प्रतिनिधि, चाईबासा
संपत्ति विवाद में निर्मला इंग्लिश स्कूल चक्रधरपुर के निदेशक अमिताभ चटर्जी उर्फ बॉबी दा हत्याकांड के दोषी बाप-बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है. इसके साथ ही 10-10 हजार रुपये का जुर्माने भी लगाया गया है. यह फैसला गुरुवार को द्वितीय अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सूर्यभूषण ओझा की अदालत ने सुनाया. सजा पाने वाले दोषियों में प्रवीर चटर्जी उर्फ लालू व प्रमाण चटर्जी उर्फ पीटर चटर्जी (बेटा) शामिल हैं. दोषियों ने 26 अप्रैल 2018 की रात्रि में करीब तीन लोगों ने घर में घुसकर अमिताभ चटर्जी की चाकू से गला रेतकर कर हत्या कर दी थी. मृतक अमिताभ चटर्जी की मां सह निर्मला स्कूल की संस्थापक प्राचार्या स्निग्ध चटर्जी के बयान पर 27 अप्रैल 2018 को चक्रधरपुर थाना में हत्या का मामला दर्ज किया गया था. हत्या का कारण संपत्ति विवाद था.
संपत्ति विवाद में कई बार हुई मारपीट की घटना
दर्ज मामले में मां ने बताया था कि हत्या की घटना को उसके बड़े बेटे प्रवीर चटर्जी उर्फ लालू और पोता प्रमाण चटर्जी उर्फ पीटर चटर्जी और एक अन्य ने अंजाम दिया था. बताया कि बेटा अमिताभ चटर्जी एक कमरे में सोया था. रात के लगभग तीन बजे तीनों घुसे और धारदार चाकू से बेटे अमिताभ का गला रेतने लगे. अंधेरे में जब उसकी हत्या की जा रही थी, तब बेटे ने मां-मां कहकर चिल्लाया. तब उनकी नींद खुली, तो वह उठी और कमरे की ओर जा रही थी. उसी समय अपराधियों ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया और भाग गए. दर्ज मामले में उन्होंने बताया था कि अमिताभ के बड़े भाई प्रवीर चटर्जी के साथ वर्षों से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था. दोनों के बीच कई बार मारपीट की घटना भी हो चुकी थी. इसके बाद से दोनों के बीच तनाव बढ़ गया था. वहीं, अपनी जान पर खतरा के बाबत अमिताभ ने एक प्राइवेट बॉडी गार्ड भी रखने का मन बनाया था. मृतक स्कूल का सारा कामकाज देखता था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है