सात रूपों में दर्शन देंगी मां शीतला

लोको कॉलोनी में माता पूजा 22 से, माता के आगमन के लिए हुई राटा पूजा चक्रधरपुर : शहर के लोको कॉलोनी में 22 मई से माता पूजा का आयोजन किया जायेगा. माता के आगमन को लेकर बुधवार को लोको कॉलोनी स्थित मां शीतला मंडप में राटा (मड़वा) पूजा का आयोजन किया गया. पूजा में आसपास […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2017 6:13 AM

लोको कॉलोनी में माता पूजा 22 से, माता के आगमन के लिए हुई राटा पूजा

चक्रधरपुर : शहर के लोको कॉलोनी में 22 मई से माता पूजा का आयोजन किया जायेगा. माता के आगमन को लेकर बुधवार को लोको कॉलोनी स्थित मां शीतला मंडप में राटा (मड़वा) पूजा का आयोजन किया गया. पूजा में आसपास क्षेत्र के सैकड़ों पुरुष-महिला शामिल हुए. पुजारी एन श्रीनिवास द्वारा विधिवत मंत्र उच्चारण के साथ राटा पूजा की गयी.
पूजा में विवाहित जोड़ी महेश कुमार दास व पत्नी बैठी थीं. पूजा के दौरान माता शीतला की भव्य आरती की गयी. इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. पूजा में बीजे राव, बी प्रभाकर राव, सी अप्पा राव, सी कृष्णा राव, आर श्रीकांत राव, श्याम अंथोनी, तुलसी दास रवानी, एम श्रीनिवास राव, एम मोहन राव, एस कालीदास, के काली प्रसाद, आरइ राव, आर गणपत राव, बी प्रशांत, आर प्रभाकर राव, कार्तिक पासवान, रोशन रवानी, अमित रवानी, सी रोहित कुमार, दीपांकर कुमार, श्याम यादव समेत समिति सदस्यों का योगदान रहा.
राटा पूजा के बाद क्षेत्र के बाहर नहीं जाते है लोग
लॉको माता पूजा समिति के सदस्य बीजे राव, बी प्रभाकर राव, सी अप्पा राव, सी कृष्णा राव आदि ने बताया कि मान्यता अनुसार माता के पूजा के चार दिन पहले मां शीतला का आगमन किया जाता है. मां के आगमन के बाद लॉको कॉलोनी निवासी अपने क्षेत्र से बाहर नहीं जाते है. अगर कोई किसी काम से बाहर जाता भी है, तो शाम तक लौट आता है. जब तक पूजा समाप्त नहीं होती, तब तक क्षेत्र के लोक अपने निवास स्थान में ही रहते हैं. श्रीश्री माता पूजा समिति लॉको कॉलोनी इस बार 75वीं वर्षगांठ मना रही है. इसे लेकर पूजा समिति द्वारा इस बार सात दिनों तक की पूजा बैठायी जायेगी. इसमें अलग-अलग सात रूपों में मां शीतला भक्तों को दर्शन देंगी. पूजा समिति द्वारा पंडाल निर्माण समेत विद्युत सज्जा का कार्य शुरू करा दिया गया है.
बर्टन लेक स्थित नीम वृक्ष से उठायी जाती है घट
माता पूजा के दौरान रेलवे क्षेत्र स्थित बर्टन लेक स्थित नीम पेड़ से मां शीतला की घट उठायी जाती है. इसके बाद गाजे-बाजे के साथ भक्तों द्वारा सिर पर उठा कर मां शीतला की घट रेलवे क्षेत्र का भ्रमण करते हुए लॉको कॉलोनी लायी जाती है. यहां घट को मंडप में स्थापित कर सात दिनों को विधिवत पूजा की जायेगी.

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