प्रतिनिधि, चाईबासा
कोल्हान विश्वविद्यालय (केयू) के ग्राउंड फ्लोर पर खुला कैंटीन 2022 से बंद है. केयू सूत्रों के अनुसार, विश्वविद्यालय के शिक्षक, प्रशासनिक पदाधिकारी, शिक्षकेत्तरकर्मियों, विद्यार्थी समेत आने वाले लोगों के भोजन, नाश्ता व चाय आदि की व्यवस्था बहाल करने को 2015 में कैंटीन का शुभारंभ किया गया. जिसे सर्किट हाउस के केयर टेकर के द्वारा 2019 के अंत चलाया गया. इसके बाद 2020 तक यह बंद रहा. उसके बाद पुन: नो प्राॅफिट नो लॉस के आधार पर चलाकर फिर 2022 के अंत में बंद कर दिया गया. तब से कैंटीन का बड़ा हॉल बेकार बंद पड़ा हुआ है. जिसकी कोई उपयोगिता नहीं हो पा रही है. वर्तमान में विश्वविद्यालय के कार्यों से आने वाले लोगों को नाश्ता, चाय व भोजन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.देर शाम तक कार्य करने वालों को होती है परेशानी
इधर, विश्वविद्यालय में एक कैंटीन का ना होना खुद में बड़ा प्रश्न बनता है. ऐसे में नैक की ग्रेडिंग किस आधार पर दी गयी, इस पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं. केयू सूत्रों के अनुसार, 28 मई को 84वें सिंडिकेट के दौरान कुलपति व सिंडिकेट सदस्य ने कैंटीन समेत पूरे प्रशासनिक भवन आदि का मुआयना किया था.चीफ ऑडिटर ने किया था निरीक्षण
सूत्र बताते हैं कि केयू के कैंटीन की झारखंड सरकार के चीफ ऑडिटर द्वारा ऑडिट के दौरान हॉल की लंबाई-चौड़ाई को देखते हुए इसके लिए हर माह 25 हजार रुपये प्रतिमाह तय किया गया था. इसके बाद चाईबासा जैसे शहर में कैंटीन के लिए भला इतना किराया देकर कोई भी इसे खोलने के लिए तैयार नहीं हुआ. हालत ये है कि कैंटीन का यह कमरा बेकार पड़ा हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है