एनपीएस व यूपीएस रद्द कर ओपीएस पुन: बहाल हो

चक्रधरपुर रेल मंडल के 10 क्रू लॉबियों में अलारसा का धरना-प्रदर्शन

By Prabhat Khabar News Desk | September 3, 2024 11:57 PM
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प्रतिनिधि,चक्रधरपुर

ऑल इंडिया रेलवे लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (अलारसा) की केंद्रीय कमेटी के अह्वान पर देश के सभी क्रू लॉबी पर विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया. चक्रधरपुर रेल मंडल के सभी 10 क्रू लॉबी के बाहर भी यह धरना-प्रदर्शन सफलतापूर्वक चला. सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक मुख्यालय में उपस्थित रनिंग स्टाफ ने अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार आवाज बुलंद की. इस संबंध में अलारसा के मंडल कोषाध्यक्ष सीएम महतो ने कहा कि हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं किया जा रहा है. विश्राम के घंटों व अन्य सुविधाओं पर चोट पहुंचायी जा रही है. अब अगर कोई रनिंग स्टाफ अच्छे से रेस्ट नहीं ले पायेगा, अच्छे से कार्य का माहौल नहीं पायेगा, तो वह परिचालन किस प्रकार होगा. सुरक्षा व संरक्षा की अनदेखी कर ट्रेनें चलवायी जाती हैं. जिससे रेलवे में जानमाल की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि लगातार दो रात्रि ड्यूटी करने के बाद तीसरे रात्रि रेस्ट दें. अन्य रेलकर्मियों की तरह संरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य करने वाले रनिंग स्टाफ को अवधिक विश्राम 30 16 (46 घंटे) का रेस्ट देना होगा. इस आंदोलन से अलारसा की मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं की गयी तो यह संगठन इससे भी बड़ा आंदोलन भविष्य में कर सकता है. धरना प्रदर्शन में एसके जयसवाल, सीएम महतो, एनके नीलमणि, ललन कुमार, जेके पासवान, पुष्पेंद्र सिंह, चंद्र नारायण, सतीश कुमार, प्रेम कुमार, सतीश कुमार, आरएस बेरा, समीर टोपनो व अलोक विश्वास आदि उपस्थित थे.

श्रमिक वर्ग का अधिकार सुरक्षित हो

अलारसा ने कहा कि मौलिक रुप से यह संगठन निजीकरण का विरोध नहीं करता पर जिस तरीके से पूंजीपतियों व विदेशी पूंजी निवेश के आधार पर निजीकरण किया जा रहा है. यह संगठन उसका विरोध करता है. निजीकरण पूंजीपतियों की मर्जी से नहीं बल्कि भारतीय संविधान के अनुसार होना चाहिये. जिससे श्रामिक वर्ग का अधिकार सुरक्षित रहे.

अलारसा की ये हैं 15 सूत्री मांगें

एनपीएस व यूपीएस रद्द कर ओपीएस पुन: बहाल करने, रेलवे का निजीकरण व निगमीकरण बंद करने, डीए के 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के साथ टीए की तुलना में किलो मीटर एलाउंस में 25 फीसदी की बढ़ोत्तरी करने, मालगाड़ी में अधिकतम 8 घंटे व सवारी ट्रेनों में 6 घंटे की डयूटी निर्धारित करने, 36 घंटे में मुख्यालय वापस लाने, दो रात्रि से अधिक ड्यूटी नहीं कराने, मुख्यालय में कम से कम 18 व आउट स्टेशन में 10 घंटे पर ही साइन ऑन कराने व लोको में एसी व टॉयलेट लगाने आदि मांगें शामिल है.

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