Loading election data...

आज भी विकास की बाट जोह रहा है बिरसा मुंडा की कर्मस्थली सिंहभूम का संकरा गांव, जनप्रतिनिधि भी नहीं लेते सुध

चाईबासा से 65 किलोमीटर और चक्रधरपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर बंदगांव प्रखंड के टेबो पंचायत अंतर्गत संकरा गांव अवस्थित है. इस गांव में 40 आदिवासी परिवार रहता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2024 11:20 AM

रांची : आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने और उनके हितों के लिए जीवन भर अंग्रेजों से संघर्ष करनेवाले धरती आबा बिरसा मुंडा की कर्मस्थली पश्चिमी सिंहभूम जिले के बंदगांव प्रखंड का संकरा गांव आज भी विकास से कोसों दूर है. जिस गांव में रहकर उन्होंने अंग्रेजों के दांत खट्टे किये, वहां आज भी स्कूल, बिजली, पानी और सड़क नहीं है. बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान शुरू किया. तीर-धनुष को हथियार बनाकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करने का ऐलान किया. इसके बाद उन्हें संकरा गांव से ही गिरफ्तार किया गया था.

गांव में रहता है 40 आदिवासी परिवार :

चाईबासा से 65 किलोमीटर और चक्रधरपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर बंदगांव प्रखंड के टेबो पंचायत अंतर्गत संकरा गांव अवस्थित है. इस गांव में 40 आदिवासी परिवार रहता है. बिरसा धर्म माननेवाले इस गांव में 50 प्रतिशत लोग हैं. यहां एक उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय था, जो वर्ष 2013 से बंद है. यहां के शिक्षक को नक्सली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया गया था, तबसे स्कूल बंद है. इस गांव में कोई जनप्रतिनिधि नहीं जाता.

Also Read: आदिवासी समाज के लिए अंग्रेजों से भिड़ गये थे बिरसा मुंडा, की थी उलगुलान आंदोलन की शुरुआत

संकरा को ऐतिहासिक स्थल का दर्जा मिले

संकरा को ऐतिहासिक स्थल का दर्जा मिले. बंद स्कूल को खोला जाये. ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले. इस मामले में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से बात करेंगे.

बहादुर उरांव, वरिष्ठ नेता सह पूर्व विधायक, झामुमो

बंद स्कूल खुलेगा

ऐतिहासिक गांव का दर्जा दिलाने के लिए संकरा में बैठक की जायेगी. वर्ष 2013 से बंद स्कूल खोले जायेंगे. भगवान बिरसा मुंडा के सपने को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
जोबा माझी, नवनिर्वाचित सांसद, सिंहभूम

Next Article

Exit mobile version