चाईबासा/चक्रधरपुर.
पश्चिमी सिंहभूम जिले के सुदूरवर्ती व दुर्गम क्षेत्र गुदड़ी प्रखंड में पुलिस-प्रशासन की निष्क्रियता और प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआइ के आतंक से परेशान होकर ग्रामीण सेंदरा अभियान चला रहे हैं. इस दौरान दो उग्रवादियों (मोटा टाइगर व गोमिया) की हत्या की बात कही जा रही है, हालांकि, पुलिस अबतक शवों का पता नहीं लगा पायी है. इस बीच घटना के चार दिन बाद मंगलवार को डीसी, एसपी के नेतृत्व में एक टीम गुदड़ी पहुंची. यहां प्रखंड सभागार में क्षेत्र के ग्रामीण मुंडा व ग्रामीणों के साथ बैठक की. इस बैठक से मीडिया को दूर रखा गया. डीसी कुलदीप चौधरी व एसपी ने ग्रामीणों से कहा कि किसी भी परिस्थिति में विवादित और गुनाह के काम नहीं करना है. सूत्रों के अनुसार, कथित हत्याकांड के संबंध में जानने का प्रयास किया गया, लेकिन ग्रामीणों ने चुप्पी लगाये रखी. इसके बाद टीम ने हाट-बाजारों में भी ग्रामीणों से बात की. सूत्र बताते हैं कि टीम को ग्रामीणों से किसी तरह की मदद नहीं मिल सकी.सोमवार को ग्रामीणों ने बैठक कर उग्रवादियों के दो समर्थकों को पकड़ा था
पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी में पीएलएफआइ के दो उग्रवादियों की हत्या के बाद अबतक शव बरामद नहीं हो पाया है. इस बीच, सोमवार (नौ दिसंबर) को दो और लोगों की हत्या की चर्चा है. दरअसल, सेंदरा अभियान में शामिल ग्रामीणों ने सोमवार को बैठक की. यहां पीएलएफआइ संगठन के चार समर्थकों की पहचान ग्रामीणों ने की. इसके बाद ग्रामीण दो समर्थकों को पकड़ कर जंगल की ओर ले गये. अबतक दोनों वापस नहीं लौटे हैं. आशंका है कि दोनों की हत्या कर दी गयी है. इसके साथ दो अन्य समर्थकों की तलाश ग्रामीण कर रहे हैं. हालांकि, पुलिस ने ऐसी किसी घटना की जानकारी होने से इंकार किया है. बताया जाता है कि रोजाना दिन में ग्रामीण गुप्त स्थानों पर बैठक कर रणनीति बना रहे हैं. घटना के बाद से गांव में सन्नाटा पसरा है. लगभग 30 गांवों के लोग सेंदरा अभियान चला रहे हैं.
घटनाओं का सत्यापन किया जा रहा : एसपी
एसपी आशुतोष शेखर ने पत्रकारों से कहा कि ग्रामीणों से लगातार संवाद स्थापित किया जा रहा है. तीन थानों (गुदड़ी, गोइलकेरा और आनंदपुर) की पुलिस लगातार अभियान चला रही है. जिन घटनाओं की सूचनाएं मिल रही हैं, उसका सत्यापन किया जा रहा है. पुलिस और सुरक्षा बल शवों की बरामदगी के लिए छानबीन कर रहे हैं.
लोढाई बाजार में ग्रामीणों से घटना के संबंध में पूछताछ की
जिला महकमा ने लोढाई बाजार में रुककर स्थिति का जायजा लिया. ग्रामीणों से बात कर घटना की जानकारी लेने की कोशिश की. मौके पर उपायुक्त कुलदीप चौधरी, एसपी आशुतोष शेखर, पोड़ाहाट अनुमंडल की एसडीओ श्रुति राजलक्ष्मी, डीडीसी संदीप कुमार मीणा, एएसपी अभियान पारस राणा, एसडीपीओ नलिन कुमार मरांडी समेत जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी गुदड़ी पहुंचे थे.जीविका व रोजगार के साधन बढ़ाने पर जोर
डीसी ने ग्रामीणों के साथ बैठक में जीविका व रोजगार के साधन बढ़ाने की बात कही. वहीं, ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़कर अच्छी आमदनी कराने की दिशा में बढ़ने पर जोर दिया. दरअसल, उक्त क्षेत्र विकास के मामले काफी पिछड़ा है. ऐसे में प्रशासन विकास को लेकर गंभीर है. डीसी ने कहा कि जन अपेक्षाओं से संबंधित योजनाएं चलाने के लिए राह तलाशी जा रही है. अब हर महीने अनुमंडल पदाधिकारी के साथ बैठक होगी, फिर जिला स्तर पर बैठक कर प्रमुख जरूरतों को धरातल पर उतारा जायेगा.सड़क पर पत्थर रख रोका गया था रास्ता
गुदड़ी जाने के मार्ग पर किसी ने बड़े-बड़े पत्थर रख दिये थे. ऐसे में डीसी व एसपी के काफिले को अचानक रोकना पड़ा. पुलिस के जवानों ने सड़क पर रखे पत्थर को हटाया. इसके बाद पदाधिकारियों का काफिला आगे बढ़ा.उमवि लोढाई में बच्चों को मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली
