ओडिशा के 5 युवकों को गोइलकेरा में पत्थर, लाठी-डंडा और तलवार लेकर दौड़ाया था, 3 ने बताई आपबीती
Jharkhand News: ओडिशा के लापता युवकों में 3 ने अपनी आपबीती सुनाई है. कहा है कि गोइलकेरा में पत्थर, लाठी-डंडा और तलवार लेकर ग्रामीणों ने उन्हें दौड़ाया था.
Jharkhand News: पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा प्रखंड से लापता ओडिशा के शेख शहदली व शेख नाजिर के साथ घटना के दिन 3 और साथी चंदन दास, शेख अफरोज और मो फिरोज उर्फ शोबराती भी थे. उन्होंने भागकर अपनी जान बचायी थी. सोमवार को तीनों युवकों ने प्रभात खबर को घटना के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सेंदरा दल ने हमें नुकसान नहीं पहुंचाया.
गोइलकेरा थाना से करीब एक किलोमीटर दूर एक गांव के ग्रामीणों ने हमारे वाहन पर पत्थरों से हमला किया. हम पांचों वाहन से उतर कर भागने लगे. ग्रामीण हमें दौड़ाने लगे. सभी अलग-अलग दिशा में भागे. रास्ते का कोई अंदाजा नहीं था. इसी दौरान चंदन दास के हाथ पर डंडा से मारा, जिसके निशान अब भी उसके हाथ पर है. तीनों अपने-अपने घर लौट गये, लेकिन बाकी के दो का अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है.
रात 10:30 बजे चाईबासा से गोइलकेरा के लिए निकले थे
लापता युवकों के 3 साथियों में ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर के भैलोडीह निवासी चंदन दास व शेख अफरोज और चाईबासा निवासी मो फिरोज उर्फ शोबराती शामिल हैं. तीनों युवकों ने रविवार को गोइलकेरा पुलिस को बयान दिया. तीनों ने बताया कि 9 दिसंबर को शेख शहदली अपने साथी चंदन दास के घर गया और आनंदपुर हाट चलने को कहा.
कहा कि वहां से बकरी, खस्सी, बैल आदि खरीदेंगे. दोनों पशु व्यवसायी हैं. रात करीब 8:30 बजे चंदन दास, शेख शहदली, शेख नाजिर व शेख अफरोज चारों सफेद रंग की स्कॉर्पियो (जीएच 12 ए 9090) से निकले. रात करीब 10:30 बजे चाईबासा में एक अन्य व्यापारी साथी मो फिरोज को साथ ले लिया. पांचों बरकेला के रास्ते से गोइलकेरा की ओर बढ़े.
महादेवशाल में रोड जाम होने से दूसरे मार्ग से आगे बढ़े
उन्होंने बताया कि महादेवशाल के पास एक हाइवा ब्रेक डाउन होने के कारण रोड जाम था. वहां से रास्ता बदल कर गोइलकेरा थाना के बगल से करीब 6 किलोमीटर आगे बढ़े. वहां मोबाइल नेटवर्क नहीं था. रास्ता समझ में नहीं आने के कारण गोइलकेरा की ओर लौटने लगे.
रास्ते पर ट्रैक्टर तिरछा खड़ा कर हथियार लेकर खड़े थे लोग
गोइलकेरा थाना से कुछ दूर पहले बेड़ाहुंडरु गांव है. तीनों को गांव का नाम नहीं मालूम है. वहां एक ट्रैक्टर को रास्ते पर तिरछा खड़ा कर स्कॉर्पियो को रोकने की कोशिश की गयी. तीनों ने बताया कि लोगों के हाथ में पत्थर, तलवार, लाठी-डंडा और धारदार हथियार थे. हमने कुछ दूर पहले स्कॉर्पियो को रोक कर पीछे (बैक) करने की कोशिश की. स्कॉर्पियो खेत में घुस गयी. हम वाहन से उतरकर भागने लगे. रेलवे के खंभों को देख उधर भागने लगे.
कुछ दूर बाद रास्ते में एक टेम्पो की मदद ली. बस पड़ाव में रुके. तीनों टुनिया स्टेशन पर मिले, लेकिन शेख शहदली और शेख नाजिर नहीं मिले. भागने के क्रम में घर वालों को हादसे की जानकारी दी. रायरंगपुर से दूसरा वाहन मंगवा कर सुबह घर पहुंचे. वापसी में मो फिरोज चाईबासा में उतर गया. दोनों ने घर लौट कर शेख शहदली व शेख नाजिर के परिवार वालों को हादसे के बारे में जानकारी दी.
तीनों युवकों ने बताया कि अंजुमन इस्लामिया चक्रधरपुर के सहयोग से हमने गोइलकेरा पुलिस से स्वयं संपर्क किया. हादसे की जानकारी देने की बात कही. हमें सोनुवा तक बुलाया गया, जहां से पुलिस हमें सीआरपीएफ (कुइड़ा) कैंप ले गयी. हमने घटना के संदर्भ में पूरी जानकारी पुलिस को दे दी है. उसके बाद हमें सोनुवा में छोड़ दिया गया.
लापता युवकों के तीन साथियों से पुलिस ने की पूछताछ
गोइलकेरा से लापता ओडिशा के शेख शहदली व शेख नाजिर का आठ दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला. घटना के 8वें दिन पुलिस ने लापता युवकों के तीन साथियों से पूछताछ की. हालांकि, पुलिस तीनों युवकों को घटनास्थल पर नहीं ले गयी, जबकि घटनास्थल गोइलकेरा थाना से कुछ दूर बेड़ाहुंदरु गांव में है. तीनों युवकों ने प्रभात खबर को बताया कि अगर पुलिस उन्हें घटनास्थल पर ले जाती, तो शायद वे किसी की पहचान कर लेते. पुलिस ने कुइड़ा सीआरपीएफ कैंप में उनसे पूछताछ की और सोनुवा ले जाकर छोड़ दिया.
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