अभियंता ने कागज पर कार्य पूर्ण दिखा पांच लाख का गबन किया

मनोहरपुर के हेंदेबुरु चेकडैम निर्माण में गड़बड़ी का मामला जांच टीम ने चेकडैम निर्माण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी डीसी ऑफिस से गायब फाइल में दर्ज था अभियंता के कारनामा का चिट्ठा निगरानी जांच शुरू होने से पहले हेराफेरी कर गायब की गयी फाइल चाईबासा : मनोहरपुर के हेंदेबुरु चेकडैम निर्माण में बड़े पैमाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2017 6:34 AM

मनोहरपुर के हेंदेबुरु चेकडैम निर्माण में गड़बड़ी का मामला

जांच टीम ने चेकडैम निर्माण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी
डीसी ऑफिस से गायब फाइल में दर्ज था अभियंता के कारनामा का चिट्ठा
निगरानी जांच शुरू होने से पहले हेराफेरी कर गायब की गयी फाइल
चाईबासा : मनोहरपुर के हेंदेबुरु चेकडैम निर्माण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी. चेकडैम का कार्य अधूरा छोड़ कागज पर पूर्ण दिखाकर अभियंता मनोज कुमार ने पांच लाख चार सौ रुपये की अवैध निकासी की. उक्त रिपोर्ट डीसी ऑफिस से गायब हुई फाइल में दर्ज है. फाइल गायब होने के आरोप में डीसी ऑफिस के लिपिक के खिलाफ एफआइआर हुआ है. ज्ञात हो कि मनरेगा से चेकडैम का निर्माण कराया जा रहा था. जिला परिषद इस चेकडैम निर्माण कार्य की कार्यकारी एजेंसी थी. सहायक मनोज कुमार सिंह योजना का कार्य देख रहे थे. मनोहरपुर थाने में अभियंता पर दर्ज हुआ था केस. जांच में गड़बड़ी मिलने के बाद मनोहपुर थाना में अभियंता मनोज कुमार पर आपराधिक मामला दर्ज हुआ था. आनंदपुर के तत्कालीन प्रभारी बीडीओ बैधनाथ उरांव ने थाने में प्राथमिकी दर्ज
करायी थी.
27 फरवरी 2010 को जांच का हुआ था आदेश
ग्रामीण विकास मंत्रालय में हेंदेबुरु चेकडैम निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत की गयी थी. इसके बाद 27 फरवरी 2010 को मनरेगा के तत्कालीन अंडर सेक्रेटरी मशोदा लाल ने झारखंड राज्य मनरेगा चीफ सेक्रेटरी को जांच का निर्देश दिया. इसपर तत्कालीन झारखंड मनरेगा आयुक्त अजय कुमार सिंह ने उपायुक्त को जांच का आदेश दिया था.
निगरानी जांच शुरू
होने से पहले गायब
हुई फाइल
गड़बड़ी सामने आने और एफआइआर के बाद तत्कालीन उपायुक्त ने मामले में निगरानी जांच की अनुशंसा की थी. निगरानी जांच शुरू करने के लिए फाइल मांगी, तो फाइल गायब थी. गायब फाइल में हेंदेबुरू चेकडैम निर्माण घोटाले में जांच टीम ने उपरोक्त तमाम रिपोर्ट डीसी को सौंपी थी.
चेकडैम निर्माण में मजदूरी कर रही थीं छात्राएं
मनरेगा आयुक्त के आदेश पर तत्कालीन उपायुक्त ने तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी दिलीप तिर्की व अन्य के साथ चेकडैम निर्माण की जांच करायी. एक मार्च 2011 को जिला कल्याण पदाधिकारी ने चेकडैम की जांच की. चेकडैम खोजे नहीं मिल रहा था. जांच की भनक होने पर अभियंता मनोज कुमार ने जांच टीम के पहुंचने से एक दिन पहले हड़बड़ी में कार्य शुरू करवाया था. चेकडैम निर्माण कार्य में स्कूली छात्राओं को मजदूरी करते देखा गया था.
जहां-तहां थी गंदगी, लेबर रूम की दुर्गंध पर भड़की टीम

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