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नदी का गंदा पानी पीने को विवश हैं जामकुंडिया के ग्रामीण

सारंडा की छोटानागरा पंचायत के जामकुंडिया गांव में 10 चापाकल खराब महीनों से खराब है. इससे ग्रामीण कोयना नदी के किनारे चुआं खोदकर पेयजल ले रहे हैं.

गुवा : पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा स्थित छोटानागरा पंचायत के जामकुंडिया गांव के लोग कोयना नदी के किनारे चुआं खोदकर पेयजल ले रहे हैं. इसी पानी का उपयोग लोग पीने, खाना बनाने आदि के लिए कर रहे हैं. सारंडा पीढ़ के मानकी सह जामकुंडिया गांव निवासी लागुड़ा देवगम ने बताया कि गांव के लगभग 8-10 चापाकल पिछले कई महीनों से खराब है. भीषण गर्मी में ग्रामीणों के सामने पेयजल का संकट गहरा गया है. उन्होंने बताया कि बाइहातु जलमीनार से गांव के सभी टोला में पानी की आपूर्ति शुरू से नहीं हो रही है.

गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं

ऐसे में गांव के दर्जनों परिवार पीनी के लिए भटकना पड़ता है. कोयना नदी किनारे चुआं बनाकर उससे पानी लेते हैं. इसके पानी से खाना बनाते व पीते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि चुआं में कटोरी की सहायता पानी निकालते हैं. एक ढेकची पानी निकालने के लिए काफी समय लग रहा है. झुलसा देने वाली गर्मी में महिलाओं की स्थिति खराब हो जाती है. हम गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है.

खराब चापाकलों की मरम्मत व जलमीनार की व्यवस्था हो

श्री देवगम ने जिला प्रशासन से मांग की है कि संबंधित विभाग गांव के तमाम खराब चापाकल को शीघ्र ठीक करायें, ताकि ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से मुक्ति मिले. गांव के मानकी मुंडा, मुखिया, जिला परिषद सदस्य रहते हुए जामकुंडिया बाइहातु सारंडा के लोगों के लिए जलमीनार की व्यवस्था नहीं की गयी है. पीने का पानी काे लेकर ग्रामीण परेशान हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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