चक्रधरपुर : तीन माह से टीबी मरीजों को नहीं मिल रही दवा

चक्रधरपुर अनुमंडल में यक्ष्मा मरीजों की संख्या 450 से अधिक है. तीन माह दवा की जगह बमुश्किल से 5 से 10 दिनों की मिल रही दवा दी जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 3, 2024 11:02 PM

चक्रधरपुर.

अनुमंडल अस्पताल के यक्ष्मा रोग विभाग में पिछले तीन माह से रोगियों को मिलने वाली दवाइयां न के बराबर सप्लाई हो रही है. इससे मरीजों को एक साथ दो माह की दवा देने की बजाय मात्र 5 से 10 दोनों की ही दवा दी जा रही है. इससे मरीजों को कंटीन्यू छह माह तक खाने वाली दवाइयाें को बीच-बीच में रोकना पड़ रहा है. इससे समय पर मरीज ठीक नहीं हो पा रहे हैं. चक्रधरपुर अनुमंडल में 450 से अधिक यक्ष्मा मरीज हैं. इन सभी मरीजों को अनुमंडल अस्पताल से ही दवाइयां उपलब्ध होती है. लेकिन अस्पताल में दवाइयां की सप्लाई न के बराबर होने से मरीजों के सामने विकट स्थिति उत्पन्न होने लगी है. अनुमंडल अस्पताल जिला यक्ष्मा विभाग से मरीजों के लिए उपयुक्त मात्रा में दवाइयां मांगी जाती है. लेकिन दवाइयां की सप्लाई कम हो रही है.

अस्पताल में सामान्य मरीजों के साथ रहते हैं यक्ष्मा के रोगी

चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में अलग से यक्ष्मा मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था नहीं है. इस कारण अस्पताल के सामान्य वार्ड में ही यक्ष्मा मरीजों को रखा जाता है. इससे सामान्य मरीजों में भी यक्ष्मा रोग संबंधित संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.

यक्ष्मा की दवाइयाें की सप्लाई कम : मनोज सामड

अनुमंडल अस्पताल के यक्ष्मा रोग के वरीय चिकित्सा पर्यवेक्षक मनोज कुमार सामड ने कहा कि पिछले तीन माह से जिला से ही दवाइयां कम मात्रा में भेजी जा रही है. इसके कारण रोगियों को छह माह की जगह मात्र 5 से 10 दोनों की दवाई दी जा रही है. उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या को देखते हुए यथाशीघ्र पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध करायी जाये. ताकि रोगियों की बढ़ती संख्या को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि अनुमंडल अस्पताल में अलग से यक्ष्मा मरीजों को रखने के लिए वार्ड नहीं है. जिसके कारण सामान्य मरीजों के साथ ही यक्ष्मा मरीजों को रखा जाता है. लेकिन सामान्य मरीजों को घबराना नहीं है. क्योंकि एक सप्ताह का दवाई खाने के बाद यक्ष्मा मरीजों से संक्रमण फैलने का खतरा न के बराबर हो जाता है.

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