झारखंड के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र टोंटो पहुंची डॉ भारती कश्यप की टीम, 2043 आदिवासी मरीजों का हुआ इलाज
Mega Health Camp: झारखंड के आदिवासी बहुल घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र टोंटो में डॉ भारती कश्यप और उनकी टीम ने एक दिन में 2043 लोगों की जांच की. इनमें 11 ऐसी महिलाएं मिलीं, जिनके गर्भाशय ग्रीवा में सूजन थी. उनका तत्काल इलाज किया गया और सर्वाइकल कैंसर की संभावना को खत्म कर दिया गया.
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Mega Health Camp|टोंटो (पश्चिमी सिंहभूम) : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के घोर नक्सल प्रभावित टोंटो में 2,043 आदिवासियों को चिकित्सा सुविधा का लाभ मिला. यहां लगे मेगा हेल्थ कैंप में आए 2043 में से 8 ऐसे बच्चे मिले, जिन्हें जन्मजात मोतियाबिंद है. 150 बुजुर्ग भी मोतियाबिंद की वजह से देख नहीं पा रहे. 11 ऐसी महिलाएं मिलीं, जिनमें गर्भाशय ग्रीवा के क्षरण का मामला पाया गया. इन महिलाओं का ऑन-द-स्पॉट इलाज किया गया. इसके लिए शनिवार (21 दिसंबर) को डॉ भारती कश्यप अपनी पूरी टीम के साथ टोंटो पहुंचीं थीं.
झारखंड को सर्वाइकल कैंसर से मुक्त कराने का चल रहा अभियान
वूमेन डॉक्टर विंग झारखंड की अध्यक्ष डॉ भारती कश्यप ने बताया कि वह कोल्हान से लेकर संताल और पलामू प्रमंडल तक में कैंप लगा चुकीं हैं. दशकों से वह यह काम कर रहीं हैं. उनके अभियान का उद्देश्य कैंप में आयी उन महिलाओं का इलाज सुनिश्चित करना है, जो जननांग संबंधी सूजन की समस्या से जूझ रहीं हैं. आईएमए झारखंड ने प्रदेश को सर्वाइकल कैंसर से मुक्त करने की ठानी है.
इसके लिए बाकायदा अभियान चलाया जा रहा है. यही वजह है कि जननांग संबंधी सूजन को तत्काल और दवा से ठीक करने पर जोर दिया जा रहा है, क्योंकि यही सूजन आगे चलकर सर्वाइकल कैंसर का रूप ले लेती है. जिन महिलाओं को समय पर यह उपचार मिल जाता है, उनमें भविष्य में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा नहीं रह जाता है.
‘दृष्टि सुरक्षा’, ‘जननी सुरक्षा’ अभियान चला रहीं हैं डॉ भारती कश्यप
वूमेन डॉक्टर विंग झारखंड की अध्यक्ष डॉ भारती कश्यप ने बताया की वह 33 वर्षों से झारखंड में दृष्टि सुरक्षा अभियान चला रहीं हैं. साथ ही वह जननी सुरक्षा अभियान भी चला रहीं हैं. वर्ष 2014 से मेगा महिला स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान भी झारखंड के दूर-दराज के आदिवासी बहुल इलाकों में चला रहीं हैं. कोल्हान, संताल परगना, पलामू प्रमंडल के वैसे इलाकों में पहुंचीं, जहां लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मयस्सर नहीं थीं.
पश्चिमी सिंहभूम के गुवा, गोईलकेरा के बाद टोंटो में लगा कैंप
उन्होंने कहा, ‘आदिम जनजातियों, खासकर पर्टिकुलर वल्नरेबल ट्राइबल ग्रुप (पीवीटीजी) की महिलाओं एवं दृष्टि खो रहे बच्चों तक पहुंचना हमारी प्राथमिकता है. छोटे-छोटे बच्चे, जो मोतियाबिंद और कॉर्निया की बीमारियों की वजह से स्कूल छोड़ देते हैं, उन्हें वापस स्कूल जाने लायक बनाने के उद्देश्य से हमने गुवा और गोईलकेरा के बाद अब टोंटो में कैंप लगाया है.’
गरीब मरीजों का आयुष्मान कार्ड भी बनवाता है कश्यप आई मेमोरियल हॉस्पिटल
इतना ही नहीं, डॉ भारती कश्यप ‘दृष्टि सुरक्षा अभियान’ के तहत वह मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, कॉर्निया और रेटिना जैसी आंखों की बीमारी से पीड़ित लोगों का रांची के कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल में मुफ्त इलाज भी सुनिश्चित करतीं हैं. कश्यप आई मेमोरियल हॉस्पिटल एनएबीएच की गुणवत्ता मानकों पर सर्वोच्च मान्यताप्राप्त अस्पताल है. गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मरीजों का यहां आयुष्मान कार्ड बनवाकर उनका बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाता है.
