प्रतिनिधि, मझगांव
मझगांव प्रखंड ग्रामीण जलापूर्ति योजना करीब तीन माह से बंद है. जलापूर्ति योजना बंद होने से प्रखंड के 2300 परिवारों को पानी नहीं मिल पा रहा है. इस योजना से प्रखंड के तीन पंचायत बलियापोसी, पड़सा व मझगांव के दर्जनों गांव को जोड़ते हुए 2300 परिवारों को ग्रामीण जलापूर्ति योजना का लाभ दिया जाना है. करोड़ों रुपये से बनी जलापूर्ति योजना गर्मी आते ही बेकार साबित हो जाती है. योजना शुरू हुए करीब 4 वर्ष हो चुकी है. गर्मी के दिनों में नदी का पानी सूख जाता है. इसकी वजह से लोगों को पानी नहीं मिल पाता है. ग्रामीण शुरू से ही नदी में जल जमाव के लिए चेकडैम या वाटर स्टोर निर्माण का मांग करते आ रहे हैं. अब क्षेत्र के जनप्रतिनिधि के साथ ही पीएचडी विभाग के पदाधिकारी भी मौन धारण किये हुए हैं. ग्रामीण जलापूर्ति योजना बीते मार्च के बाद से ठप है.पानी के लिए आंदोलन करेंगे ग्रामीण
ग्रामीणों ने कहा कि पीएचडी विभाग सब्र का परीक्षा न ले, अगर पानी नहीं मिलता है तो 2300 परिवार सहित हम सभी ग्रामीण प्रखंड कार्यालय में भूख हड़ताल पर बैठने को विवश होंगे.कोट:
विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा है. जबकि वर्तमान में नदी में काफी पानी है. शब्बीर अहमद, ग्रामीणइस बार भीषण गर्मी पड़ रही है. योजना के ठप होने से पानी के लिए लोग भटक रहे हैं. सरकार का करोड़ों रुपये बेकार साबित हो गया. सोमवारी पिंगुवा, सानपड़सा
प्रचंड गर्मी में एक बूंद पानी नहीं मिला है. अब तो बरसात आ गयी है, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण अभी पानी नहीं मिल रहा है. -आफताब अंसारी, सानपड़साविभाग के सप्लायर ने कहा कि कुछ दिन से बिजली समस्या होने से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. अब दुरुस्त कर लिया गया है. सोमवार सुबह से पानी दी जायेगी. -नरेश कुमार,
विभाग को बार-बार कहने के बावजूद भी पानी सप्लाई नहीं की जा रही है. विभाग के पदाधिकारी कार्य के प्रति जिम्मेदार नहीं है. इसकी शिकायत की जायेगी. लंकेश्वर तामसोय, जिप सदस्यडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है