कोरेक्स माफिया मालामाल, नशे में बर्बाद हो रहे युवा
जैंतगढ़ कोरेक्स का बहुत बड़ा बाजार है. इसके तार जगन्नाथपुर के माफियाओं से जुड़े हुए हैं.
प्रतिनिधि, जैंतगढ़ जैंतगढ़ कोरेक्स का बहुत बड़ा बाजार है. इसके तार जगन्नाथपुर के माफियाओं से जुड़े हुए हैं. सूत्र बताते हैं कि जैंतगढ़ से ओडिशा और झारखंड के बहुत बड़े क्षेत्र तक कोरेक्स की आपूर्ति होती है. जैंतगढ़, चंपुआ के माफिया बिहार और ओडिशा के विभिन्न शहरों से पिक अप वैन, बोलेरो, कार व बसों से सिरफ मंगाते हैं. जैंतगढ़-चंपुआ आसपास कुछ घरों, दुकानों के साथ होम डिलेवरी की भी सुविधा है. क्षेत्र में युवाओं की बड़ी संख्या कोरेक्स की आदि हो चुकी है. कुछ युवा तो दिनभर में 5 से 7 बॉटल तक गटक जाते हैं. एक नशे के आदि व्यक्ति ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कोरेक्स को उसके शौकीन प्यार से चोंडे के नाम से पुकारते हैं. इसमें हॉल सेलर या सप्लायर की चांदी है. एक बॉटल कोरेक्स की कीमत 75 से 80 रुपये है. पर खुदरा बाजार में 15-20 रुपये में मिलती है. इस प्रकार कोरेक्स माफिया तो मालामाल हो रहे हैं, पर नशेड़ी बर्बाद हो रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, अधिकांश नशेड़ियों का रोज का खर्च कोरेक्स में 500 रुपये से 2000 रुपये के बीच है. एक अनुमान के अनुसार, जैंतगढ़ में रोजाना 100 से 150 बॉटल खुदरा कोरेक्स बिकती है, जबकि चंपुआ में 150 से 200 बॉटल कोरेक्स की रोजाना खपत बतायी जाती है. लंबे समय से जैंतगढ़ कोरेक्स का बहुत बड़ा बाजार है. पर अभी तक माफियाओं के विरुद्ध व्यापक कार्रवाई नहीं हो पायी है.
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