डकैत ने कस्टमर व कर्मियों को दी धमकी मोबाइल यूज मत करो, शोर मत मचाओ

चक्रधरपुर : इलाहाबाद बैंक में हुई डकैती कोई दो चार मिनट का वाक्या नहीं है, बल्कि पूरे 20 मिनट का तांडव था. दोपहर 1:15 बजे से 1:35 बजे तक चली डकैती की इस वारदात में बैंक के अंदर मारपीट, लूटपाट और तोड़फोड़ होती रही और बैंक के बाहर दुकानों के शटर डाउन हो गये. प्रत्यक्षदर्शियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2017 4:55 AM

चक्रधरपुर : इलाहाबाद बैंक में हुई डकैती कोई दो चार मिनट का वाक्या नहीं है, बल्कि पूरे 20 मिनट का तांडव था. दोपहर 1:15 बजे से 1:35 बजे तक चली डकैती की इस वारदात में बैंक के अंदर मारपीट, लूटपाट और तोड़फोड़ होती रही और बैंक के बाहर दुकानों के शटर डाउन हो गये. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दो बाइक से चार डकैत 1:15 बजे बैंक में गये. यह ऐसा समय था, जब धूप की तपिश हावी थी. बाजार में भीड़ कम थी. डकैतों ने इसी का फायदा उठाया. पहले गार्ड से उलझना,

फिर बैंक के अंदर मौजूद कर्मचारियों व ग्राहक को कब्जे में करना, तब लूटपाट को अंजाम देना. सभी प्लानिंग की पहले से थी, जिसे डकैतों ने बखूबी अंजाम भी दिया. डकैतों को पता था कि कैशियर के पास उस वक्त पूरे दिन की राशि मौजूद होगी. सीधे कैश काउंटर में जाकर रुपयों को साफ कर दिया. कैशियर के पास कम पैसे मिलने पर स्ट्रांग रूम को खुलवाया और वहां से रुपयों को बैग में भर लिया. इसके बाद सीसीटीवी कैमरा का हार्ड डिस्क तोड़ कर अपने पास रखना,

इस बात को पुख्ता करता है कि डकैत नवसिखीया नहीं, बल्कि मंजे हुए थे. इसके बाद कैश काउंटर समेत दूसरे कंप्यूटरों को भी तोड़ दिया जाता है. सभी को पता था कि किसे क्या करना है. बताते चलें कि बैंक पर कब्जा करने के बाद चारों डकैत बार-बार वहां मौजूद कर्मचारियों व ग्राहकों को शोर नहीं मचाने और मोबाइल नहीं निकालने की चेतावनी दे रहे थे. 20 मिनट तक लूट के दौरान जब किसी ने कोई विरोध नहीं किया, तो डकैतों ने भी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया. गार्ड को सिर्फ प्लानिंग के तहत लहूलुहान किया गया.

हमें पहचानने की कोशिश न करें
बैंक कर्मी की मानें तो डकैत कह रहे थे कि कोई हमें पहचानने की कोशिश ना करें. अगर हम जेल भी चल गये और कोई हमारी पहचान करने आया तो जेल से निकलने के बाद उसे अंजाम भुगतना होगा. 20 मिनट तक बैंक के अंदर दहशत का माहौल रहा.
इसलिए चूना तंबाकुपट्टी का रास्ता
एक रास्ता पुरानी रांची रोड से होते हुए एनएच-75 में जाती है, उससे पहले टोकलो रोड की तरफ यह सड़क मुड़ भी जाती है. दूसरा रास्ता बाटा रोड, तीसरा रास्ता कपड़ा पट्टी और चौथा तंबाकुपट्टी का है. डकैतों ने तंबाकु पट्टी का ही रास्ता इसलिए चूना, क्योंकि यह रास्ता झुमका मुहल्ला, चांदमारी, देवगांव, मटियालीसाई, बोड़ादोरो, इटोर, बड़ाबांबो होते हुए खरसावां व कुचाई की तरफ निकल जाता है. समझा जाता है कि बाहर से ही डकैत आये थे और भागने के लिए इस आसान रास्ता को अपनाया गया.
एक नजर इन बिंदुअों पर
एक डकैत लाल रंग का हेलमेट पहन रखा था
एक बाइक की नंबर प्लेट पर घोड़े की तसवीर बनी हुई थी.
भागने के क्रम में तंबाकुपट्टी में चारों में से किसी एक का कुछ सामान गिर गया.
बाइक रोक कर फिर सामान को उठाया गया
इस मार्ग पर कई जगहों में लगा सीसीटीवी कैमरा बिजली नहीं रहने के कारण बंद थीं
पुलिस के हाथ अपराधियों की पहचान से संबंधित कुछ तसवीर हाथ लगी.
किसी राहगीर ने अपनी मोबाइल से तसवीर खींचा थी, जो पुलिस के पास पहुंच गयी है.

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