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Jharkhand Assembly Election: चक्रधरपुर में झामुमो-भाजपा की होती रही है भिड़ंत, जिला बनाने की मांग मुख्य मुद्दा

Jharkhand Assembly Election: पश्चिमी सिंहभूम की चक्रधरपुर विधानसभा सीट पर झामुमो-भाजपा की भिड़ंत होती रही है. चक्रधरपुर को जिला बनाने की मांग पूरी नहीं हुई.

By Mithilesh Jha | July 12, 2024 4:53 PM

Jharkhand Assembly Election|चक्रधरपुर (पश्चिमी सिंहभूम), शीन अनवर : चक्रधरपुर विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. इसमें चक्रधरपुर व बंदगांव प्रखंड और चक्रधरपुर नगर परिषद क्षेत्र आता है. हर चुनाव में चक्रधरपुर को जिला बनाने की मांग प्रमुख मुद्दा बनता रहा है.

सुखराम उरांव हैं चक्रधरपुर के विधायक

इस सीट पर झामुमो-भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है. वर्तमान में सुखराम उरांव यहां से झामुमो के विधायक हैं. सांसद जोबा माझी इसी विधानसभा क्षेत्र की मतदाता हैं. गत विस चुनाव में सुखराम उरांव ने भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा को पराजित किया था.

लक्ष्मण गिलुवा की पत्नी मालती गिलुवा हैं भाजपा में सक्रिय

कोरोना काल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा का देहांत हो गया. उनकी पत्नी मालती गिलुवा भाजपा में सक्रिय हैं. वहीं 2014 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से विधायक चुने जाने वाले शशिभूषण सामद अब भाजपा में सक्रिय हैं. खरसावां विधायक दशरथ गागराई के अनुज डॉ विजय गागराई भी यहां की राजनीति में काफी सक्रिय हैं.

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लंबे समय से हो रही है चक्रधरपुर को जिला बनाने की मांग

इस विधानसभा का सबसे बड़ा मुद्दा चक्रधरपुर को जिला बनाने का रहा है. हर चुनाव में या सरकारों को समर्थन देने वक्त यह मुद्दा उठता रहा है. जेल और व्यवहार न्यायालय का भवन बन कर तैयार है. केवल जिला बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति बाकी है. सभी दलों के नेता इस मुद्दे को उठाते रहे हैं.

हेमंत सोरेन ने किया था चक्रधपुर को जिला बनाने का वायदा

2014 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सभाओं में चक्रधरपुर को जिला बनाने का वायदा किया था. चक्रधरपुर और मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र के 7 प्रखंड एवं एक नगर परिषद क्षेत्र को मिला कर जिला बनाने का प्रस्ताव है. टोकलो और कराईकेला प्रखंड बनाने की मांग पुरानी है. मगर अब तक इसे प्रखंड का दर्जा नहीं मिला है.

जनहित के कार्यों को प्राथमिकता दी : सुखराम

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विधायक सुखराम उरांव अपने पांच साल के कार्यकाल से संतुष्ट हैं. वह कहते हैं प्रारंभ के दो साल कोविड में बीत जाने के बाद भी शेष तीन साल में जनहित के कार्यों को प्राथमिकता दी. पहले धार्मिक उन्माद चक्रधरपुर में रहता था, वह पूरी तरह समाप्त हो गया. कोविड काल में पीड़ित लोगों और प्रवासी मजदूरों की सेवा की. अंडरपास निर्माण की स्वीकृति दिलायी. रेलवे अस्पताल में ब्लड बैंक की स्थापना करायी. चक्रधरपुर को जिला, टोकलो व कराईकेला को प्रखंड बनाने की मांग बार- बार विधानसभा में उठायी. बिजली संकट से लोगों को निजात दिलायी. आधा दर्जन से अधिक एम्बुलेंस सेवा बहाल की. बिरसा भगवान मुंडा की प्रतिमाएं 25 स्थानों पर स्थापित करवायी. जनता की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निदान करवाया.

विकास का कोई काम नहीं हुआ : शशि भूषण सामद

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2019 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे लक्ष्मण गिलुवा का देहांत हो चुका है. तीसरे स्थान पर पूर्व विधायक शशि भूषण सामद थे. उनका मानना है कि चक्रधरपुर में विकास का कोई कार्य नहीं हुआ है. केवल ठेकेदारी को प्राथमिकता दी गयी है. उलीडीह-चैनपुर सड़क की तरह वैसे स्थान पर सड़क बनायी गयी है, जहां पहले से अच्छी सड़क थी. बनमालीपुर-चोंगासाई, पारसाई में सड़क की आवश्यकता थी, लेकिन ऐसी सड़कों की अनदेखी की गयी. पांच साल में केवल योजनाओं की डीपीआर तैयार की गयी. योजनाएं धरातल पर नहीं उतरीं. इस विधानसभा क्षेत्र में जल संकट से लोग जूझ रहे हैं. मगर जल संकट की समस्या दूर करने की कोशिश नहीं की गयी. गांव के लोग चुआं का पानी पीने को विवश हैं.

