पारा 44 डिग्री पहुंचा, उल्टी-दस्त व बुखार के मरीजों से बेड फुल
बढ़ते पारे के मिजाज व गर्मी ने अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ा दी है. जानकारी के अनुसार, गर्मी व लू की चपेट में लोग आ रहे हैं.
सदर अस्पताल : मरीजों का जमीन और स्ट्रेचर पर हो रहा इलाजलू व हीटवेव से बचाने की सलाह दे रहे डॉक्टर
चाईबासा.
बढ़ते पारे के मिजाज व गर्मी ने अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ा दी है. जानकारी के अनुसार, गर्मी व लू की चपेट में लोग आ रहे हैं. जिससे सरकारी व निजी अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. मरीजों में अधिकांश उल्टी-दस्त और बुखार के शामिल हैं.शुक्रवार को अधिकतम पारा 44.0 डिग्री और न्यूनतम 24.2 डिग्री सेल्सियस रहा. मालूम हो कि वर्तमान में सदर अस्पताल में औसतन 350 से 400 तक मरीजों की संख्या हो जा रही है. इमरजेंसी में बेड फुल हो जा रहे हैं. मरीजों को जमीन और स्ट्रेचर पर रखकर इलाज किया जा रहा है. तेज धूप से लोगों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेय साबित हो रहा है. डॉक्टर लू और हीट वेव से खुद को बचाये रखने की सलाह दे रहे हैं.
गर्मी व लू में सावधानी बरतना अनिवार्य:
इधर, चिकित्सकों का कहना है कि अत्यधिक गर्मी और उमस विशेष रूप से शिशुओं, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गो के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है. गर्मी व लू में जरूरी है कि हम सावधान रहें. इस मौसम में अधिक से अधिक पानी पीयें, खुले में कार्य करते हैं तो चेहरा, हाथ पैर को कपड़े से ढकें. छाते का प्रयोग करें, घर में बने पेय पदार्थ लस्सी, नींबू पानी व छाछ आदि का प्रयोग करें. पेट में मरोड़ घमोरियां, शरीर में कमजोरी, चक्कर आना, सिर में तेज दर्द जैसे लक्ष्मण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सीय सलाह लें.कोट
जिला सदर अस्पताल में बढ़ती गर्मी के साथ-साथ मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है. बुखार, दस्त, पेट दर्द के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. अस्पताल में बेड फुल होने पर बुखार व दस्त की दवा पैरासिटामोल व लिवोसिट्राजिन आदि देर मरीजों को वापस उनके घर भेजा रहा है.-डॉक्टर दिवाकर सिंह, सदर अस्पताल
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