चाईबासा : पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में मंगलवार को संकुल स्तरीय शिशु वाटिका शिक्षक कार्यशाला का आयोजन किया गया. विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामध्यान मिश्र, सचिव तुलसी प्रसाद, चक्रधरपुर के प्रधानाचार्य आनंद चंद्र प्रधान, थई के प्रधानाचार्य सचिन दास, कृष्ण कुमार सिंह प्रभारी प्रधानाचार्य अरविंद पांडेय ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. प्रस्तावना शिशु वाटिका की क्षेत्रीय प्रमुख मंजू श्रीवास्तव ने रखा. उन्होंने कहा कि शिशु वाटिका विद्या भारती के विद्यालयों का आधार है. इसी पर शिशु मंदिर और विद्या मंदिर की नींव तैयार होती है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने से विद्या भारती के विद्यालयों के अध्यापन में बहुत बदलाव हुए हैं. पठन-पाठन की तकनीक में बदलाव हुए हैं. खासकर अरुण कक्षा के बच्चों को क्रिया आधारित शिक्षा व खेल-खेल के माध्यम से सिखाने का प्रावधान है. छोटे बच्चों को पढ़ाना कठिन है. इस कार्य को सुलभ बनाने के लिए ही शिक्षक कार्यशाला का आयोजन किया गया है. बच्चों को सरल और प्रभावी तरीके से पढ़ाने की जरूरत है. प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने संकुल से आये शिशु वाटिका की शिक्षिकाओं का स्वागत किया. कार्यशाला में चार विद्यालयों की शिशु वाटिका के 22 शिक्षक शामिल हुए. इसमें क्षेत्रीय प्रमुख मंजू श्रीवास्तव, जमुना कोया, अंजली महतो एवं सुनीता परमहंस कुजूर द्वारा बच्चों को अध्ययन-अध्यापन की कला बतायी गयी. इस मौके पर निम्मी सोरेन, मंदाकिनी कुंकल, अंबिका हांसदा, अनुराधा लागुरी, गायत्री दास, पिंकी देवगम, माधुरी बिरुवा, निशा किरण बानरा, क्रांति देवी, सोविक घटक, जानकी दास, सुकृति लागुरी, अरविंद पांडेय आदि मौजूद थे.
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