प्रशिक्षित मानव संसाधन का विशाल नेटवर्क तैयार कर रहीं डॉ कश्यप
डॉ भारती कश्यप ने कहा कि वह प्रशिक्षित मानव संसाधन का विशाल नेटवर्क तैयार कर रहीं हैं. कैंप में स्त्री रोग विशेषज्ञ सरकारी डॉक्टरों को डिजिटल वीडियो कोल्पोस्कोप गाइडेड क्रायो ट्रीटमेंट का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि सरकारी अस्पतालों में स्थानीय लोगों को यह इलाज लगातार मिल सके. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य आदिम जनजाति एवं पिछड़े तबके के स्थानीय लोगों के बीच स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना है, ताकि समय पर उनकी बीमारी की पहचान हो सके और समय पर सही इलाज के लिए वे सही जगह पहुंच सकें.
Mega Health Camp: टोंटो के मेगा हेल्थ कैंप में ये लोग रहे मौजूद
शनिवार (21 दिसंबर 2024) को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टोंटो में मेगा महिला स्वास्थ्य कैंप और दृष्टि सुरक्षा अभियान का आयोजन वीमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए झारखंड और चाईबासा वन प्रमंडल के संयुक्त तत्वधान में किया गया. शिविर के आयोजन में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन, पश्चिमी सिंहभूम का विशेष योगदान रहा. शिविर का उद्घाटन पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने किया. वह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. समारोह में पश्चिमी सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉ सुशांत मांझी और डीएफओ पोड़ाहाट वन प्रमंडल, डीडीसी और एसडीएम चक्रधरपुर भी मौजूद थे.
गुवा कैंप में हुई थी 846 लोगों की जांच
गुवा में 14 जून 2024 को मेगा हेल्थ कैंप (Mega Health Camp) में 846 लोग जांच कराने आए थे. इनमें से 412 की सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग हुई थी. 231 की टीबी की जांच हुई, 25 की मलेरिया की जांच हुई और 178 की सिकल सेल स्क्रीनिंग की गई. उस समय 10 महिलाओं में प्री सर्वाइकल कैंसर के लक्षण मिले थे. 231 में 86 लोगों में टीबी के लक्षण मिले थे.
गोईलकेरा में 1695 लोगों की हुई थी स्क्रीनिंग
गोईलकेरा में 1 जुलाई को ऐसे ही एक कैंप में 1,695 लोगों की जांच की गई थी. इसमें 130 महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग हुई थी. 312 लोगों की आंखों की जांच की गई. सिकल सेल की जांच कराने वालों की संख्या 214 थी. कुष्ठ रोग की जांच कराने 11 लोग आए थे. 90 लोगों की मलेरिया जांच हुई, 214 लोगों को सामान्य दवाईयां दी गईं, 214 लोगों की एनसीडी स्क्रीनिंग हुई, 31 लोगों के दांतों की जांच की गई. 4 लोगों को वैक्सीन लगाए गए. 31 लोगों को परिवार नियोजन का किट दिया गया. इस कैंप में 64 लोगों के आयुष्मान भारत कार्ड भी बनाए गए थे.
जनवरी 2025 में संताल परगना के 2 जिलों में लगेंगे मेगा हेल्थ कैंप
कोल्हान के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पहले भी डॉ भारती कश्यप PVTG (पर्टिकुलर वल्नरेबल ट्राइबल ग्रुप) ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर आई कैंप और मेगा महिला स्वास्थ्य कैंप लगाए हैं. 1 जुलाई 2024 को गोईलकेरा में और इससे पहले 14 जून 2024 को गुवा में स्वास्थ्य कैंप लगाया था. अब 4 जनवरी 2025 को पाकुड़ में और 5 जनवरी 2025 को साहिबगंज जिले में ऐसे ही मेगा हेल्थ कैंप (Mega Health Camp) का आयोजन होगा, जिसका लाभ हजारों गरीबों को मिलेगा.
क्या है क्रायो ट्रीटमेंट?
डॉ भारती कश्यप ने कहा, ‘कैंप में ही सर्वाइकल इरोजन से और सर्वाइकल प्री-कैंसर से ग्रसित महिलाओं को डिजिटल वीडियो कोल्पोस्कोप की मदद से क्रायो ट्रीटमेंट देकर उन्हें बीमारी से मुक्त करना हमारा उद्देश्य है.’ क्रायो ट्रीटमेंट एक खास इलाज है. इसमें महिलाओं के जननांग के सूजन को सेंक के द्वारा खत्म कर दिया जाता है. अगर इनको क्रायो ट्रीटमेंट न मिले, तो आगे चलकर वह सर्वाइकल कैंसर की शिकार हो जाएंगी.
गर्भाशय ग्रीवा में सूजन वाली महिलाओं को क्रायो ट्रीटमेंट न मिले, तो क्या होगा?
सर्वाइकल इरोजन से और सर्वाइकल प्री-कैंसर से ग्रसित महिलाओं को डिजिटल वीडियो कोल्पोस्कोप की मदद से क्रायो ट्रीटमेंट देकर उन्हें बीमारी से मुक्त किया जाता है. अगर उनको क्रायो ट्रीटमेंट न मिले, तो आगे चलकर उनको सर्वाइकल कैंसर हो जाएगा. सर्वाइकल कैंसर से बड़ी संख्या में भारत में महिलाओं की मौतें हो रहीं हैं.
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