चक्रधरपुर :नहीं रहे मधुसूदन महतो उवि के संस्थापक सदस्य राजकिशोर दा
लंबे समय से चल रहे बीमार थे. विद्यालय परिवार ने श्रद्धांजलि दी.
संवाददाता, चक्रधरपुर
चक्रधरपुर के आसनतलिया स्थित मधुसूदन महतो उच्च विद्यालय व मधुसूदन मेमोरियल एडुकेशनल सोसाइटी के संस्थापक सदस्य राजकिशोर महतो (74) का उनके पैतृक आवास में 21 मई की रात्रि करीब 9:00 बजे आकस्मिक निधन हो गया है. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन पर विद्यालय में एक शोक सभा का आयोजन कर विद्यार्थियों, विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव श्याम सुंदर महतो सह सचिव गणेश्वर महतो, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश महतो, विद्यालय के निदेशक लक्ष्मण महतो, प्राचार्य प्रशांत तिवारी, उप प्राचार्य बसंत कुमार महतो आदि ने श्रद्धांजलि दी. इसी के साथ विद्यालय की सभी कक्षाएं स्थगित करते हुए 9 जून तक विद्यालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गयी.असामयिक निधन से हुई अपूर्णीय क्षति : सचिव
विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव श्री महतो ने उनके असामयिक निधन को अपूर्णीय क्षति बताया. उन्होंने कहा कि राज किशोर महतो शांत, सुशील एवं मृदुभाषी व्यक्तित्व के धनी थे. उन्होंने अपना शिक्षक जीवन जमुई, मुंगेर से प्रारंभ करते हुए विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत रहे. जमुई से स्थानांतरित हो कर उन्होंने कराइकेला उच्च विद्यालय, उवि बोड़ाम, पटमदा, बालिका उवि खूंटी व पुरनिया उच्च विद्यालय पुरनिया में कार्यरत रहे. सन 2010 के जनवरी में पुरनिया उच्च विद्यालय पुरनिया से प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत हुए. वे अर्थशास्त्र, अंग्रेजी एवं कुड़माली के अच्छे ज्ञाता थे. वे अपने पीछे एक भरा- पूरा संयुक्त परिवार छोड़ गये. जिसमें पत्नी के अलावे दो पुत्र अभिषेक कुमार महतो व मिथुन महतो, दो पुत्री, दो भतीजे पंकज कुमार महतो और प्रेम किशोर महतो शामिल हैं. उनका झारखंड कुड़माली भाषा विकास के उत्थान में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है