भवन से एक पदयात्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2014 5:31 AM

चाईबासा : मुआवजा की मांग को लेकर एनएच जाम करने के मामले में इंटक जिलाध्यक्ष रंजन बोयपाई को जेल भेजे जाने के विरोध में गुरुवार को आहूत बंद का असर शहर में देखने को नहीं मिला. शहर में सभी दुकानें खुली रहीं तथा यातायात सामान्य रहा.

बह इंटक समर्थकों ने कांग्रेस भवन से एक पदयात्र निकाली. इस दौरान सभी रंजन बोयपाई जिंदाबाद के नारे लगाते चल रहे थे. इंटक समर्थक अपने नेता को जेल भेजे जाने के विरोध में दुकानदारों दुकान बंद कर उनके बंद को सफल बनाने का आह्वान करते दिखे. शहीद पार्क के आस-पास कुछ दुकानों के शटर आधे बंद रहे, लेकिन कुछ देर बाद दुकानें फिर खोल दी गयीं.

सदर बाजार में भी दुकानें सभी खुली रहीं. सदर बाजार का एक चक्कर पूरा करने पहले ही बंद समर्थक वापस लौट गये. उल्लेखनीय है कि इंटक की जिला कमेटी ने गुरुवार को स्वेक्षित एवं शांतिपूर्ण बंद का अह्वान किया था. सूचनायोग्य है झींकपानी थाना क्षेत्र अंतर्गत कालिंदी बस्ती में करंट लगने से साल भर पहले विनोद कालंदी नामक युवक की मौत हो गयी थी.

उसके परिवार को मुआवजा देने की मांग को लेकर उस समय लोगों ने झींकपानी के पास एनएच-75 को जाम किया था. सड़क अवरोध के इस आंदोलन में रंजन बोयपाई भी शामिल हुए थे, जिसके कारण पुलिस ने उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया था. बुधवार को इस मामले में जमानत लेने के लिये उन्होंने चाईबासा व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था, लेकिन किन्हीं कारणों से उन्हें बेल नहीं मिल पायी थी.

इसके कारण उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. इसकी सूचना पाकर रंजन के समर्थकों ने अपने नेता को जेल भेजे जाने के विरोध में बंद का आह्वान किया. दूसरी ओर गुरुवार को रंजन बोयपाई जमानत पर छूट गये.

Next Article

Exit mobile version