झारखंड से कुपोषण खत्म करने की पहल, ‘शिशु शक्ति’ खाद्य पैकेट का वितरण शुरू

Shishu Shakti Food: झारखंड के 3.90 लाख बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने की पहल चक्रधरपुर से हुई है. 394 बच्चों की पहचान करके उनके लिए शिशु शक्ति खाद्य पैकेट का वितरण शुरू किया गया है. जानें क्या है यह योजना और कैसे झारखंड को कुपोषण से मुक्त करने में होगा मददगार.

By Mithilesh Jha | January 19, 2025 6:30 AM

Shishu Shakti Food: झारखंड सरकार ने कुपोषण को खत्म करने की पहल शुरू कर दी है. इसके लिए सरकार ने गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए ‘शिशु शक्ति’ खाद्य पैकेट का वितरण शुरू कर दिया है. इसकी शुरुआत शनिवार (18 जनवरी 2025) को हुई. ‘शिशु शक्ति’ नामक खाद्य पैकेट में सरकार द्वारा वर्तमान में उपलब्ध कराए जा रहे राशन की तुलना में ऊर्जा, प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर है. पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की गई है. कार्यक्रम में 10 अति गंभीर कुपोषित बच्चों की देखभाल करने वाले उपस्थित अतिथियों ने संवर्धित टीएचआर का वितरण किया गया. 5 गर्भवती महिलाओं की गोद भराई एवं 5 बच्चों का अन्नप्राशन भी किया गया.

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अधिकारियों ने 5 बच्चों का अन्नप्राशन कराया. देखें Video

‘शिशु शक्ति आहार कार्यक्रम झारखंड के सपनों को साकार करेगा’

पश्चिमी सिंहभूम जिला के चक्रधरपुर रेलवे ऑफिसर क्लब के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस अवसर पर राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग (निबंधन रहित) और परिवहन विभाग के मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि झारखंड सरकार की इस महत्वाकांक्षी शिशु शक्ति संवर्धित टीएचआर कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य झारखंड सरकार के सपनों को साकार करना है. इसके लिए सबसे जरूरी है कि हर घर के बच्चे के पोषण स्तर का आकलन हर माह किया जाए. जो भी अति गंभीर कुपोषित बच्चे हैं, उनको इस कार्यक्रम से जोड़कर राज्य को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में काम किया जाए.

कार्यक्रम को संबोधित करते झारखंड सरकार के मंत्री दीपक बिरुवा.

हर बच्चे को बेहतर पोषण की आवश्यकता – जोबा माझी

सिंहभूम की सांसद जोबा माझी ने कहा कि हर बच्चे को बेहतर पोषण की आवश्यकता है. इसलिए यह जरूरी है कि हर अति गंभीर कुपोषित बच्चे को कार्यक्रम से आच्छादित किया जाए. झारखंड सरकार कुपोषण एवं एनीमिया उन्मूलन के लिए गंभीरता से काम कर रही है. चक्रधरपुर विधायक ने संवर्धित टीएचआर के साथ-साथ घर का पौष्टिक खाना देने पर भी जोर दिया.

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चक्रधरपुर रेलवे ऑफिसर क्लब के सभागार का ऐसा था नजारा.

पोषण मिशन की निदेशक ने दी शिशु शक्ति की जानकारी

झारखंड राज्य पोषण मिशन की निदेशक समीरा एस ने शिशु शक्ति के उपयोग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि अति कुपोषित बच्चों में शिशु शक्ति के उचित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस टीएचआर का उपयोग सिर्फ अति गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए ही किया जाए.

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झारखंड के 3.90 लाख बच्चे हैं कुपोषित

इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि यह गर्व की बात है कि इस कार्यक्रम का शुभारंभ जिले के चक्रधरपुर प्रखंड से किया जा रहा है. इसलिए आवश्यक है कि इस कार्यक्रम का घर-घर प्रचार हो. योजना की निगरानी हो. हर परिवार को इसके लिए जागरूक करने की आवश्यकता है. कार्यक्रम की सफलता के बाद यह कार्यक्रम राज्य के सभी जिलों में संचालित किया जाएगा. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में लगभग 3.90 लाख बच्चे कुपोषित या कम वजन के हैं.

क्या है ‘शिशु शक्ति’ योजना

  • महिला एवं बाल विकास विभाग 6 माह से 6 वर्ष तक के अति गंभीर कुपोषित बच्चों के पोषण के लिए शिशु शक्ति कार्यक्रम शुरू किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को टेक होम राशन के तहत अधिक कैलोरी तथा प्रोटीनयुक्त आहार उपलब्ध कराया जाएगा.
  • पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह कार्यक्रम पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड में अगले 4 माह के लिए संचालित किया जाएगा. शिशु शक्ति को अति गंभीर कुपोषित बच्चों की उम्र के अनुसार सही मात्रा देने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है. इसके सही इस्तेमाल एवं रखरखाव के लिए एक हवाबंद डब्बा तथा 30 ग्राम का स्कूप भी सभी लाभुकों को दिया जा रहा है.
  • एएनएम सहिया और आंगनबाड़ी सेविका को प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है. इसमें यूनिसेफ और रिम्स रांची के द्वारा तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया है.

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कैसे बनता है ‘शिशु शक्ति’ आहार

शिशु शक्ति आहार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अनाज, दालों, मेवों और बाजरे से बनाया जाता है. इसे 6 महीने से 6 साल के बीच के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को उम्र के हिसाब से उचित मात्रा में दिए जाने पर बेहतर परिणाम देने के लिए तैयार किया गया है.

पायलट परियोजना अगले 4 महीने तक चलेगी. इसकी सफलता की लगातार निगरानी की जाएगी. इसके लिए प्रखंड में गंभीर रूप से कुपोषित 397 बच्चों की पहचान की गई है. इन बच्चों को घर में बने सामान्य भोजन के साथ ‘शिशु शक्ति’ आहार भी दिया जाएगा.

समीरा एस, निदेशक, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, झारखंड

कार्यक्रम में ये लोग भी रहे मौजूद

सिंहभूम की सांसद जोबा माझी, चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी, महानिदेशक झारखंड राज्य पोषण मिशन समीरा एस, उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, पोड़ाहाट-चक्रधरपुर अनुमंडल पदाधिकारी श्रुति राजलक्ष्मी, महिला बाल विकास एवं समाजिक सुरक्षा विभाग के उप सचिव विकास कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सहायक निदेशक समाज कल्याण निदेशालय, पोषण विशेषज्ञ यूनिसेफ, एसबीसीसी विशेषज्ञ सहित अन्य उपस्थित रहे.

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