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पश्चिमी सिंहभूम की इस विधानसभा सीट पर पिता की बनायी पिच पर राजनीतिक पारी नहीं खेल सका पुत्र

Jharkhand Assembly Election: झारखंड के दिग्गज नेता रहे बागुन सुंब्रुई के बेटे अपने पिता की विरासत नहीं बचा पाए. ऐसी रही है इस परिवार की राजनीति में पैठ.

Jharkhand Assembly Election: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित चाईबासा (सदर) विधानसभा सीट और सिंहभूम (एसटी) संसदीय सीट से 5 बार सांसद और 4 बार विधायक रहे बागुन सुंब्रुई की विरासत को उनके पुत्र नहीं बचा सके. पिता की बनायी राजनीतिक पिच पर पुत्र आगे खेल नहीं सके.

1952 से 1977 तक विधायक-सांसद बनते रहे बागुन सुंब्रुई

कोल्हान में कांग्रेस को अपने दम पर मजबूती दिलाने वाले बागुन सुंब्रुई के परिवार की राजनीति उनके साथ ही खत्म हो गई. बागुन ने चाईबासा विधानसभा सीट पर कांग्रेस को पहली बार कामयाबी दिलायी थी. वे वर्ष 1952 से 1977 तक लगातार झारखंड पार्टी सहित विभिन्न दलों के टिकट पर सांसद बनते रहे.

बागुन की पत्नी मुक्तिदानी सुंब्रुई 2 बार बनीं विधायक

वर्ष 1984 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर पार्टी की इस क्षेत्र में इंट्री करवाई. विधानसभा चुनाव में बागुन सुंब्रुई ने अपनी पत्नी मुक्तिदानी सुंब्रुई को 2 बार विधायक बनवाया. मुक्तिदानी सुंब्रुई वर्ष 1977 में पहली बार चुनाव लड़ीं और जीत हासिल की. इसके बाद 1980 में भी वह चुनाव जीतीं. मुक्तिदानी पहली आदिवासी महिला थीं, जो विधायक बनीं.

बेटे विमल ने 2 बार चुनावा लड़ा, दोनों बार हारे

मुक्तिदानी सुंब्रुई और बागुन सुंब्रुई के निधन के बाद उनके पुत्र विमल सुंब्रुई विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें कभी सफलता नहीं मिली. वर्ष 2005 में बागुन सुंब्रुई ने विमल सुंब्रुई को चुनाव के मैदान में उतारा, लेकिन भाजपा के पुत्कर हेम्ब्रम ने उनको हरा दिया. चाईबासा में बागुन सुंब्रुई व उनके परिवार का तिलिस्म दीपक बिरुवा ने वर्ष 2009 में तोड़ा. बागुन के निधन के बाद उनके पुत्र विमल ने पिता की राजनीतिक विरासत बचानी चाही, लेकिन वे वर्ष 2005 और वर्ष 2019 में हुए चुनावों में हार गए.

पहले चरण में झारखंड की कितनी सीटों पर होगा मतदान

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान 2 चरणों में कराए जा रहे हैं. पहले चरण में कुल 43 सीटों पर मतदान होगा. इसमें 15 जिले शामिल हैं.

सबसे कम मतदाता कहां हैं

झारखंड विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. क्या आपको पता है कि झारखंड में वह कौन सी विधानसभा सीट है, जहां सबसे कम मतदाता हैं? आपको हम बताते हैं कि सबसे कम मतदाता किस विधानसभा सीट पर हैं. पश्चिमी सिंहभूम की जगन्नाथपुर विधानसभा सीट मतदाताओं के लिहाज से सबसे छोटी विधानसभा सीट है. यहां सबसे कम 1,98,579 मतदाता हैं.

झारखंड में किस विधानसभा की आबादी सबसे कम है

क्षेत्र के लिहाज से लातेहार जिले की मनिका (एसटी) विधानसभा सीट सबसे बड़ी है. आबादी के हिसाब से कांके (एससी) विधानसभा सबड़े बड़ा है. आबादी के लिहाज से बात करें, तो खूंटी जिले की तोरपा विधानसभा सीट सबसे छोटी है. यहां की आबादी 2,98,287 है. तोरपा विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) यानी आदिवासियों के लिए आरक्षित है.

झारखंड में कितने चरणों में हुए थे चुनाव

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 नवंबर और दिसंबर के महीने में हुए थे. 5 चरणों में 81 विधानसभा सीटों पर मतदान कराए गए थे. पहले चरण की वोटिंग 30 नवंबर 2019 को हुई. दूसरे चरण की वोटिंग 7 दिसंबर 2019, तीसरे चरण की वोटिंग 12 दिसंबर 2019, चौथे चरण की वोटिंग 16 दिसंबर 2019 को और पांचवें एवं अंतिम चरण की वोटिंग 20 दिसंबर 2019 को हुई थी. सभी 81 सीटों पर 23 दिसंबर 2019 को मतगणना हुई थी. इसी दिन चुनाव परिणामों की घोषणा की गई थी. पहले चरण का मतदान शनिवार को हुआ, जबकि अंतिम चरण की वोटिंग शुक्रवार को हुई थी.

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 का परिणाम

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के परिणाम जब जारी किए गए, तो सबसे ज्यादा 30 सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में आईं. सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा. बीजेपी सिर्फ 25 सीटें ही जीत पाई. झामुमो और राजद के साथ गठबंधन में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया. उसके खाते में 16 सीटें आईं. झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) ने 3, आजसू पार्टी ने 2 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 1 सीट पर जीत दर्ज की. सरयू राय समेत 2 निर्दलीय उम्मीदवार भी इस बार विधानसभा पहुंचे.

झारखंड विधानसभा चुनाव कब है

झारखंड विधानसभा चुनाव इसी साल होंगे. 5 जनवरी 2025 तक विधानसभा का कार्यकाल है. इसलिए इसके पहले झारखंड में इलेक्शन हो जाएगा. झारखंड में इस बार 2 चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं. 13 नवंबर को 43 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी जबकि 20 नवंबर को 38 सीट पर मतदान कराए जाएंगे. 23 नवंबर को सभी 81 सीटों पर मतगणना होगी और उसी दिन परिणाम आ जाने की संभावना है.

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