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झारखंड : चाईबासा में दो दुल्हनों संग फुटबॉलर ने लिये सात फेरे

चाईबासा : शहर से सटा कमारहातु गांव सोमवार की रात एक अनोखी शादी का गवाह बना. मंडप में दो दुल्हनों ने एक ही दूल्हे के साथ सात फेरे लिए. दोनों दुल्हनें जब दूल्हे के दायें-बायें बैठीं तो उनके चेहरे खिले हुए थे. त्रिकोणीय प्यार की इस परिणति की चर्चा पूरे इलाके में है.इस संबंध में […]

चाईबासा : शहर से सटा कमारहातु गांव सोमवार की रात एक अनोखी शादी का गवाह बना. मंडप में दो दुल्हनों ने एक ही दूल्हे के साथ सात फेरे लिए. दोनों दुल्हनें जब दूल्हे के दायें-बायें बैठीं तो उनके चेहरे खिले हुए थे. त्रिकोणीय प्यार की इस परिणति की चर्चा पूरे इलाके में है.इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि सेवानिवृत्त पुलिस कर्मचारी घनश्याम देवगम के फुटबॉलर पुत्र राजेश देवगम का दो लड़कियों सुखमती और रीता से प्रेम था. लेकिन शादी के लिए उसने सुखमती का चयन किया.

उसकी दूसरी प्रेमिका और दीदी की ननद रीता को इस बात की भनक लगी तो उसने राजेश पर दबाव बनाना शुरू किया. बात सुखमती तक पहुंची, लेकिन उसने नाराज होने के बजाय राजेश को रीता से भी शादी करने के लिए सहमति दे दी. जब दोनों युवतियां आपस में तैयार हो गयीं तो राजेश को भी मानना पड़ा. उसके बाद बच्चों की खुशी के लिए तीनों के परिजन भी राजी हो गए.
त्रिकोणीय प्यार की ये है कहानी:
सुखमती की मां की हंड़िया दुुकान में राजेश और सुखमती की पहली मुलाकात हुई थी. राजेश वहां हंड़िया पीने जाता था और धीरे-धीरे दोनों में नजदीकी बढ़ी. उधर, दीदी की ननद रीता बिरुली से भी उसे प्यार हो गया था.

रिश्तेदार होने की वजह वह अक्सर राजेश के घर आती थी

हक्का-बक्का रह गया दुकानदार : परिजन जब शादी के कपड़े खरीदने गए तो दुकानदार से दुल्हनों के लिए दो साड़ी-ब्लॉउज मांगा और दूल्हे के लिए सिर्फ एक धोती-गंजी. दुकानदार यह जानकार असमंजस में पड़ गया. बाद में उसे पूरी जानकारी दी गई.
तीनों परिवार और ग्रामीण हुए शामिल
शादी में तीनों के परिवार वाले मौजूद थे. सभी ने एक सुर में कहा कि बच्चे शादी से खुश हैं इसलिए उन्हें भी यह रिश्ता मंजूर है. शादी के बाद हुए भोज का सभी ने लुत्फ उठाया, उसके बाद रात भर नाचते-गाते रहे.दूल्हे राजेश के पिता घनश्याम ने कहा कि उन्हें इस शादी से कोई आपत्ति नहीं है, बस दोनों दुल्हनों को बराबर प्यार मिले.वहीं समाज के सक्रिय सदस्य पीयूष देवगम ने कहा, ‘लव ट्रायंगल में यह एक अच्छा फैसला रहा. प्रेम को प्रेम से निबटाया गया. अगर लड़का व दो पत्नियां एक साथ रहने को राजी हैं तो हमें कोई एतराज नहीं है.’
गांव के विजयल देवगम ने बताया कि उसने एक दूल्हे के साथ दो दुल्हनों की शादी पहली बार देखी है. उन्होंने कहा, ‘हम असमंजस में थे कि मंडप में लड़के को लड़कियों के किस ओर बिठाया जायेगा.’
शादी में बदला त्रिकोणीय प्रेम-संबंध

हम बहनों की तरह साथ रहेंगी : सुखमती

पूरी कहानी में सुखमती ने बड़े दिल का जो उदाहरण पेश किया उसकी सबसे अधिक प्रशंसा हो रही है. उसने प्रभात खबर को बताया, ‘मैं राजेश से प्यार करती हूं लेकिन रीता का दिल नहीं तोड़ना चाहती थी. हम दोनों बहनों की तरह राजेश के साथ रहेंगे.’
वहीं रीता का कहना है, ‘राजेश के बगैर मैं रह नहीं पाती. मुझे अपना प्यार चाहिये था. सुखमती भी तैयार है, इसलिए हमने साथ रहने का निश्चय किया.’ दोनों के निर्णय पर सहमति जताते हुए राजेश ने कहा, ‘दोनों एक साथ रहने को तैयार हैं इसलिए हमनें साथ शादी कर ली.’

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