Coronavirus report : गांवों में सतर्कता से स्थिति सामान्य शहरों में लापरवाही से हालात बिगड़े

कोरोना से ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना शहरी क्षेत्र में 83.3 फीसदी हुई मौत

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2020 9:52 AM
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पश्चिमी सिंहभूम : पश्चिमी सिंहभूम जिले में कोरोना संकट से निपटने के मामले में शहरी क्षेत्र की तुलना ग्रामीण ज्यादा सतर्क हैं. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी कोरोना की स्थिति सामान्य है. शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से मौत भी काफी कम हुई है.

महामारी के वक्त ग्रामीणों ने अपनी सूझबूझ का बखूबी परिचय दिया है. जिले के चाईबासा व चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र में रोजाना दर्जनों नये मरीज सामने आ रहे हैं. यह जिलेवासियों के लिए चिंता का विषय है.

ग्रामीण क्षेत्र के संक्रमितों में अधिकांश सुरक्षा बल व माइनिंग कर्मी

जिले के ग्रामीण इलाकों के जहां संक्रमितों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है. इनमें अधिकांश सुरक्षा बल (पुलिस-सीआरपीएफ) के साथ माइनिंग कर्मी पॉजिटिव मिले हैं. दरअसल जिले में अबतक सबसे कम कुमारडुंगी प्रखंड में मात्र 04 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं.

इसके बाद जिले के तांतनगर प्रखंड में 08 संक्रमित मरीज मिले हैं. वहीं जिले के टोंटो प्रखंड में 17, खूंटपानी में 23, मझगांव में 24, मंझारी में 36, झींकपानी में 39, बंदगांव में 40, सोनुवा में 40, गोइलकेरा में 50, जगन्नाथपुर में 79, मनोहरपुर में 99, जबकि बड़ाजामदा में 126 मरीज मिले है. इसमें बड़ाजामदा के संक्रमितों में अधिकांश माइनिंग कर्मी पॉजिटिव है, जबकि मनोहरपुर, बंदगांव, सोनुवा, गोइलकेरा व जगन्नाथपुर के संक्रमितों में अधिक संख्या में सुरक्षा बल के जवान पॉजिटिव मिले हैं.

ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग शुरुआत से अलर्ट

चाईबासा व चक्रधरपुर स्थित शहरी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने का मुख्य कारण शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की लापरवाही के साथ संसाधनों की कमी को माना जा रहा है.

विशेषज्ञों की माने तो, कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग शुरुआत से अलर्ट मोड़ पर थे. ग्रामीणों ने लॉकडाउन की घोषणा के साथ अपने-अपने गांवों के प्रवेश द्वार पर बांस-बल्ली लगा बैरिकेडिंग कर दी थी.

इसके बाद से बाहर से आने वालों को गांवों में प्रवेश वर्जित कर दिया गया था. दूसरे राज्यों से आने वाले ग्रामीण युवक-युवतियों को कोरेंटिन का समय पूरा होने तक गांवों में घुसने नहीं दिया गया. गांवों में प्रवेश करने पर कइयों को पंचायत भवन समेत स्कूल भवनों में ग्रामीणों ने कोरेंटिन में रखा.

यही काम जिले के शहरी क्षेत्रों में नहीं हुआ. शहरी क्षेत्रों में कोई चोरी-चुपके तो कोई खुलेआम बाहरी राज्यों से आते रहे. इसके चलते अब स्थिति बेकाबू हो गयी है.

posted by : sameer oraon

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