पश्चिमी सिंहभूम में महिला बैंककर्मी ने घर में की खुदकुशी, तबादले से थीं डिप्रेशन में, दोनों बेटों के सिर से उठा मां का साया

पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर में महिला बैंककर्मी गीता प्रधान ने घर में खुदकुशी कर ली. बताया जा रहा है कि वे तबादले से डिप्रेशन में थीं. इससे उनके दोनों बेटों के सिर से मां का साया उठ गया.

By Guru Swarup Mishra | April 9, 2024 6:07 PM
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चक्रधरपुर (पश्चिमी सिंहभूम), रवि: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर में एक महिला बैंककर्मी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करनेवाली महिला का नाम गीता प्रधान बताया जा रहा है. मृतका ने अपने ही घर के निर्माणाधीन कमरे की चौखट पर रस्सी से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. गीता प्रधान मूल रूप से चक्रधरपुर की रहने वाली थी, लेकिन तबादला कोडरमा में कर दिए जाने से वह डिप्रेशन में चली गयी थीं. मृतका के पति आशीष कुमार प्रधान चक्रधरपुर रेल मंडल के टाटानगर में बिजली विभाग में कार्यरत हैं.

खुदकुशी से पहले बच्चों को भेजा स्कूल
चक्रधरपुर शहर की हरिजन बस्ती में मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे की ये घटना बतायी जा रही है. बताया जा रहा है कि मृतका गीता प्रधान ने आत्महत्या करने से पहले अपने दो बेटों को नाश्ता बनाकर खिलाया और उसके बाद उन्हें तैयार कर स्कूल भेज दिया था. बच्चों के स्कूल जाने के बाद गीता प्रधान अपने घर के ऊपरी तल्ले के निर्माणाधीन कमरे में गयीं. आशंका व्यक्त की जा रही है कि यहां खुद को अकेला पाने के बाद निर्माणाधीन कमरे की चौखट पर रस्सी का फंदा लगाया और झूल गयीं.

गीता को घर में ढूंढ रहे थे पति
मृतका के पति आशीष प्रधान पत्नी को घर में ढूंढ रहे थे. जब वे ऊपरी तल्ले पर गए तो उन्होंने पत्नी को फांसी से झूलता हुआ पाया. पति ने चक्रधरपुर थाने की पुलिस को घटना की सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची और गीता प्रधान को फंदे से उतारकर चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल भेजा. यहां डॉक्टरों ने गीता प्रधान को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव पति को सौंप दिया गया.

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तबादले से डिप्रेशन में थीं गीता
बताया जा रहा है कि गीता प्रधान पहले चक्रधरपुर के मुख्य ब्रांच में क्लर्क के पद पर काम करती थीं. इसके बाद उनका तबादला चक्रधरपुर के ग्रामीण क्षेत्र ओटार में बैंक मैनेजर के रूप में हुआ. इसके बाद हाल ही में उनका तबादला कोडरमा कर दिया गया था. कोडरमा में तबादला कर दिए जाने के बाद से ही वह काफी डिप्रेशन में रहने लगी थीं. आशंका व्यक्त की जा रही है कि इसी डिप्रेशन में आकर उन्होंने आत्महत्या की होगी.

दोनों बेटों के सिर से उठा मां का साया
बहरहाल इस घटना की खबर के बाद हरिजन बस्ती में शोक की लहर है. वहीं घटना की सूचना के बाद बैंक कर्मी और रेल कर्मियों की भीड़ मृतका के घर के बाहर लगी हुई थी. इधर पुलिस पूरे मामले की जानकारी लेकर कानूनी कार्रवाई कर रही है. महिला बैंकर्मी की मौत के बाद उनके दो बेटे 12 साल के निशिकांत और 5 साल के गौरव के सिर से मां का साया उठ गया है.

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