सिंहभूम के साहसी नेता आरपी षाड़ंगी ने प्रधानमंत्री से पूछा था- अपनी पार्टी के लोगों को भ्रष्टाचार करने की छूट है?
Rudra Pratap Sarangi: अलग राज्य बनने के बाद झारखंड की चर्चा भ्रष्टाचार के लिए सबसे अधिक हुई. एक समय था, जब यहां के नेता भ्रष्टाचार के खिलाफ बेहद सख्त थे. रुद्र प्रताप षाड़ंगी ने तो अपनी ही सरकार के मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. प्रधानमंत्री के सवाल का बेबाकी से जवाब दिया और उनको निरुत्तर कर दिया. पढ़ें पूरी कहानी.
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Rudra Pratap Sarangi|Jharkhand Chunav Flash Back|झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के नेता और बिहार सरकार के ‘छापामार’ मंत्री के रूप में मशहूर हो चुके रुद्र प्रताप षाड़ंगी सांसद भी बने थे. भ्रष्टाचार से उन्हें सख्त नफरत की. इसके लिए वह अपनी ही पार्टी के मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलने से भी नहीं हिचकिचाते थे. अपनी ही सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले आरपी षाड़ंगी ने प्रधानमंत्री की भी बोलती बंद कर दी थी. झारखंड चुनाव फ्लैश बैक की इस कड़ी में उनकी ईमानदारी, निर्भीकता और पार्टी के प्रति निष्ठा की कहानी.
बीजू पटनायक के मंत्रालय में घोटाले का किया पर्दाफाश
रुद्र प्रताप षाड़ंगी जब सांसद थे, उस समय केंद्र में जनता पार्टी की सरकार थी. मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे. रुद्र प्रताप षाड़ंगी इसी पार्टी के सांसद थे. उन्होंने अपनी ही पार्टी के इस्पात मंत्री बीजू पटनायक के मंत्रालय में करोड़ों के घोटालों का पर्दाफाश कर दिया. बात प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई तक पहुंची.
मोरारजी देसाई और रुद्र प्रताप षाड़ंगी का संवाद
मोरारजी देसाई ने रुद्र प्रताप षाड़ंगी को बुलाया. उनसे पूछा – किस पार्टी के सांसद हो? रुद्र प्रताप षाड़ंगी का स्पष्ट जवाब था – जनता पार्टी का. प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने उनसे फिर पूछा- बीजू पटनायक किस पार्टी के मंत्री हैं? आरपी षाड़ंगी का जवाब – जनता पार्टी के.
रुद्र प्रताप षाड़ंगी के कायल हो गए प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई
अब मोरारजी देसाई बोले- फिर अपनी ही पार्टी के मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर यह क्या कर रहे हो? रुद्र प्रताप षाड़ंगी इस सवाल से बिल्कुल भी विचलित नहीं हुए. उन्होंने इस सवाल का जो जवाब दिया, उसने मोरारजी देसाई को न केवल निरुत्तर कर दिया, बल्कि प्रधानमंत्री रुद्र प्रताप षाड़ंगी के कायल भी हो गए.
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए पीएम ने ठोंकी पीठ
रुद्र प्रताप षाड़ंगी ने तपाक से प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से पूछा- क्या अपनी पार्टी के लोगों को भ्रष्टाचार करने की छूट है? यह उत्तर सुनकर मोरारजी देसाई निरुत्तर हो गए. प्रधानमंत्री ने रुद्र प्रताप षाड़ंगी की पीठ ठोंकी और बोले- आगे बढ़ो.
कड़िया मुंडा पर लगाया था गैस कूपन में अनियमितता का आरोप
रुद्र प्रताप षाड़ंगी ने खूंटी के सांसद और लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा पर गैस कूपन बांटने में अनियमितता के आरोप भी लगाये थे. यानी कुल मिलाकर कहें, तो जब तक राजनीति में रहे, रुद्र प्रताप षाड़ंगी पार्टी के अंदर और पार्टी के बाहर भ्रष्टाचार से सदैव लड़ते रहे.
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भाजपा ने 6 साल के लिए निष्कासित किया, लेकिन पार्टी नहीं बदली
वर्ष 1996 में 6 साल के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रुद्र प्रताप षाड़ंगी को पार्टी से निष्कासित कर दिया. लेकिन, उन्होंने अपनी निष्ठा नहीं बदली. पार्टी भी नहीं बदली. अर्जुन मुंडा जब झारखंड के मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने षाड़ंगी को पश्चिमी सिंहभूम जिला 20 सूत्री कार्यक्रम का अध्यक्ष बनाया.
चक्रधरपुर में इस बार भाजपा और झामुमो की भिड़ंत
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित चक्रधरपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने शशिभूषण समद को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सुखराम उरांव को टिकट दिया है.
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