Jharkhand Assembly: मझगांव विधानसभा कभी कांग्रेस की थी जमीन, अब JMM की जल-जंगल-जमीन की राजनीति हावी

झामुमो ने मझगांव सीट पर अपना खूंटा गाड़ा. झामुमो के निरल पूर्ति ने पहली बार 2005 में जीत दर्ज करायी, उसके बाद वह तीन बार चुनाव जीत चुके हैं.

By Sameer Oraon | August 11, 2024 2:53 PM
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मो वसी, मझगांव : विधानसभा चुनाव के लिए पार्टियां कमर कस चुकी हैं. चुनावी मैदान में शह-मात का खेल शुरू हो गया है. चुनावी बयार को अपने पक्ष में करने के लिए संभावित प्रत्याशी से लेकर पार्टियां लगी हैं. प्रभात खबर विधानसभा क्षेत्रवार रिपोर्ट छाप रहा है. विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक पृष्ठभूमि, विधानसभा के एजेंडे, आम लोगों की समस्या सहित कई पहलुओं पर आधारित खास रिपोर्ट. आज पढ़िए मझगांव विधानसभा क्षेत्र की रिपोर्ट.

देवेंद्र नाथ चांपिया की रही थी इस सीट पर मजबूत पकड़

मझगांव विधानसभा सीट पर देवेंद्र नाथ चांपिया की मजबूत पकड़ रही थी. वह इस सीट एक बार निर्दलीय और तीन बार कांग्रेस के टिकट से चुनाव जीत चुके हैं.1980 से 1995 तक इस सीट पर लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा. वर्ष 2000 में बड़कुंवर गागराई के सहारे पहली बार भाजपा ने अपना खाता खोला.

झामुमो ने पहली बार यहां की जीत दर्ज

वर्ष 2009 में भाजपा यहां से दुबारा जीती. झामुमो ने भी इस सीट पर अपना खूंटा गाड़ा. झामुमो के निरल पूर्ति ने पहली बार 2005 में जीत दर्ज करायी, उसके बाद वह तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. मझगांव विधानसभा क्षेत्र में जल, जंगल व जमीन के नाम पर राजनीति होती रही है. मगर जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. हर चुनाव में बिजली, पानी, सिंचाई, स्वास्थ्य सुविधा, पलायन प्रमुख मुद्दा बनता रहा है.

आज भी कई सड़कें अधूरी

आज भी कई मुख्य सड़कें अधूरी हैं. मझगांव प्रखंड का सबसे बड़ा मुद्दा रेफरल अस्पताल भवन रहा है. पिछले वर्ष स्थानीय विधायक ने इसका शिलान्यास किया था. लेकिन काम शुरू नहीं हो सका है. इस विधानसभा में चार प्रखंड है. इसमें मझगांव, कुमारडुंगी, मंझारी और तांतनगर शामिल है.

क्षेत्र में विकास की गति काफी धीमी : अनंत

मझगांव विस क्षेत्र में विकास की गति काफी धीमी है. वर्तमान समय में यहां जो सुविधाएं उपलब्ध हो सकती थीं, वह नहीं हो पायीं. सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाते हुए इसे खेती के लिए सुलभ बनाया जा सकता है. क्षेत्र में पर्यटन की भी कई संभावनाएं हैं. उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. बंद खदानों को खोला जाना चाहिए. इससे रोजगार का सृजन होगा.

क्या है यहां के मुद्दे

नहर से फायदा नहीं

इस विस क्षेत्र के लोग खेती कर जीवनयापन करते हैं. मगर सिंचाई की बेहतर व्यवस्था नहीं होने के कारण वे खेती नहीं कर पाते हैं. किसानों की मांगों को देखते हुए मझगांव एवं कुमारडुंगी प्रखंड को जोड़ते हुए सिंचाई नहर का निर्माण किया गया था. मगर खराब गुणवत्ता के कारण पहले ही वर्ष नहर धराशायी हो गया. कंस्ट्रक्शन कंपनी नहर की मरम्मत कराती रही. लेकिन किसानों को बहुत फायदा नहीं हुआ.

स्वास्थ्य

मझगांव में स्वास्थ्य सेवा का बुरा हाल है. रेफरल अस्पताल होने के बावजूद ग्रामीण बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए ओडिशा पर नर्भिर हैं, क्योंकि यहां का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन पूरी तरह जर्जर है. मगर कार्य अभी तक आरंभ नहीं हुआ है.

शिक्षा

प्रखंड में 98 विद्यालय हैं. मगर अधिकतर विद्यालयों में एक शिक्षक से काम चलाया जा रहा है. प्लस टू विद्यालय में 1400 से अधिक छात्र-छात्राएं हैं, जबकि आठ शिक्षक ही पदस्थापित हैं. शिक्षकों की कमी के कारण अधिकतर बच्चे ड्रॉप आउट हो जाते हैं.