गुदड़ी के रास्ते में उत्क्रमित मध्य विद्यालय लोढाई का निरीक्षण किया. स्कूल परिसर में करीब दो साल से अधूरा रसोईघर के बारे में जानकारी ली. उपायुक्त ने कक्षा में बच्चों से पढ़ाई व विद्यालय में मिलने वाले सुविधाओं की जानकारी ली. तिथिवार मेन्यू चार्ट देखकर बन रहे भोजन का स्वयं निरीक्षण किया. स्कूल के मैदान का निरीक्षण कर पोटो हो खेल मैदान योजना से बेहतर बनाने की बात कही.कारो नदी पर पुल निर्माण में तेजी लाने का निर्देश
टीम ने कारो नदी पर बन रहे पुल के संबंध में जानकारी ली. गुदड़ी प्रखंड के कमरगांव में कारो नदी पर बन रहे उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य चल रहा है. संबंधित पदाधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने सहित कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिया.मुंडा को राजस्व वसूली में प्रगति लाने का आदेश
डीसी व एसपी ने गुदड़ी प्रखंड के सभागार में मानकी-मुंडा के साथ बैठक की गयी. प्रखंड में संचालित योजनाओं की कार्य प्रगति, नये कुटीर उद्योगों को स्थापित कर राजस्व बढ़ाने, विधि व्यवस्था संधारण व मंईयां सम्मान, सर्वजन पेंशन, अबुआ आवास, नल-जल योजना, मोबाइल टावर सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की. ग्रामीण मुंडा से राजस्व वसूली में प्रगति लाने की बात कही गयी. कृषि क्षेत्र में हर संभव कार्य किया जायेगा, ताकि प्रखंड में राजस्व उत्पन्न किया जा सके.महिला सशक्तीकरण व जंगल से रोजगार पर जोर
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आजीविका में वृद्धि लाने व उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए छोटे-छोटे कुटीर उद्योग खोलेगा. स्थानीय लोगों के रोजगार साधन को बढ़ावा देने पर चर्चा की. जंगल के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर क्षेत्र को विकसित किया जा सकता है. युवकों की आमदनी बेहतर होगी. युवा आपराधिक गतिविधियों से दूर रहेंगे. अच्छा जीवन-यापन कर सकेंगे.बालिका आवासीय विद्यालय में बच्चियों से बात की, एमडीएम की गुणवत्ता देखी
डीसी, एसपी ने सोनुआ के बेगुना में मॉडल स्कूल भवन में संचालित झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय का जायजा लिया. विद्यालय में बच्चों से बात की. उनकी पढ़ाई की जानकारी लेते हुए शिक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. मौके पर एमडीएम की गुणवत्ता भी देखी.गुदड़ी में रुके एसपी अभियान व एसडीपीओ, हर घटना पर पैनी नजर
डीसी के निर्देश पर एसपी अभियान पारस राणा व एसडीपीओ नलिन कुमार मरांडी फिलहाल गुदड़ी मुख्यालय में रुक गये हैं. बताया जाता है कि दोनों पुलिस अधिकारियों को गुदड़ी में हालात का जायजा व मामले की छानबीन के लिए रोका गया है. डीसी ने गुदड़ी में एसडीपीओ को क्षेत्र में हो रही किसी भी तरह की घटना पर पैनी नजर रखते हुए चौकस रहने को कहा है.एक सप्ताह बाद पटरी पर लौटने लगी है गुदड़ी
पश्चिमी सिंहभूम जिले के सुदूर क्षेत्र गुदड़ी में करीब एक सप्ताह के बाद मंगलवार को जन जीवन पटरी पर लौटता दिखा. करीब एक सप्ताह पहले उग्रवाद के खिलाफ जन आंदोलन शुरू हुआ था. मंगलवार को एक ग्रामीण ने बताया कि करीब एक सप्ताह तक ग्रामीणों ने रात में जागकर गुजारी है. अब स्थिति सामान्य होने लगी है. बाजार खुल रहा है. सोनुआ से चक्रधरपुर तक वाहनों का परिचालन पूर्व की भांति शुरू हो गया है. मंगलवार को लोढाई में साप्ताहिक हाट लगी. ग्रामीण खरीदारी करने के लिए पहुंचे. मंगलवार को लोढाई स्थित साप्ताहिक हाट का डीसी-एसपी ने निरीक्षण किया.————
15 साल पहले बंदगांव में चला था सेंदरा अभियान, जेएलटी के छह सदस्यों की हत्या के बाद घर फूंक दिया गया था
‘सेंदरा’ हो भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है शिकार करना. सेंदरा शब्द का उपयोग जानवरों के शिकार के लिए किया जाता है. समय के साथ इसका अर्थ बदल चुका है. सेंदरा शब्द का उपयोग अब अपराधियों के शिकार के लिए होने लगा है.करीब 15 साल पहले बंदगांव प्रखंड से झारखंड लिबरेशन टाइगर (जेएलटी) के सदस्यों के खिलाफ बड़ा सेंदरा अभियान चलाया गया था. तब बंदगांव, गुदड़ी, गोइलकेरा आदि प्रखंडों में जेएलटी का आतंक था. गांव में महिलाएं सुरक्षित नहीं थीं. जेएलटी सदस्य ठेकेदारों से, हाट बाजार जाने वालों या हर आम व खास से रंगदारी मांगते थे. लूट-पाट आम बात थी. उनका आतंक सिर चढ़कर बोलने लगा था.
