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राज्य में काेरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर, प्रधान सचिव ने सभी डीसी को दिये निर्देश

Coronavirus in Jharkhand : राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले को देख स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो गया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के सभी उपायुक्तों (DC) को पत्र लिखकर अतिरिक्त कोविड केयर सेंटर (CCC), डिस्ट्रिक्ट कोविड हेल्थ सेंटर (DCHC) और डिस्ट्रिक्ट कोविड हॉस्पिटल (DCH) को चिह्नित करने का निर्देश दिया है. साथ ही अपने-अपने जिलों में सीसीसी, डसीएचसी और डीसीएच चिह्नित करते हुए 3 दिनों के भीतर इसकी सूची तैयार करने को कहा गया है.

Coronavirus in Jharkhand : चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम) : राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले को देख स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो गया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखंड के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के सभी उपायुक्तों (DC) को पत्र लिखकर अतिरिक्त कोविड केयर सेंटर (CCC), डिस्ट्रिक्ट कोविड हेल्थ सेंटर (DCHC) और डिस्ट्रिक्ट कोविड हॉस्पिटल (DCH) को चिह्नित करने का निर्देश दिया है. साथ ही अपने-अपने जिलों में सीसीसी, डसीएचसी और डीसीएच चिह्नित करते हुए 3 दिनों के भीतर इसकी सूची तैयार करने को कहा गया है.

बताया गया कि राज्य में लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है. इसलिए यह आवश्यक है कि राज्य के सभी जिलों में सीसीसी, डीसीएचसी और डीसीएच में प्रयाप्त संख्या में बेड उपलब्ध हो. इसको लेकर विभिन्न जिलों में नये सीसीसी, डीसीएचसी और डीसीएच चिह्नित करने की आवश्कता है. वहीं, सिंप्टोमेटिक मरीज की संख्या में वृद्धि की स्थिति में पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई फैसिलिटी युक्त बेड की उपलब्धता भी आवश्यक है.

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प्रधान सचिव ने निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में क्लस्टर आधारित सीएचसी, पीएचसी और एपीएचसी को चिह्नित करते हुए सीसीसी, डीसीएचसी और डीसीएच के रूप में प्रयोग में लाया जाये. इसके अलावा प्रत्येक जिले में वैसे भवन जो बनकर तैयार है, लेकिन उक्त भवन में कोई चिकित्सा कार्य अथवा स्वास्थ सुविधा संबंधी कोई कार्य नहीं किया जा रहा है. साथ ही भवन उपयोग में नहीं है, तो उक्त सभी भवनों की सूची समेकित रूप से तैयार कर उन्हें भी सीसीसी, डीसीएचसी और डीसीएच के रूप में चिह्नित करते हुए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही है.

प्रत्येक कलस्टर में नियमित इलाज की भी हो व्यवस्था

प्रधान सचिव ने कहा कि सीसीसी, डीसीएचसी और डीसीएच चिह्नित करते वक्त यह ध्यान रखा जाये कि प्रत्येक कलस्टर में एक ऐसा सीएचसी, पीएचसी और एपीएचसी मौजूद हो, जिन्हें नियमित चिकित्सा सुविधा, प्रसव एवं अन्य ऑपरेशन आदि के लिए उपयोग में लाया जा सके. जिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अथवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का चयन सीसीसी, डीसीएचसी और डीसीएच के लिए किया गया हो, उक्त केंद्र के आसपास के निवासियों को नियमित रूप से रूटीन चेकअप अथवा अन्य चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक सीएचसी, पीएचसी एवं एपीएचसी की सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए.

Posted By : Samir Ranjan.

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