टोकलो को अलग प्रखंड बनाना अति आवश्यक है. इस संदर्भ में वर्तमान विधायक ने पहल भी की है. लेकिन राज्य सरकार ने अपनी स्वीकृति नहीं दी. यह अति पिछड़ा सुदूर ग्रामीण क्षेत्र है. टोकलो मवि को हाइस्कूल का दर्जा देने से क्षेत्र के लोगों को काफी लाभ मिलता.

संजय महतो

अभी भी अनुमंडल कोर्ट का संचालन चाईबासा से

चक्रधरपुर में बनकर तैयार है अनुमंडल भवन, लेकिन आज भी अनुमंडल कोर्ट का संचालन चाईबासा सिविल कोर्ट से हो रहा है. फोटो : प्रभात खबर

26 जनवरी 1982 को चक्रधरपुर अनुमंडल की स्थापना हुई थी. लेकिन आज भी अनुमंडल कोर्ट, चाईबासा सिविल कोर्ट में संचालित होता है. व्यवहार न्यायालय का भवन पांच साल से बन कर तैयार है. लेकिन अनुमंडल स्तरीय कोर्ट का संचालन शुरू नहीं हुआ है. अनुमंडल अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. यह अस्पताल प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र की तरह संचालित हो रहा है. इसमें विशेषज्ञ चिकित्सक और आधुनिक मशीनें नहीं हैं. चक्रधरपुर में महिला कॉलेज, आदर्श कॉलेज, तकनीकी शिक्षण संस्थान नहीं है. इसकी स्थापना की मांग विद्यार्थी संगठन लगातार करते रहे हैं.

चक्रधरपुर में जेल व सिविल कोर्ट भवन बन कर तैयार है, पर अब तक इसे चालू नहीं किया गया. जिला बनाने की दिशा में सरकारी स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया.

सुब्रत कुमार प्रधान, अधिवक्ता

एक्सपर्ट बोले

चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र कई मायनों में पिछड़ा है. चक्रधरपुर को जिला बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है. मगर अब तक नहीं बना. वहीं सरायकेला को जिला बना दिया गया. संभवत: मजबूत राजनेता होने के कारण सरायकेला जिला बन गया. यहां रेल मंडल का मुख्यालय भी है. लेकिन यहां का रेलवे अस्पताल टेल्को और गार्डनरिच पर निर्भर है. सबसे अधिक राजस्व देने वाला रेल मंडल होने के बावजूद यात्री सुविधाएं काफी कम हैं. तीसरी लाइन बिछी, लेकिन नयी ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं हुआ. अलबत्ता पुरानी ट्रेनों में भी कटौती कर दी गयी. अब तक महिला कॉलेज की स्थापना नहीं हो पायी. एकमात्र जेएलएन कॉलेज है. जिसमें पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिला के बच्चे अध्ययनरत हैं. सरोज कुमार महतो

2019 विधानसभा चुनाव के परिणाम

उम्मीदवार का नामपार्टी का नामचुनाव में मिले मत
सुखराम उरांवझामुमो43832
लक्ष्मण गिलुवाभाजपा31598

2014 विधानसभा चुनाव के परिणाम

उम्मीदवार का नामपार्टी का नामचुनाव में मिले मत
शशिभूषण सामदझामुमो64346
नवमी उरांवभाजपा37948

2009 विधानसभा चुनाव के परिणाम

उम्मीदवार का नामपार्टी का नामचुनाव में मिले मत
लक्ष्मण गिलुवाभाजपा26984
सुखराम उरांवझामुमो26694

चक्रधरपुर विधानसभा के अब तक के विधायक

चुनाव का वर्षविधायक का नामविजेता की पार्टी
1977जगन्नाथ बांकिराझारखंड पार्टी
1980देवेंद्र माझीझामुमो
1985जगन्नाथ बांकिराभाजपा
1990बहादुर उरांवझामुमो
1995लक्ष्मण गिलुवाभाजपा
2000चुमनू उरांवभाजपा
2005सुखराम उरांवझामुमो
2009लक्ष्मण गिलुवाभाजपा
2014शशिभूषण सामदझामुमो
2019सुखराम उरांवझामुमो

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