jharkhand news, west singhbhum latest news in hindi, jharkhand high court latest news, रांची : चक्रधरपुर के बोदर गांव की 30 वर्षीय महिला के साथ हुई घटना ने अंतरात्मा को झकझोर दिया है. घटना की तस्वीरें देख कर मन विचलित हो गया. ऐसी घटनाएं काफी पीड़ा देती हैं. हर व्यक्ति की जिंदगी कीमती है. हमें अफसोस है कि जानकारी मिलने के बाद रात में ही कोर्ट क्यों नहीं बैठी. महिला की माैत ने तो सुबह का इंतजार नहीं किया था. महिला की मौत हो गयी, लेकिन जाते-जाते वह पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर गयी. मामले की सुनवाई के दाैरान चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन ने मौखिक रूप से उक्त टिप्पणी की.
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ गंभीर रूप से जली महिला का एमजीएम जमशेदपुर में समुचित इलाज नहीं होने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रही थी. इस दौरान 90% से अधिक जल चुकी महिला हीरामनी बारला की तस्वीरें देख चीफ जस्टिस विचलित हो गये. उनकी आंखें डबडबा गयीं. सुनवाई के पहले ही महिला की माैत हो गयी. खंडपीठ ने सरकार की दलील पर असंतोष जताते हुए कहा कि 90% तक जला हुआ मरीज अस्पताल आता है, तो आप किसको प्राथमिकता देंगे, यह भी तय नहीं कर पाते हैं.
अस्पताल प्रबंधन को क्या इस बात को नहीं देखा जाना चाहिए कि 90 प्रतिशत से अधिक जली महिला को बेड देकर समुचित इलाज शुरू किया जाता.
इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि एमजीएम अस्पताल में बर्न यूनिट है, जिसमें 20 बेड है. 24 मरीज पहले से भर्ती थे. इसलिए महिला को इमरजेंसी वार्ड के बेड पर रख कर इलाज किया जा रहा था.
चक्रधरपुर के बोदर गांव निवासी महिला हीरामनी बारला को उसके पति राजन पूर्ति ने 14 फरवरी को मिट्टी तेल छिड़क कर जला दिया और फरार हो गया. इसके बाद कोई व्यक्ति महिला को एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर के दरवाजे पर छोड़ कर चला गया. उसका इलाज नहीं हो रहा था. इसकी सूचना जमशेदपुर की अधिवक्ता अमृता कुमारी को मिली.
उन्होंने 17 फरवरी को हाइकोर्ट के अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल को सूचित किया. साथ ही उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से महिला के इलाज का आग्रह किया तथा झुलसी महिला की तस्वीरें लेकर रांची भेज दिया. इधर, अनूप अग्रवाल ने ई-मेल के जरिये चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन को घटना की पूरी जानकारी व तस्वीरें भेजी. चीफ जस्टिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल उसे महाधिवक्ता कार्यालय को भेजने का निर्देश दिया. हाइकोर्ट की अोर से उठाये गये कदम के बाद महिला को इलाज के लिए बर्न यूनिट में शिफ्ट किया गया.
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महिला की मौत हो गयी, लेकिन जाते-जाते वह पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर गयी
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तस्वीरें देख कर तो नहीं लगता कि महिला को इमरजेंसी वार्ड में रखा गया था, यह जनरल वार्ड जैसा दिखता है
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प्रथमदृष्टया महिला की मौत इलाज में लापरवाही का मामला, अस्पताल के निदेशक पर होनी चाहिए प्राथमिकी
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जिस दिन यह घटना हुई थी, उस दिन प्राथमिकी क्यों दर्ज नहीं की गयी, मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को
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चक्रधरपुर के बोदर गांव की 30 वर्षीय महिला को उसके पति ने 14 फरवरी को तेल छिड़क कर जला दिया था
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90 प्रतिशत से अधिक झुलस चुकी थी महिला, किसी ने एमजीएम अस्पताल के दरवाजे पर लाकर छोड़ दिया
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इलाज नहीं होने पर अधिवक्ता ने चीफ जस्टिस को दी सूचना, महिला की तस्वीरें भी भेजीं, हाइकोर्ट ने लिया संज्ञान
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गुरुवार को एडीएम नंदकिशोर लाल और प्रभारी सिविल सर्जन डॉ एके लाल ने एमजीएम अस्पताल जाकर मामले की जांच की
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मृतका के पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है
झालसा के सदस्य सचिव को जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश : खंडपीठ ने झालसा के सदस्य सचिव को निर्देश दिया कि वे मामले की जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करें. राज्य सरकार व अस्पताल प्रबंधन को जांच में झालसा टीम को सहयोग करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, जमशेदपुर के डीसी व एसएसपी को जांच के दौरान झालसा के सदस्य सचिव को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को कहा गया है.
Posted By : Sameer Oraon