29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अच्छी उपज को मिट्टी की जांच करा खेती करें : कृषि वैज्ञानिक

हाटगम्हरिया : अच्छी बारिश की भविष्यवाणी से किसान गदगद, खेतों को तैयार करने में जुटे

प्रतिनिधि, हाटगम्हरिया

माॅनसून दस्तक देने को है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले कुछ दिनों के अंतराल में झमाझम बारिश शुरू हो जाएगी. मौसम विभाग की अच्छी बारिश की भविष्यवाणी से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं. किसान अपने खेतों को तैयार करने में जुट गये हैं. वहीं, कृषि वैज्ञानिक भी किसानों को नयी व वैज्ञानिक विधि से खेती करने को प्रोत्साहित कर रहे हैं.

बिरसा कृषि विश्व विद्यालय रांची से सम्बद्ध पश्चिमी सिंहभूम के कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ संजय कुमार साथी ने बताया कि वर्तमान में खरीफ (धान) की खेती का समय है. अच्छी धान की पैदावार के लिए किसान सबसे पहले खेत को अच्छी तरह से जुताई करें. मिट्टी को सूखने दें. उसके बाद मिट्टी की जांच करायें कि वह अम्लीय है या क्षारीय. ऊपरी मध्य व निचली भूमि के लिए तीन अलग-अलग प्रजाति के धान बाजार में उपलब्ध हैं. किसान अपनी खेतों के अनुसार धान के बीजों का चयन करें. ऊपरी व बंजर किस्म की जमीन के लिए एम 10-10 बिरसा विकास 101,102 एवं बंदना, मध्यम भूमि को आइआर 64 और निचली भूमि को स्वर्णा, एम 2- 29 उपयुक्त है.

हरा व जैविक खाद का प्रयोग करना श्रेयस्कर

साथी ने बताया कि अच्छी पैदावार को हरा व जैविक खाद का प्रयोग करना श्रेयस्कर है. इसके लिए खेतों में ढेंचा का प्रति एकड़ 10 किलो बुआई करें. उसके बीच जब ढेंचा दो से तीन फीट का हो जाये, तब उसमें हल चला दें. ताकि ढेंचा मिट्टी में ठीक तरह से मिल जाये. मिट्टी यदि अम्लीय है, तो चूना (डोलोमाइट) प्रति एकड़ 15 सौ किलो ग्राम का छिड़काव करें. चूने को अच्छी तरह मिट्टी से ढंक दें. हरा खाद के लिए किसान नील हरित शैवाल का भी प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए 10 किलो ग्राम खेतों में रोपाई के 10 दिन पूर्व छींट दें. ये शैवाल वायुमंडल से नाइट्रोजन का अवशोषण कर खेतों में पहुंचाते हैं, जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति बनी रहती है. उसके बाद उपचारित बीज का प्रयोग करें. किसानों धान की रोपाई व बुआई 15 अगस्त तक कर लें.

…………………..

सृजित 6 पद, 2 ही काम चल रहा

मौजूदा समय में पश्चिमी सिंहभूम कृषि विज्ञान केंद्र बहुत ही विकट परिस्थिति से गुजर रहा है. यहां वैज्ञानिकों के स्वीकृति पद प्रभारी समेत कुल 6 हैं, लेकिन वर्तमान में इस केंद्र में मात्र 2 ही वैज्ञानिक कार्यरत हैं, जिसमें प्रभारी के रूप में डाॅ सनथ कुमार सावैयां व डाॅ संजय कुमार साथी हैं. बावजूद इसके हम लोग मिल कर किसी तरह यहां के किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके, इसका प्रयास कर रहे हैं.

-डाॅ संजय कुमार साथी, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक, पश्चिमी सिंहभूम

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें