मार्च में ही गहराने लगा जलसंकट,नदियों का जलस्तर घटा

चक्रधरपुर अनुमंडल में पानी की कमी दूर करने की तैयारी में जुटा पीएचइडी व नगर परिषद चक्रधरपुर : सरकार हर साल लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करती है. बावजदू जल संकट दिनों दिन विकराल रूप लेता जा रहा है. मार्च माह के पहले सप्ताह में ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2017 4:32 AM

चक्रधरपुर अनुमंडल में पानी की कमी दूर करने की तैयारी में जुटा पीएचइडी व नगर परिषद

चक्रधरपुर : सरकार हर साल लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करती है. बावजदू जल संकट दिनों दिन विकराल रूप लेता जा रहा है. मार्च माह के पहले सप्ताह में ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में जल संकट गहराता जा रहा है. संजय, बिंजय, ब्राह्मणी नदियां सूख रही है. समय से पहले नदी, तालाब, कुंआ, चापाकल व डीप बोरिंग का जलस्तर घटने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग 2015-16 में पूरे अनुमंडल में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए एक करोड़ 90 लाख 20 हजार रुपये खर्च कर चुकी है. जिसमें 317 चापाकलों की विशेष मरम्मत की गयी है. वर्ष 2016-17 के खराब चापाकलों की सूची एक अप्रैल को जारी की जायेगी. जबकि वर्ष 2017-18 के लिए प्राक्कलन व सूची तैयार की जा रही है. जिसमें पीएचइडी चक्रधरपुर के एसडीओ ललीत हिंदवार, मनोहरपुर एसडीओ माहंगीलाल गिलुवा, सोनुवा के जेई अनील लिंडा, बंदगांव के जेई सुनील बाखला व आनंदपुर के जेई मंगल सिंह बाहंदा तैयारी में जुटे हैं.
2015-16 में खराब थे 2204 चापाकल :अनुमंडल के सातों प्रखंड में कुल 9652 चापाकल हैं. जिसमें वर्ष 2015-16 में 2204 चापाकल खराब हो गये थे. जिसे मरम्मत कर साल भर से उपयोग में लाया जा रहा है. वर्ष 2016-17 की आंकड़ा आगामी एक अप्रैल को जारी किया जायेगा. इसके लिए क्षेत्र का निरीक्षण किया जा रहा है.
केवल एक मिस्त्री के भरोसे 325 चापाकल :चक्रधरपुर नगर पर्षद क्षेत्र के 23 वार्डों में कुल 325 चापाकल हैं. जिसकी देखरेख करने के लिए एक भी मिस्त्री नहीं है. नगर पर्षद की ओर से एक मिस्त्री राज कुमार महतो को दैनिक वेतन भोगी के रूप में रखा गया है. जबकि डीप बोरिंग की देखभाल दैनिक वेतन भोगी बसंत साहु के जिम्मे है.
19 डीप बोरिंग में से दो खराब : चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र में कुल19 डीप बोरिंग हैं. जिसमें दो डीप बोरिंग की टोकलो रोड व पोटका स्थिति दो डीप बोरिंग बिजली, पाइप लाइन व मशीन खराब होने के कारण चार से पांच सालों से बंद पड़ा है. शहर में पुरानीबस्ती जग्गू दीवान, प्रखंड कार्यालय परिसर, पुरानीबस्ती गुंडिचा मंदिर, लाल गैरेज पेट्रोल पंप, दंदासाई, थाना के समीप, बंगलाटांड, पंप रोड, चांदमारी, रिटायर्ड कॉलोनी, जेएलएन कॉलेज, नगर पर्षद कार्यालय के पीछे, मारवाड़ी स्कूल, पापड़हाता, केनरा बैंक के पीछे, चांदमारी, मिट्टी पहाड़, वार्ड संख्या छह में डीप बोरिंग के माध्यम से लोगों को पेयजल की आपूर्ति की जाती है.
एक लाख गैलन पानी की खपत:
चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से रोजाना एक लाख गैलन पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. यह पानी विभाग के जल मीनार में संग्रह कर शहरी क्षेत्र में सप्लाई की जाती है. बिजली पर्याप्त मात्रा में मिलने से विभाग रोजाना एक लाख गैलन से अधिक पानी संग्रह कर लोगों के बीच आपूर्ति करता है.े बावजूद गर्मी में पानी की समस्या हो रही है.
खराब चापाकलों की मरम्मत शीघ्र : एसडीओ
पीएचईडी के एसडीओ ललीत हिंदवार ने कहा कि अनुमंडल क्षेत्र में कही भी चापाकल खराब हो उसकी सूचना विभाग दे. सूचना मिलने के के 72 घंटे के अंदर चापाकल की मरम्मत की जायेगी. जिसके लिए विभाग द्वारा हेल्पलाइन नंबर 9534628436, 9835551085 व 7991141257 जारी किया है.
9652 चापकाल पर एक मिस्त्री, 15 खलासी
अनुमंडल में 9652 चापाकल है. जिसकी देखरेख व मरम्मत के लिए विभाग द्वारा मात्र एक मिस्त्री व 15 खलासी है. जबकि विभाग में 44 मिस्त्री के पद स्वीकृत हैं. विभाग में कम मिस्त्री होने के कारण अधिकतर चापाकल की हालत दयनीय होने लगी है. समय पर खराब चापाकलों की मरम्मत नहीं हो पा रही है. एक चापाकल को ठीक करने के लिए एक साथ तीन से चार मिस्त्री जाते हैं. ऐसे समझा जा सकता है कि पूरे अनुमंडल की देखभाल में कितनी परेशानी आ रही होगी. विभाग के पास केवल मनोहरपुर प्रखंड में एक मिस्त्री है. जबकि चक्रधरपुर में केवल सात खलासी, सोनुवा में दो खलासी, गोइलकेरा में दो खलासी, बंदगांव में दो खलासी, मनोहरपुर में एक खलासी, आनंदपुर में दो खलासी एवं गुदड़ी में मिस्त्री व खलासी कोई नहीं है.
विभाग में जेई की कमी :पीएचइडी विभाग चक्रधरपुर के अंतर्गत तीन सबडिविजन आते हैं. जिसमें चक्रधरपुर, सोनुवा व मनोहरपुर शामिल है. तीनों सबडिविजन में जूनियर इंजीनियर की कमी है. चक्रधरपुर में चार स्वीकृत पद हैं. जिसमें केवल दो कार्यरत हैं. इस तरह सोनुवा में तीन में से एक व मनोहरपुर में तीन जूनियर इंजीनियर है.
शहरी जलापूर्ति योजना कार्य इस वर्ष होगा आरंभ : केडी साह
नगर पर्षद अध्यक्ष कृष्णदेव साह ने कहा कि शहरी जलापूर्ति शहर के लिए महत्वकांक्षी योजना है. जो इस वर्ष आरंभ होगी. इसके लिए सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयी है. योजना में 55 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सोनुवा के पनसुवां डैम से पानी लाकर शहरी क्षेत्र में आपूर्ति की जायेगी. उन्होंने कहा कि योजना के तहत चार जलमीनार शहर में लगाया जायेंगे. जिसमें तीन जलमीनार के स्थल का चयन हो चुका है. एक जलमीनार के लिए पीडल्ब्यूडी विभाग के एनओसी मिलना बाकी है. एनओसी मिलते ही शहरी जलापूर्ति योजना की प्रक्रिया ओर तेज हो जाएगी.

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