नहीं हाे रहा आनंदपुर का विकास

आनंदपुर. एक्ट संशोधन के विरोध में ब्लॉक का घेराव-प्रदर्शन, बोले ग्रामी आनंदपुर : सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन के विरोध में सोमवार को झारखंड आंदोलनकारी मंच के बैनर तले सैकड़ों ग्रामीणों समेत मुंडा, मानकी व ग्राम प्रधानों ने आनंदपुर ब्लॉक का घेराव किया. साथ ही ब्लॉक ऑफिस के समक्ष प्रदर्शन कर मंच के जिला संयोजक बिरसा मुंडा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2017 5:29 AM

आनंदपुर. एक्ट संशोधन के विरोध में ब्लॉक का घेराव-प्रदर्शन, बोले ग्रामी

आनंदपुर : सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन के विरोध में सोमवार को झारखंड आंदोलनकारी मंच के बैनर तले सैकड़ों ग्रामीणों समेत मुंडा, मानकी व ग्राम प्रधानों ने आनंदपुर ब्लॉक का घेराव किया. साथ ही ब्लॉक ऑफिस के समक्ष प्रदर्शन कर मंच के जिला संयोजक बिरसा मुंडा के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम बीडीअो की अनुपस्थित में लिपिक को ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन एवं स्थानीयता नीति को अविलंब निरस्त करने समेत आंदोलनकारियों को वर्गीकृत न करते हुए पुनर्वास करने, वनाधिकार पट्टा एवं सामुदायिक पट्टा में कटौती नहीं करने आदि मांगें की गयी हैं. इस दौरान बिरसा लोमगा, सिकंदर लोमगा, विश्राम तोपनो, जीवन कंडायबुरु, इंद्रो भुइयां, सुरेश बुढ़, फुलमनी देवी, महावीर सिंह, मुनिलाल सुरीन, ललित महतो, सनिका मुंडा, मोगो मुंडा, उदय पूर्ति समेत संख्या में मंच के सदस्य व ग्रामीण मौजूद थे.
घेराव-प्रदर्शन से पूर्व आंदोलनकारी मंच के सदस्य, मुंडा, मानकी, प्रधान समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण भालूडूंगरी चौक पर एकत्रित हुए. जहां से जुलूस की शक्ल में आनंदपुर बस्ती होते हुए प्रखंड कार्यालय पहुंचे. इस दौरान जुलूस में एक्ट संशोधन, स्थानीयता नीति, वनाधिकार पट्टा में कटौती करने आदि मुद्दों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी.
नाराज हुए आंदोलनकारी : जुलूस के साथ प्रखंड कार्यालय पहुंचने पर कार्यकर्ता बीडीअो के नहीं रहने से अपनी नाराजगी जतायी. बाद में प्रखंड कार्यालय के लिपिक द्वारा बीडीअो से फोन पर बात कर लिपिक तपन साहू को ज्ञापन सौंपा गया.
मंच के वक्ताअों ने कहा
घेराव-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मंच वक्ताअों ने कहा कि आनंदपुर प्रखंड के गठन से उम्मीदें थी कि क्षेत्र का विकास होगा. यहां के लोगों की मुश्किलें कम होंगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है. आज भी आनंदपुर का समुचित विकास नहीं हो पाया है. यहां जाति, आय, आवासीय प्रमाणपत्र बनाने में छह माह से अधिक का वक्त लग रहा है. हालांकि प्रमाणपत्र बनाने के लिए ऑनलाइन की व्यवस्था की गयी है, लेकिन प्रज्ञा केंद्र के अभाव में छात्रों का भविष्य अंधकारमय है.

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