Jharkhand News: झारखंड को सर्वाईकल कैंसर से मुक्त कराने का अभियान सारंडा पहुंच चुका है. जननी सुरक्षा अभियान के तहत शुक्रवार (14 जून) को गुवा में 500 से अधिक आदिवासी महिलाओं की जांच की गई. 70 फीसदी के जननांग में सूजन पाया गया. 10 महिलाओं में सर्वाईकल प्री-कैंसर के लक्षण मिले. आश्चर्य की बात यह रही कि अविवाहित आदिवासी लड़कियों में भी सर्वाईकल प्री-कैंसर के लक्षण मिले हैं.
सारंडा की 10 महिलाओं को तत्काल प्री-कैंसर से मिली मुक्ति
सर्वाईकल प्री-कैंसर के लक्षण वाली महिलाओं को तत्काल क्रायो चिकित्सा के जरिए प्री-कैंसर से मुक्त किया गया. जननांग में सूजन से पीड़ित महिलाओं को इसकी दवा दी गई. इस मेगा कैंप में वाया (VIA) और विल्ली (VILLI) पॉजिटिव 10 महिलाएं मिलीं. इन्हें कैंप स्थल पर ही कोल्पोस्कोप गाइडेड क्रायो ट्रीटमेंट देकर सर्वाईकल प्री-कैंसर से मुक्त कर दिया गया.
सर्वाईकल पॉलिप, पायोमेट्रा और यूटरस प्रोलैप्स की भी मरीज मिलीं
सर्वाईकल पॉलिप की 5 महिलाएं मिलीं जबकि पायोमेट्रा से ग्रसित दो महिलाएं मिलीं. इसके अलावा यूटरस प्रोलैप्स की एक महिला मिली. सर्वाईकल कैंसर की एडवांस्ड स्टेज की भी एक महिला इस कैंप में मिली. कैंप में ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित एक महिला का पता चला. शिविर में आने वाली सभी महिलाओं को 1 महीने के लिए आयरन फोलिक एसिड एवं कैल्शियम की गोलियां दी गईं.
जननी सुरक्षा अभियान गुवा के बाद नोवामुंडी और चक्रधरपुर में
सारंडा आज भी झारखंड का सबसे घना जंगल है और अति पिछड़ा इलाका है. सारंडा के गुवा में आयोजित मेगा हेल्थ कैंप का उद्घाटन पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने किया. जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और सेल के सहयोग से आयोजित जननी सुरक्षा अभियान गुवा के बाद नोवामुंडी और चक्रधरपुर पहुंचेगा.
सर्वाईकल और ब्रेस्ट कैंसर उन्मूलन के लिए झारखंड सरकार गंभीर
उपायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि सर्वाईकल और ब्रेस्ट कैंसर उन्मूलन के लिए सरकार गंभीर है. वीमेन डॉक्टर्स विंग ने इस भीषण गर्मी में सैकड़ों महिलाओं की जांच एवं उनके इलाज में तत्परता दिखाई है, वह काबिल-ए-तारीफ है. नोवामुंडी और चक्रधरपुर के कैंप में भी प्रशासन पूरा सहयोग करेगा. डीडीसी ने सारंडा के ऐसे दूर-दराज के क्षेत्रों में लगाए जाने वाले शिविर की सराहना की. कहा कि भविष्य में भी ऐसा आयोजन होते रहना चाहिए.
हर साल 67000 मौतें सर्वाईकल कैंसर से : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ साहिर पॉल ने कहा कि देश में हर साल 67 हजार महिलाओं की सर्वाईकल कैंसर से मौत हो जाती है. उन्होंने कहा कि सर्वाईकल कैंसर को रोका भी जा सकता है और बेहद आसानी से इसका इलाज भी संभव है. कहा कि देश में जितने प्रकार के कैंसर रोगी हैं, उसमें सर्वाईकल कैंसर दूसरे नंबर पर है. इससे हम सबको मिलकर लड़ना है. इसको खत्म करना है.
महिलाओं को जननांग से जुड़ी बीमारियों से मुक्त करना उद्देश्य
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) झारखंड के वीमेन डॉक्टर्स विंग की चेयरपर्सन भारती कश्यप ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य आदिवासी एवं गरीब तबके की महिलाओं को जननांग संबंधी बीमारियों से मुक्त करना है. उन्होंने कहा कि संताल परगना के गांवों से शुरू हुआ यह अभियान अब सारंडा में पहुंच गया है. गुवा के बाद हमारा कैंप नोवामुंडी, किरीबुरू और चक्रधरपुर में भी लगेगा. इन सभी जगहों पर ‘ज्योति सुरक्षा अभियान’ एवं ‘जननी सुरक्षा अभियान’ चलाया जाएगा. इसके लिए मेगा स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे.
