दो लाख के इनामी नक्सली का सरेंडर

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम के पोड़ाहाट जंगल क्षेत्र में सक्रिय भाकपा माओवादी संगठन का एरिया कमांडर दो लाख का इनामी नक्सली जुनास कांडुलना ने मंगलवार की शाम चार बजे कोल्हान डीआइजी प्रभात कुमार के समक्ष उनके कार्यालय में सरेंडर किया. सरकार की ‘एक नयी दिशा एक नयी पहल’ योजना के तहत सरेंडर हुआ है. नक्सली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2017 12:56 AM

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम के पोड़ाहाट जंगल क्षेत्र में सक्रिय भाकपा माओवादी संगठन का एरिया कमांडर दो लाख का इनामी नक्सली जुनास कांडुलना ने मंगलवार की शाम चार बजे कोल्हान डीआइजी प्रभात कुमार के समक्ष उनके कार्यालय में सरेंडर किया. सरकार की ‘एक नयी दिशा एक नयी पहल’ योजना के तहत सरेंडर हुआ है.

नक्सली जुनास नक्सली नेता कृष्णा अहीर उर्फ प्रसाद जी और जीवन कांडुलना दस्ते का सक्रिय सदस्य है. फिलहाल वह संगठन के लिए लेवी वसूलने, नये कैडर भर्ती कराने, शीर्ष नेताओं से संपर्क कर बैठक करने और पुलिस की गतिविधियों की सूचना दस्ते को देने का काम करता था. सरेंडर करने के बाद नक्सली जुनास को इनामी राशि दो लाख रुपये का चेक सौंपा गया.

परिवार समेत हत्या की धमकी देकर दस्ता में शामिल कराया: पश्चिम सिंहभूम के गुदड़ी थानांतर्गत पुंडुवा गांव का रहने वाला जुनास वर्ष 2006 में संगठन से जुड़ा. उस समय भाकपा माओवादी जोनल कमांडर कृष्णा अहिर उर्फ प्रसाद जी एरिया कमांडर निर्मल व वरुण के साथ उसके गांव आया था. सभी ने उसे दस्ते में शामिल होने के लिए विवश किया. परिवार के साथ जान से मारने की धमकी मिलने के बाद वह सशस्त्र दस्ता कमांडर बन गया.
भाई की हत्या के बाद दोनों बेटे के साथ दस्ता में शामिल हुआ: नक्सली नेता प्रसाद जी ने जुनास के भाई नमन कंडुलना की हत्या कर दी थी. संगठन में शामिल नहीं होने पर प्रसाद जी जुनास व उसके दोनों बेटे को मार देते. इसके कारण जुनास अपने दोनों बेटों के साथ संगठन में शामिल हो गया. उसका एक बेटा इशाक पुलिस के हाथों गिरफ्तार होने के बाद अपनी सजा पूरी कर ली है. वहीं दूसरा बेटा इस्माइल भी आत्मसमर्पण करना चाहता है. वह अपने साथियों के साथ पंजाब में है.
जुनास के खिलाफ जिले में छह मामले दर्ज : जुनास पर जिले में छह मामले दर्ज हैं. इसमें से पांच मामले गोइलकेरा थाना व एक मामला सोनुवा थाने में दर्ज है. पहला मामला गोइलकेरा थाने में 15.12.2007 में दर्ज किया गया. वर्ष 2012 उसके खिलाफ तीन मामले दर्ज हुये.
पोड़ाहाट में पीएलएफआइ की गतिविधियां बढ़ी: नक्सली जुनास ने बताया कि पोड़ाहाट में माओवादियों की गतिविधि धीमी पड़ी है. वहीं पीएलएफआइ की गतिविधि बढ़ी है. इसके कारण माओवादी व पीएलएफआइ के दस्ते के बीच आये दिन टकराव की स्थिति बनती है. संगठन अपना गोला बारूद बचाये रखने के लिए पीएलएलआइ से टकराव की स्थिति को टलता रहता है.
कोल्हान डीआइजी कार्यालय में एरिया कमांडर को इनामी राशि दो लाख का चेक सौंपा
मारा गया किसन दा, अभी जिंदा है संदीप दा
एरिया कमांडर जुनास ने बताया कि किसन दा मारा गया है. पोड़ाहाट में सक्रिय माओवादियों के दस्ते को किसन दा के मारे जाने की खबर है. हालांकि संदीप दा जिंदा है. कुछ दिन पहले संदीप दा गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे. वर्तमान में वह स्वस्थ है.
संदीप, चमन, मिथिलेश क्षेत्र में है सक्रिय
जुनास के मुताबिक पश्चिमी सिंहभूम के अलग क्षेत्रों में नक्सली नेता संदीप सोरेन, चमन उर्फ लंबू, मिथिलेश उर्फ बड़ा बाबू, जीवन कांडूलना और सुरेश गतिविधियां चला रहा है. संदीप दास उर्फ संदीप सोरेन उर्फ मोती लाल पहले नंबर पर है.
जिले में नक्सली कमजोर, पंजाब भागे कई खूंखार नक्सली
नक्सली जुनास ने जिला पुलिस को बताया कि पश्चिम सिंहभूम व ओड़िशा के सीमावर्ती क्षेत्र में भाकपा माओवादियों की ताकत घटी है. इसके कारण कई खूंखार नक्सली संगठन छोड़कर पंजाब भाग गये हैं. इनमें से कई समर्पण करना चाहते हैं. दस्ते में महिला की संख्या घटी : जुनास के मुताबिक पहले उसके दस्ते में 25 से 30 लोग हुआ करते थे. अब यह संख्या घटकर 10 से 12 तक रह गयी है. महिलाओं की संख्या में भारी कमी आयी है.
शीर्ष माओवादी नेता का आत्मसमर्पण पुलिस की बड़ी कामयाबी है. विचारधारा से माओवादी भटक चुके है. मुख्यधारा में लौटने के लिए आत्मसमर्पण ही एकमात्र रास्ता है.
– प्रभात कुमार, डीआइजी, कोल्हान
काफी समय से पुलिस जुनास के संपर्क में थी. उसे आत्मसमर्पण के लिए मोटिवेट किया गया है. जल्द और नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने की कोशिश की जायेगी.
– अनीश गुप्ता, एसपी, पश्चिम सिंहभूम

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