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बिना इलाज बच्चे को अस्पताल से लौटाया, आक्रोश

जगन्नाथपुर सीएचसी का मामला, बच्चे को लेकर लौटी बेबस मां

प्रतिनिधि, जैंतगढ़

जगन्नाथपुर स्वास्थ्य केंद्र में कोताही बरतने का आरोप है. जगन्नाथपुर प्रखंड के कुंदरीझुर (बड़ाटोला) निवासी प्रेमचंद्र गागराई की पत्नी नोनी कुई बच्चे चार साल के बेटे सलमान गागराई को बीते बुधवार को जगन्नाथपुर सीएचसी में इलाज कराने गयी. सलमान के शरीर में छोटे-छोटे दाने व चेहरे पर इन्फेक्शन था. डॉक्टर ने सलमान को एडमिट करने की बात कही. सलमान की मां नोनी ने डॉक्टर को बताया कि मैं दूर गांव से आयी हूं. अपने साथ कुछ लेकर नहीं आयी हूं. घर में छोटे बच्चे भी हैं.

झोला झाप डॉक्टर से कराया इलाज

नोनी ने डॉक्टर से दवा और मरहम देने की बात कही. ठीक नहीं होने पर दो तीन दिन के बाद एडमिट करने की बात कही. इसके बाद डॉक्टर ने न इलाज किया, न ओपीडी से कोई दवा दी. नोनी को वहां से भगा दिया. इसके बाद नोनी वापस घर लौट आयी. झोला छाप डॉक्टर से इलाज कराया. बता दें कि नोनी के पति पुणे में रहकर मजदूरी करते हैं. वह बच्चों के साथ घर में अकेली रहती है.

कोट

यह सरासर बेबुनियाद और झूठा आरोप है. ऐसा कोई मरीज अस्पताल नहीं आया है. अस्पताल में हर मरीज की डिटेल्स इंट्री होती है. हम यहां शत प्रतिशत सेवा देने का भरसक प्रयास करते हैं. ऐसा मुमकिन नहीं कि कोई मरीज अस्पताल आये और उसे बैरंग लौटा दिया जाये.

– डॉक्टर जयश्री, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जगन्नाथपुर

आठ पंचायतों में स्वास्थ्य सेवा लचर

जगन्नाथपुर प्रखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है. खास कर ओडिया बेल्ट की आठ पंचायतों में स्वास्थ्य सेवा लचर है. जैंतगढ़ अस्पताल उपेक्षा का शिकार है. यहां डॉक्टरों के की ओर से सेवा नहीं दिये जाने के कारण अस्पताल की हालत खस्ता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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