विकास की गंगा बह रही है : निरल पूर्ति

यहां के झामुमो विधायक निरल पूर्ति ने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों से विधानसभा क्षेत्र में विकास की गंगा बह रही है. यहां सड़कों का जाल बिछ गया है. उन्होंने कहा कि यहां रेलवे लाइन नहीं है. राष्ट्रीय सड़क मार्ग नहीं है. इंडस्ट्रीज नहीं है. खदान नहीं है. फिर भी आज हमारा क्षेत्र शिक्षा के मामले में जिला स्तर पर पहला स्थान रखता है. पठारी क्षेत्र होने के कारण सिंचाई में परेशानी होती है. फिर भी अनेक योजनाएं चलाकर सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है. तोरलो और बेलमा डैम से सिंचाई की योजना बनायी गयी है. हम अपने विधानसभा क्षेत्र को शिक्षा का हब बना कर विकास की राह पर लेकर जायेंगे.

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किसान आगे बढ़ेगा, तभी तरक्की होगी : बड़कुंवर

2019 के विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे पूर्व विधायक बड़कुंवर गागराई ने कहा कि यहां पिछले 10 वर्षों से विकास कार्य पूरी तरह ठप है. आज क्षेत्र के किसान परेशान हैं. वे बरसात के पानी के भरोसे खेती करते हैं. अगर खेती नहीं होती है, तो यहां युवा व किसान रोजगार के लिए महानगरों में मजदूरी करने के लिए पलायन कर जाते हैं. मगर इस स्थिति के समाधान के लिए स्थानीय विधायक ने कोई पहल नहीं की है.

क्षेत्र में विकास की गति काफी धीमी : अनंत

मझगांव विस क्षेत्र में विकास की गति काफी धीमी है. वर्तमान समय में यहां जो सुविधाएं उपलब्ध हो सकती थीं, वह नहीं हो पायीं. सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाते हुए इसे खेती के लिए सुलभ बनाया जा सकता है. क्षेत्र में पर्यटन की भी कई संभावनाएं हैं. उस पर ध्यान दिया जाना चाहिए. बंद खदानों को खोला जाना चाहिए. इससे रोजगार का सृजन होगा.

Also Read: Jharkhand Assembly Election: बरकट्ठा विधानसभा सीट पर अब तक कोई 3 बार नहीं जीता, उच्च शिक्षा, रोजगार, पलायन है प्रमुख मुद्दा

विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की बड़ी समस्या है. छोटी-छोटी जांच के लिए रोगियों को ओडिशा या चाईबासा जाना पड़ता है. अगर रेफरल अस्पताल में ही स्वास्थ्य जांच सुविधा उपलब्ध होती, तो इस इलाके की जनता को बहुत सहूलियत मिलती.

शाहिद कमाल

यहां बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. यहां एक भी खदान नहीं है. ना ही कोई कंपनी है. फलत: रोजगार की तलाश में हजारों युवाओं को चेन्नई, बेंगलुरू, मुंबई, गुजरात, कोलकाता जाना पड़ता है. जनप्रतिनिधियों इस दिशा में पहल करनी चाहिए.

बृजमोहन दिग्गी

2009 विधानसभा चुनाव का परिणाम

उम्मीदवारपार्टीमिले मत
बड़कुंवर गागराईभाजपा34534
निरल पूर्तिझामुमो24644

2014 विधानसभा चुनाव का परिणाम

उम्मीदवारपार्टीमिले मत
निरल पूर्तिझामुमो45272
मधु कोड़ाजेवीएसपी34090

2019 विधानसभा चुनाव का परिणाम

उम्मीदवारपार्टीमिले मत
निरल पूर्तिझामुमो67750
भूपेंद्र पिंगुवाभाजपा20558

2024 के लोस चुनाव में मझगांव विस क्षेत्र से इन्हें मिले सर्वाधिक मत

प्रत्याशीपार्टी/दलमिले मत
गीता कोड़ाभाजपा35171
जोबा माझीझामुमो95164

अब तक कौन कौन रहे विधायक

कबकौनविधायक
वर्षविधायकदल
1967पीसी बिरुआनिर्दलीय
1972देवेंद्र नाथ चांपियानिर्दलीय
1977गोवर्द्धन नायकजनता पार्टी
1980देवेंद्र नाथ चांपियाकांग्रेस
1985देवेंद्र नाथ चांपियाकांग्रेस
1990देवेंद्र नाथ चांपियाकांग्रेस
1995गोवर्द्धन नायकजनता दल
2000बड़कुंवर गागराईभाजपा
2005निरल पूर्तिझामुमो
2009बड़कुंवर गागराईभाजपा
2014निरल पूर्तिझामुमो
2019निरल पूर्तिझामुमो
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