राष्ट्रपति से रघुवर सरकार को बरखास्त करने की मांग

आदिवासी सेंगेल अभियान का उपायुक्त कार्यालय समक्ष मौन सत्याग्रह डीसी के मार्फत राष्ट्रपति को भेजा गया लिखित पत्र चाईबासा : आदिवासी सेंगेल अभियान ने सोमवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष मौन सत्याग्रह किया. वहीं डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम पत्र सौंपा. इसमें झारखंड सरकार को बरखास्त करने की मांग की गयी है. भाजपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2017 2:44 AM

आदिवासी सेंगेल अभियान का उपायुक्त कार्यालय समक्ष मौन सत्याग्रह

डीसी के मार्फत राष्ट्रपति को भेजा गया लिखित पत्र
चाईबासा : आदिवासी सेंगेल अभियान ने सोमवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष मौन सत्याग्रह किया. वहीं डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम पत्र सौंपा. इसमें झारखंड सरकार को बरखास्त करने की मांग की गयी है. भाजपा सरकार के मानवता और पर्यावरण के लिए अभिशाप प्रमाणित हो रही है. यह जन विरोधी, जनतंत्र विरोधी, गरीब विरोधी, आदिवासी विरोधी नीति-नियम व कानून बनाकर विकास के नाम पर विनाश के रास्ते पर ले जा रही है. पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. सरकार झारखंडी जन के जीने के अधिकार पर हमला कर चुकी है. राज्य के सभी 28 आदिवासी एमएलए को बर्खास्त करने की मांग की गयी.
दुर्भाग्यपूर्ण है कि 28 आदिवासी एमएलए सीएनटी व एसपीटी कानून के गलत संशोधनों को टीएसी और विधानसभा में रोक नहीं सके. आदिवासी विधायक समाज से ज्यादा अपने पेट-परिवार, पार्टी के लिए फिक्रमंद हैं. यह भारतीय संविधान का उल्लंघन है. मौके पर सूबेदार बिरुवा, विनोद गोप, कविराज मुर्मू, जय देवगम, कमला मुर्मू, गुरा सिंकू, भगमत मुर्मू, राजनाथ हेम्ब्रम, साईमन लागुरी, मंलग लागुरी आदि उपस्थित थे.

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