बंदगांव प्रखंड में ग्रामीणों की बैठक हुई, इसमें हजारों लोग शामिल हुए थे. बैठक में जेएलटी सदस्यों का सेंदरा करने का निर्णय लिया गया. हर घर से एक-एक सदस्य को तीर-धनुष और दूसरे पारंपरिक हथियारों से लैस होकर सेंदरा में शामिल होने का फरमान जारी किया गया. वहीं, भोजन, पानी आदि की व्यवस्था के साथ चलने का निर्णय हुआ था. 15 मार्च, 2009 से सेंदरा अभियान की शुरुआत हुई. कई माह तक अभियान चला. लोगों ने जेएलटी के छह सदस्यों को मार डाला था. उनके घरों में आग लगा दी गयी या तोड़ दिये गये. सेंदरा से घबरा कर जेएलटी के सदस्य भाग खड़े हुए थे. दूसरे प्रदेशों में जाकर बस गये थे. आज तक वे लौटकर नहीं आये हैं. इस अभियान को एक तरह से पुलिस का अघोषित समर्थन प्राप्त था.शांत व सामान्य जीवन चाहते हैं ग्रामीण
15 साल के बाद एक बार अब गुदड़ी प्रखंड से पीएलएफआइ सदस्यों के विरुद्ध अभियान शुरू हुआ है. इससे साबित होता है कि आदिवासी समाज सामान्य जीवन गुजारना चाहता है. उन्हें आतंक और अपराध से कोई सरोकार नहीं है. यही कारण है कि जब-जब अपराधी बेलगाम हुए हैं, ग्रामीणों ने सेंदरा के माध्यम से लगाम कसने का काम किया है.पीएलएफआइ को खत्म करने तक जारी रहेगा सेंदरा अभियान : ग्रामीण
पश्चिम सिंहभूम जिला के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुदड़ी क्षेत्र में बीते 10 दिनों से प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआइ के खिलाफ आसपास के करीब 10 हजार ग्रामीण सेंदरा अभियान चला रहे हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र से पीएलएफआइ संगठन के पूर्ण रूप से खत्म होने तक अभियान चलता रहेगा. हम चाहते हैं कि क्षेत्र में उग्रवादी या नक्सली न रहें, जिससे आम जनता परेशान है. ग्रामीण विवश होकर हथियार उठाने को विवश हैं.मोटा व छह साथियों का आतंक काफी बढ़ गया था
उन्होंने बताया कि पीएलएफआइ के एरिया कमांडर मोटा टाइगर व उसका साथी गोमिया समेत करीब छह सदस्य बंदूक व हथियार के दम पर ग्रामीणों के साथ मारपीट, लूट व हत्या में जुटे थे. उनका आतंक काफी बढ़ गया था. बालू के नाम पर व सरकारी योजना के लाभुकों से लेवी लेते थे. इसे लेकर दर्जनों लोगों की हत्या कर चुके थे. इनमें मात्र तीन व्यक्ति के शव को पुलिस बरामद कर सकी. इस कारण ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है.
महिलाओं से करते थे अभद्रता
पीएलएफआइ के सदस्य प्रधानमंत्री आवास व सड़क निर्माण में लेवी मांगते थे. महिलाओं से अभद्र व्यवहार करते थे.रात में चौकीदारी कर रहे ग्रामीण, बाहरी के प्रवेश पर पाबंदी
पिछले 10 दिनों से ग्रामीण दिनभर सेंदरा अभियान चला रहे हैं. वहीं, शाम होते ही अपने-अपने गांवों में लौट जाते हैं. गांव को चारों ओर से पहरा दिया जाता है. सभी को चेतावनी दी गयी है कि कोई भी रात्रि के समय गांव में न आये. बहुत जरूरी होने पर अपना पूरा परिचय दें. ग्रामीण रातभर तीर-धनुष व अन्य हथियार लेकर पहरा देते हैं. ग्रामीणों ने ठान ली है कि गांव में अब और हत्या नहीं होने दी जायेगी. पीएलएफआइ संगठन को और सर उठाने नहीं दिया जायेगा.ग्रामीणों के उग्र होते ही बिलों में दुबके उग्रवादी व उनके समर्थक
ग्रामीणों के अभियान से उग्रवादियों और उनके सहयोगियों में खौफ का माहौल है. ग्रामीण जगह-जगह लोगों से पूछताछ कर जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. पीएलएफआइ के समर्थक, संरक्षक और मुखबिरी को चिह्नित किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है