West Singhbhum Corona Update पश्चिमी सिंहभूम : कोरोना काल में डॉक्टर्स और नर्स की अलग-अलग भूमिका देखकर सभी उनपर गर्व महसूस कर रहे है, लेकिन क्या आपको पता हैं पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल से लेकर जिले के आइडीएसपी कार्यालय तक हमारे बीच कई ऐसे साइलेंट हीरोज मौजूद है, जिन्होंने पर्दे के पीछे रहते हुए हम सबको इस भयावह संक्रमण से बचाने के लिए अबतक बड़ी भूमिका निभाई है. ये कोरोना के खिलाफ जारी जंग में दिन-रात जिले वासियों की मदद कर रहे है.
ये सभी दिन रात कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच में ही रहते है. ये मरीजों का डाटा संरक्षण करने से लेकर उनकी कांटैक्ट ट्रेसिंग आदि के साथ-साथ मरीजों की जान बचाने एवं संक्रमित मृत को जलाने तक के कार्यों में जुटे है. इनके लिए पर्व-त्योहार तो छोड़ दीजिए, यहां तक कि पिता अपने नवजात शिशु व नवविवाहित अपने घर-परिवार की परवाह किये बगैर फौलादी जज्बा लिए संक्रमण को हराने में लगे है.
नवजात शिशु की परवाह किये बगैर करते रहे संक्रमित मृत को अग्नि देने का कार्य
सदर अस्पताल के लिपिक बनरंजन सिन्हा (बंटी) ने भी पूरे कोरोना काल के दौरान पर्दे के पीछे रहते हुए कई महत्वपूर्ण कार्यों को किया है. जिसका हिसाब लगा पाना तक मुश्किल है. बंटी ने इस कोरोना काल के दौरान मरीजों के लिए
दवाईयां आदि की व्यवस्था करने, टेस्टिंग के लिए अस्पताल आने वाले व्यक्तियों की जांच कराने, विभिन्न अधिकारियों के भवन एवं दफ्तरों में लैब टेक्नीशियन को भेज सबकी जांच कराने के साथ-साथ कोरोना संक्रमित मृत मरीजों को जलाने तक का महत्वपूर्ण कार्य किया है. दरअसल बंटी को एक नवजात शिशु भी है, लेकिन बावजूद इसके वे कोरोना संक्रमित मरीजों के पूरी सेवा में लगे रहे है. इसके अलावा लाशों को भी डिस्पोजल करने के कार्य से भी वे नहीं कतराए है.
जिले के एपीमीडियोलॉजिस्ट अजमत अजीम ने पूरे कोरोना काल के दौरान अबतक जिले में मिले संक्रमित मरीजों के डाटा एंट्री, कांटैक्ट ट्रेसिंग आदि के साथ-साथ जिले के विभिन्न अस्पतालों में बेडों की स्थिति, सैंपलिंग प्रोसेस आदि की मॉनिटरिंग करने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को किया है.
इसके अलावा भी इन्होंने कोरोना से संबंधित विभिन्न पावर प्वाइंट प्रेंटेशन बनाने, सरकार के समक्ष जिले की वस्तुस्थिति रखने आदि की जिम्मेदारी भी निभाई है. ऐसे में अजमत ने रमजान से लेकर ईद जैसे अपने मुख्य त्योहार में भी जिले वासियों को कोरोना संक्रमण से उबारने के लिए दिन-रात कार्य किया है. देखा जाए तो पर्दे के पीछे रहने के बावजूद अजमत ने जिले में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने में अबतक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
आइडीएसपी के मुख्य डेटा ऑपरेटर सोनू कुमार ने भी पूरे कोरोना काल के दौरान अबतक अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को दरकिनार करते हुए जिले वासियों के लिए घंटों कार्य किया है. इस बीच वे कोरोना संक्रमित भी हुए, लेकिन संक्रमित रहते हुए भी लैपटॉप पर डेटा एंट्री का कार्य जारी रखा. इसी दौरान सोनू की शादी भी हुई, लेकिन बावजूद इसके इन्होंने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा और शादी के फौरन बाद कार्यभार संभाल लिया.
दरअसल सोनू अनुबंध पर सदर अस्पताल के आइडीएसपी सेल में डेटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर कार्यरत है. इनके जिम्मे कोरोना से संबंधित हरेक डाटा को संरक्षित करने एवं आईसीएमआर पोर्टल पर डेटा जेनरेट करने का कार्य है. इस कार्य में तौहीद आलम, जोशपीन तोड़कोड, सुमित विश्वकर्मा, गौरव राज, फैजान अंसारी व गुंजन चौधरी इनकी मदद करते है.
सदर अस्पताल के एमटीएस अहसान फाहरुख ने पूरे कोरोना काल के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग के कोविड-19 कंट्रोल रूम को संभालने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है. यहां उन्होंने कोरोना संक्रमित व्यक्ति का पता लगने के बाद उसकी कांटैक्ट हिस्ट्री खंगालने से लेकर मरीज के कांटैक्ट ट्रेसिंग, कंटेनमेंट जोन आदि की जानकारी इकट्ठा कर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण कार्य किया है,
ताकि उक्त संक्रमित के संपर्क में आकर कोई दूसरा व्यक्ति पॉजिटिव न बन बैठे. इसके अलावा अहसान फाहरुख ने जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक शाम को जारी किये जाने वाले कोविड-19 न्यूज बुलेटिन जैसे महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी भी संभाली है.
Posted By : Sameer Oraon