NIA Raid: नक्सल, टेरर फंडिंग मामले में ईंट-भट्ठा कारोबारी के ठिकानों पर 3 घंटे चली एनआईए की रेड, मोबाइल जब्त
NIA Raid in Jharkhand: नक्सल कनेक्शन और टेरर फंडिंग की आशंका के बीच पश्चिमी सिंहभूम में एक ईंट-भट्ठा कारोबारी के यहां एनआईए की टीम ने रेड मारी.
NIA Raid in Jharkhand: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम ने बृहस्पतिवार (27 जून) को एक ईंट-भट्ठा कारोबारी के यहां छापेमारी की. कारोबारी का पुराना मोबाइल फोन जब्त किया और उसके ठिकानों पर जरूरी दस्तावेजों की जांच की. पैसों के लेन-देन की भी जांच की.
एनआईए ने जोगेश्वर गोप के कर्मचारियों से 3 घंटे तक की पूछताछ
ईंट-भट्ठा कारोबारी जोगेश्वर गोप और कर्मचारियों से एनआईए की टीम ने लगातार 3 घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान बैंक के कागजात की जांच की. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कारोबारी का पुराना मोबाइल फोन जब्त कर लिया. इम मामले में एनआईए ने पत्रकारों को कुछ भी बताने से इंकार कर दिया, लेकिन ईंट-भट्ठा कारोबारी जोगेश्वर गोप उर्फ जोगी ने खुद को पूरी तरह से निर्दोष बताया है.
पश्चिमी सिंहभूम के मनोहरपुर में 7:30 से 10:30 बजे तक चली रेड
एनआईए की टीम ने नक्सली कनेक्शन और टेरर फंडिंग मामले में सुबह पश्चिमी सिंहभूम के मनोहरपुर के नंदपुर स्थित ईंट-भट्ठा कारोबारी जोगेश्वर गोप उर्फ जोगी के भट्ठे में छापेमारी की. सुबह 7:30 बजे से 10:30 बजे तक कई दस्तावेज खंगाले. भट्ठा में काम कर रहे कर्मचारियों से पूछताछ की.
3 नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई जांच से जुड़ा है मामला
जानकारी के मुताबिक, आनंदपुर थाना क्षेत्र में 2 जुलाई, 2022 को 3 नक्सली गिरफ्तार किए गए थे. इन नक्सलियों के पास से कुछ साहित्य और पत्र मिले थे, जिससे नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को आशंका है कि ईंट-भट्ठा कारोबारी ने टेरर फंडिंग की है. गिरफ्तार तीनों नक्सली पालकोट निवासी सुखराम मुंडा, समरू खड़िया और साखू प्रधान को बेड़ाकेंदुदा स्कूल के समीप से गिरफ्तार किया गया था.
2023 से टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही है एनआईए
ये तीनों नक्सली एक करोड़ रुपए के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा से मिलने सारंडा आ रहे थे. इसी दौरान इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. ये नक्सली गोला-बारूद और फंड लेकर मिसिर बेसरा से मिलने जा रहे थे. उस समय पुलिस को कुछ अहम जानकारियां हाथ लगी थी. इस केस को वर्ष 2023 में एनआईए को सौंप दिया गया. तब से केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए इसकी छानबीन कर रही है.
जोगेश्वर गोप ने दी सफाई- मेरा नक्सलियों से कोई लेना-देना नहीं
एनआईए की छापेमारी पर जोगेश्वर गोप ने कहा कि वे कोर्ट के काम से चाईबासा गए हुए थे. इसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि एनआईए की टीम उनके यहां छानबीन करने पहुंची है. उन्होंने अपने सहयोगी को टीम के साथ भेजा. जोगेश्वर गोप ने यह भी कहा की उन्होंने एनआईए की टीम के साथ पूरा सहयोग किया. कहा कि वह नक्सल अथवा टेरर फंडिंग जैसे किसी भी मामले में संलिप्त नहीं है. पूरी जीवन में उन्होंने ऐसा कोई भी काम नहीं किया है. वे ऐसे किसी भी मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं.
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