महिलाओं को कैंसर से मुक्ति का अभियान चला रहीं भारती कश्यप
नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकीं झारखंड की डॉ भारती कश्यप ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य क्षेत्र की महिलाओं को जननांग संबंधी समस्याओं से मुक्ति दिलाना है. कहा कि जननांग में सूजन ही आगे चलकर सर्वाईकल प्री कैंसर का रूप ले लेता है और बाद में सर्वाईकल कैंसर मेंने तब्दील हो जाता है. महिलाओं को कैंसर से मुक्त कराने के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहीं सर्वाईकल कैंसर रिसर्चर डॉ भारती कश्यप ने यह भी कहा कि हमारा उद्देश्य जननांग में सूजन से जूझ रही 100 फीसदी महिलाओं को समय पर चिकित्सा उपलब्ध कराकर उन्हें सर्वाईकल प्री-कैंसर से मुक्त करना है. हम झारखंड को सर्वाईकल प्री-कैंसर से मुक्त राज्य बनाना चाहते हैं.
डॉ भारती की पहल पर 5 लाख से अधिक महिलाओं की हुई जांच
बता दें कि सर्वाईकल प्री-कैंसर के खिलाफ जंग छेड़ने वाली रांची की सामाजिक कार्यकर्ता और नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ भारती कश्यप की पहल पर 10 साल में 5 लाख से अधिक प्रजनन क्षमता वाली महिलाओं की स्क्रीनिंग करवा चुकीं हैं. वर्ष 2021 से अब तक यानी महज साढ़े तीन साल में 3.5 लाख प्रजनन क्षमता वाली महिलाओं की स्क्रीनिंग हुई है. सरकार की ओर से तय लक्ष्य से अधिक महिलाओं की जांच और उनका इलाज उन्होंने दिल्ली एवं बंबई की विशेषज्ञ डॉक्टरों से करवाया है.
झारखंड के 14 सरकारी अस्पतालों में सर्वाईकल प्री-कैंसर के उपचार की सुविधा
बता दें कि झारखंड देश का पहला राज्य बन चुका है, जहां वीमेन डॉक्टर्स विंग एवं स्वास्थ्य विभाग मिलकर प्रजनन क्षमता वाली चिह्नित महिलाओं में से 6 फीसदी की जांच और उनके इलाज पर काम किया है. यह देश का पहला राज्य है, जहां 14 बड़े सरकारी अस्पतालों में जननांग संबंधी सूजन की पहचान और सर्वाईकल प्री-कैंसर के इलाज की मशीनें लग चुकीं हैं. इस तरह झारखंड सर्वाईकल कैंसर से मुक्त देश का पहला राज्य बनने की ओर अग्रसर है.
2013 व 2016 में डॉ भारती ने सारंडा में चलाए थे कई अभियान
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 2013 और 2016 में डॉ भारती कश्यप ने सारंडा क्षेत्र के दूर-दराज के गांवों में ‘दृष्टि सुरक्षा अभियान’ चलाया था. इसके तहत सरकारी स्कूल के लाखों बच्चों और बूढ़े-बुजुर्गों की आंखों की जांच की गई थी. हजारों बच्चों एवं बुजुर्गों को मुफ्त चश्मा भी दिया. इतना ही नहीं, सैकड़ों बच्चों की मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया, ताकि वे फिर से स्कूल जा सकें.
मेगा महिला हेल्थ कैंप में ये लोग भी हुए शामिल
मेगा महिला हेल्थ कैंप के सफल आयोजन में सहयोग के लिए वीमेन डॉक्टर्स विंग और डीएफओ (सारंडा वन प्रमंडल) अविरूप सिन्हा ने पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त कुलदीप चौधरी, उप-विकास आयुक्त संदीप मीना, सिविल सर्जन डॉ साहिर पॉल, सेल के सीजीएम कमल भास्कर और सेल अस्पताल गुवा के बिप्लव दास, सदर अस्पताल जमशेदपुर और सदर अस्पताल चाईबासा के चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ-साथ जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विजय कुमार एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक रोहित कुमार को सम्मानित किया.
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