प्रतिनिधि, झींकपानी
झींकपानी-टोंटो प्रखंड के हेसा सुरनिया में निर्माणाधीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में मजदूरों को केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दर से कम राशि का भुगतान करने का आरोप नीमडीह पंसस जयराम हेस्सा ने लगाया है. उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय सहायक श्रमायुक्त चाईबासा से इसकी शिकायत कर जांच व कार्रवाई की मांग की है. केंद्रीय सहायक श्रमायुक्त को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि विद्यालय भवन निर्माण का कार्य द्वितीय फेज में चल रहा है. यह कार्य एचएससीएल बोकारो द्वारा कराया जा रहा है. निर्माण कार्य करा रही एजेंसी द्वारा अधिकांश बाहरी मजदूरों को काम पर लगाया गया है, जबकि बमुश्किल 15-20 मजदूरों को काम पर रखा जाता है. मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी दर नहीं दी जाती है. इसके अलावा जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखकर विद्यालय भवन निर्माण में अनियमितता व मानक सामग्रियों के बजाय निम्न स्तर की ईंट व मटेरियल का उपयोग करने की शिकायत की है.ग्रामीणों ने बैठक में जताया रोष
पत्र में कहा गया है कि प्रथम पेज के निर्माण कार्य में घोर अनियमितता के कारण विद्यालय भवन में दरारें पड़ गयी हैं. जिससे विद्यालय भवन की मजबूती पर प्रश्न चिह्न लग रहा है. द्वितीय फेज के निर्माण कार्य में भी गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है. जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. इससे पूर्व विद्यालय भवन निर्माण में अनियमितता व कम मजदूरी दर दिये जाने को लेकर ग्रामीणों ने बैठक कर रोष जताया. बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि स्थानीय लोगों को मजदूरी में रखा जाना चाहिए व भवन निर्माण में अब तक एजेंसी द्वारा किए गए निर्माण कार्य की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है